विवाहित जोड़ों की 25 आम वैवाहिक समस्याएँ और समाधान

क्या आप बैठे-बैठे यह सोच रहे हैं, कि शादीशुदा जीवन इतना मुश्किल क्यों है? क्या आम वैवाहिक समस्याएँ आपको अपने रिश्ते पर सवाल उठाने पर मजबूर कर रही हैं, कि क्या यह रिश्ता टिकेगा या नहीं?

ज़्यादातर लोगों के लिए शादी चुनौतीपूर्ण हो सकती है, क्योंकि इसमें अपने जीवन और लक्ष्यों को किसी और के साथ शामिल करना होता है। बच्चों या अन्य बड़े बदलावों के बाद विवाह संबंधी समस्याओं से निपटना चुनौतीपूर्ण हो सकता है और इससे नाराज़गी और निराशा की भावनाएँ पैदा हो सकती हैं।

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हालाँकि, वैवाहिक समस्याएँ अक्सर लापरवाह व्यवहार और अनदेखी का नतीजा होती हैं। इन समस्याओं को सही दृष्टिकोण और खुलेपन से सुलझाया जा सकता है।

इस लेख में, विवाहित जीवन से जुड़े कुछ मतभेदों के बारे में बताया गया है, जो अक्सर विवाहित जोड़ों को परेशान करते हैं और साथ ही उनके समाधान भी बताये गए हैं, कि आप उन्हें कैसे सुलझा सकते हैं:

25 आम वैवाहिक समस्याएँ और समाधान

विवाहित जीवन में कई आम वैवाहिक समस्याएँ होती हैं, और उनमें से कई को कई अलग-अलग तरीकों और तकनीकों का उपयोग करके टाला या सुलझाया जा सकता है।

विवाहित जोड़ों के सामने आने वाली सबसे आम वैवाहिक समस्याओं पर एक नज़र डालें, और जानें कि वैवाहिक समस्याओं को कैसे सुलझाया जाए, इससे पहले कि वे आपके रिश्ते को अपूरणीय क्षति पहुंचाएं।

1. बेवफ़ाई

बेवफ़ाई, रिश्तों में सबसे आम वैवाहिक समस्याओं में से एक है। एक हालिया साक्षात्कार के आंकड़ों पता चलता है, कि साक्षात्कार में शामिल लगभग 20% पुरुषों ने अपने साथी को धोखा देने की बात स्वीकार की, जबकि 10% महिलाओं ने बेवफ़ाई की बात स्वीकारी। इसमें धोखा देना और भावनात्मक संबंध रखना शामिल है।

बेवफाई के अन्य उदाहरणों में शामिल हैं – वन-नाइट स्टैंड, अवैध संबंध, साइबर संबंध और लंबी अवधि या छोटी अवधि के संबंध। किसी रिश्ते में बेवफाई कई अलग-अलग कारणों से होती है; यह एक आम समस्या है और जिसका समाधान खोजने के लिए विभिन्न जोड़े संघर्ष कर रहे हैं।

समाधान

बेवफाई से संबंधित विवाह समस्याओं को कैसे ठीक करें? किसी रिश्ते में बेवफाई तभी हो सकती है, जब रिश्ते में भावनात्मक संबंध मजबूत न हों और इससे विश्वास टूट सकता है।

शोध से पता चलता है, कि एक मजबूत भावनात्मक बंधन बनाए रखना, यौन अंतरंगता और सीमाओं का उल्लंघन न करना रिश्ते में बेवफाई से निपटने के तीन प्रमुख तरीके हैं।

2. यौन मतभेद

एक दीर्घकालिक रिश्ते में शारीरिक अंतरंगता अपरिहार्य है, लेकिन यह अब तक की सबसे आम विवाह समस्याओं में से एक है और यौन समस्याओं का मूल कारण भी है। रिश्ते में यौन समस्याएं कई कारणों से हो सकती हैं, जो बाद में बहु विवाह जैसी समस्याओं का मार्ग प्रशस्त करती हैं।

अध्ययनों से पता चलता है, कि यौन संतुष्टि के साथ-साथ यौन संगति को जोड़ों के लिए रिश्ते की संतुष्टि निर्धारित करने में सबसे महत्वपूर्ण कारक माना जाता है।

वैवाहिक जीवन में सबसे आम यौन समस्या कामेच्छा में कमी है। बहुत से लोगों की यह धारणा होती है, कि केवल महिलाओं में ही कामेच्छा की समस्या होती है, लेकिन पुरुषों को भी इसका अनुभव होता है।

अन्य मामलों में, यौन समस्याएं जीवनसाथी की यौन प्राथमिकताओं के कारण भी हो सकती हैं। रिश्ते में एक साथी को दूसरे साथी की तुलना में अलग यौन चीजें करना पसंद हो सकता है, जिससे दूसरे जीवनसाथी को असहजता हो सकती है।

समाधान

संवाद और खुले विचार रखने से किसी भी तरह की यौन असंगति से निपटने के लिए महत्वपूर्ण है। यह यौन अंतरंगता को पनपने के लिए महत्वपूर्ण शारीरिक और भावनात्मक बंधन को फिर से स्थापित कर सकता है।

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3. मूल्य और विश्वास

निश्चित रूप से, एक वैवाहिक रिश्ते में मतभेद और असहमति होगी, लेकिन कुछ मतभेद इतने महत्वपूर्ण होते हैं, कि उन्हें अनदेखा नहीं किया जा सकता है, जैसे कि महत्व और विश्वास। एक जीवनसाथी का एक धर्म हो सकता है, तो वहीं दूसरे का किसी अन्य में विश्वास हो सकता है।

मान्यताओं में अंतर अन्य सामान्य विवाह समस्याओं के अलावा भावनात्मक खाई को जन्म दे सकता है।

आपको पता होना चाहिए, यह तब बहुत बड़ी परेशानी पैदा कर सकता है, जब एक पति या पत्नी अलग-अलग चीजें कर-कर के थक जाता है, जैसे कि अलग-अलग पूजा स्थलों पर जाना। इस तरह की वैवाहिक समस्याएँ अंतर-सांस्कृतिक विवाह में काफी होती हैं।

इसमें बच्चों के पालन-पोषण का तरीका और बचपन में उन्हें सिखाई गई चीज़ें भी शामिल हैं, जैसे कि सही और गलत की परिभाषा।

चूँकि, हर कोई एक ही विश्वास प्रणाली, नैतिकता और लक्ष्यों के साथ बड़ा नहीं होता है, इसलिए रिश्ते में बहस और संघर्ष की बहुत गुंजाइश होती है।

समाधान

विभिन्न मान्यताओं से उत्पन्न संघर्षों का एकमात्र समाधान यह है, कि दोनों आपस में बातचीत करते रहें और किसी भी समझौते के लिए तैयार रहें।

कुछ ऐसे भी मामले होते हैं, जहाँ समझौता संभव नहीं, तो सबसे अच्छा समाधान समझदारी दिखाना और ऐसे मामलों पर असहमत होते हुए भी सहमत होना है।

4. जीवन की अवस्थाएं

बहुत से लोग रिश्ते बनाते समय अपने जीवन की अवस्थाओं के बारे में तनिक भी विचार नहीं करते हैं।

कुछ मामलों में, वैवाहिक समस्याएँ केवल इसलिए होती हैं, क्योंकि दोनों पति-पत्नी एक-दूसरे से आगे निकल गए हैं और जिंदगी में किसी और चीज की चाह अधिक रखते हैं।

समय के साथ अलग होना उन विवाहित जोड़ों के बीच एक आम समस्या है, जिनकी उम्र में काफ़ी अंतर होता है, चाहे वह एक उम्रदराज आदमी और छोटी महिला हो या एक बड़ी महिला और छोटा पुरुष हो।

समय के साथ व्यक्तित्व बदल जाते हैं, और हो सकता है, कि जोड़े पहले की तरह एक-दूसरे के साथ न रहें। उम्र में अंतर वाले जोड़े, जो जीवन की अलग-अलग पड़ावों पर हैं, उन्हें इस आम वैवाहिक समस्या का सामना अवश्य करना पड़ता है।

समाधान

समय-समय पर अपने रिश्ते को परखते रहें, ताकि यह सुनिश्चित हो सके, कि आप और आपका साथी एक साथ आगे बढ़ें और समय के साथ विभक्त न हों। जीवन के सफर में व्यक्तिगत रूप से और एक जोड़े के रूप में, जो भी बदलाव आते हैं, उन्हें प्यार से स्वीकार करने का प्रयास करें।

एक और चीज़ जो आप आज़मा सकते हैं, वह है कोई कार्यकलाप या किसी नए शौक को अपनाने की कोशिश करें, जो आप दोनों को फिर से एक-दूसरे को जानने और अपने रिश्ते को मजबूत बनाने का मौका दें।

5. आघात देने वाली परिस्थितियाँ

जब जोड़े सदमे भरी परिस्थितियों से गुज़रते हैं, तो यह वैवाहिक जीवन में और भी चुनौतियाँ पैदा कर देता है।

दंपत्तियों के जीवन में घटित होने वाली बहुत सी दर्दनाक घटनाएँ उनकी पूरी जिंदगी को बदलकर रख देती हैं, जिसे वो अनुभव कर सकते हैं।

कुछ जोड़ों के लिए, ये वैवाहिक समस्याएँ अत्यंत विकट परिस्थितियाँ बन जाती हैं, क्योंकि एक पति या पत्नी को समझ ही नहीं आता, कि मौजूदा स्थिति को कैसे संभालना है।

किसी एक के अस्पताल में रहने या बिस्तर पर पड़ जाने के कारण, एक पति या पत्नी को दूसरे के बिना काम करना नहीं आता। दूसरी स्थितियों में, एक पति या पत्नी को चौबीसों घंटे देखभाल की आवश्यकता हो सकती है, जिससे वे पूरी तरह से अपने साथी पर निर्भर हो जाते हैं।

कभी-कभी, दबाव बहुत अधिक होता है, और ज़िम्मेदारी इतनी अधिक होती है, कि उसे संभालना मुश्किल होता है, समझदारी से न संभालने पर रिश्ता धीरे-धीरे खत्म होने की ओर अग्रसर हो जाता है।

समाधान

ऐसे समय में स्वार्थी न बनें, बल्कि अपनी भावनाओं को समझने के लिए अपने आप को कुछ समय दें, जिससे आपके रिश्ते को फ़ायदा हो सकता है। स्थितियों की समीक्षा करने से आपको या आपके साथी को किसी भी दर्दनाक अनुभव से बाहर निकालने या चुनौतियों से निपटने में मदद कर सकता है।

6. तनाव

तनाव एक आम वैवाहिक समस्या है, जिसका सामना ज़्यादातर जोड़े अपने रिश्ते में कम से कम एक बार ज़रूर करते हैं। विभिन्न परिस्थितियाँ और घटनाएं रिश्तों में तनाव पैदा कर सकती हैं, जिनमें वित्तीय, पारिवारिक, मानसिक और बीमारी शामिल हैं।

जीवनसाथी की नौकरी छूटने या नौकरी से हटाए जाने से वित्तीय समस्याएँ पैदा हो सकती हैं। परिवार में तनाव से बच्चे या परिवार से जुड़ी वैवाहिक समस्याएँ हो सकती हैं। ऐसे ही, कई अलग-अलग चीज़ें तनाव को ट्रिगर करती हैं।

तनाव को प्रबंधित और संभालना आना चाहिए, अन्यथा ज़्यादा तनाव पैदा हो सकता है।

समाधान

रिश्ते में तनाव को संभालने की ज़रूरत होती है, नहीं तो यह रिश्ते को बर्बाद कर सकता है। आप एक-दूसरे से ईमानदारी और धैर्य से बात करके इस समस्या को हल करने की कोशिश कर सकते हैं। अगर बात करने से मदद नहीं मिलती है, तो आप योग या ध्यान जैसी चीजें अपना सकते हैं, जो जो आपको अपने तनाव से बेहतर तरीके से निपटने में मदद करते हैं।

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7. नीरसता (बोरियत)

रिश्ते में नीरसता (बोरियत) एक गंभीर लेकिन कम आंकी गई वैवाहिक समस्या है।

समय के साथ कुछ पति-पत्नी अपने रिश्ते से ऊब जाते हैं। वे रिश्ते में होने वाली कई चीज़ों से थक सकते हैं। इस स्थिति में, यह रिश्ते से ऊबने की जैसा है, क्योंकि यह पूर्वानुमानित हो गया है।

एक जोड़ा बिना किसी बदलाव या उत्साह के हर दिन एक ही जैसा काम कर सकता है। रिश्ते में जोश आमतौर पर समय-समय पर बेसिरपैर की बातें या चीजें करने से बढ़ती है। अगर किसी रिश्ते में स्फूर्त क्रियाकलापों की कमी है, तो इस बात की अच्छी संभावना है, कि बोरियत एक समस्या बन जाएगी।

समाधान

अपने रिश्ते में पसरी नीरसता को दूर करने के लिए कुछ अप्रत्याशित करें, चाहे वह बेडरूम में हो या जिंदगी के अन्य क्षेत्रों में। अपने साथी को उपहार देकर, एक अप्रत्याशित योजना बनाकर, या सेक्स की नयी पोजीशन से आश्चर्यचकित करें और अपने रिश्ते में आये बदलाव को महसूस करें।

8. ईर्ष्या (जलनखोरी)

ईर्ष्या या जलनखोरी की भावना एक और आम वैवाहिक समस्या है, जो वैवाहिक जीवन को खराब कर देती है। अगर आपका साथी बहुत ज़्यादा ईर्ष्यालु स्वभाव का है, तो उनके साथ और उनके आस-पास रहना एक चुनौती बन सकता है।

ईर्ष्या (जलन) किसी भी रिश्ते के लिए एक हद तक ठीक है, लेकिन तभी तक, जब तक कि यह बहुत ज़्यादा ईर्ष्यालु न हो। ऐसे व्यक्ति दबंग स्वभाव के होंगे: वे सवाल कर सकते हैं, कि आप फ़ोन पर किससे बात कर रहे हैं, आप उनसे क्यों बात कर रहे हैं, आप उन्हें कैसे जानते हैं, आप उन्हें कितने समय से जानते हैं, आदि।

अत्यधिक जलनखोर प्रवृत्ति का जीवनसाथी होने से रिश्ते में तनाव पैदा हो सकता है; इतना अधिक तनाव, कि अंततः रिश्ते को ख़त्म होने की कगार पर पहुँचा देगा।

समाधान

अत्यधिक ईर्ष्या से बचने का एकमात्र उपाय असुरक्षा की भावना को प्रभावी ढंग से दूर करने के लिए आत्म-चिंतन करें। यदि यह करना आपको कठिन लगता है, तो किसी मनोवैज्ञानिक की मदद लें, जो आपको या आपके साथी को जलन के कारणों को समझने और इसे कम करने में मदद कर सकता है।

9. एक-दूसरे को बदलने की कोशिश करना

यह आम रिश्ते की समस्या तब शुरू होती है, जब जोड़े एक दूसरे को अपनी मान्यताओं के अनुसार ढालने की कोशिश में सीमाओं का उल्लंघन करते हैं।

ऐसा हो सकता है, कि आपके पार्टनर की सीमाओं के प्रति ऐसी अनदेखी गलती से हो जाए; जिस पति या पत्नी पर प्रतिशोधात्मक आक्रामकता दिखाई जा रही है, उसकी ओर से जवाबी आक्रामकता की सीमा आमतौर पर समय के साथ शांत हो जाती है।

समाधान

अपने साथी से सिर्फ़ प्यार ही न करें, बल्कि उनकी सीमाओं का सम्मान करना भी सीखें और उन्हें बदलने के लिए मजबूर न करें। अगर आपको अपने साथी के बारे में कुछ बातें स्वीकार करने में कठिनाई होती है, तो याद रखें, कि आप अपने साथी से वैसे ही प्यार करते रहें जैसे वे हैं, और वे भी वैसा ही करते हैं।

10. बोलचाल संबंधी समस्याएं

वैवाहिक जिंदगी में सही तरीके से बोलचाल की कमी सबसे आम वैवाहिक समस्याओं में से एक है।

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संवाद की भाषा में मौखिक और गैर-मौखिक दोनों तरह के संकेत शामिल होते हैं। यही वजह है, कि भले ही आप किसी को लंबे समय से जानते हों, यदि चेहरे की भाव-भंगिमा या शरीर की भाषा में थोड़ा सा भी बदलाव गलत समझा जा सकता है।

बहुत से पुरुष और महिलाएं बहुत ही अलग तरीके से संवाद करते हैं और अनुचित व्यवहार के जाल में फंस जाते हैं। अगर इस तरह के रिश्ते या दाम्पत्य संबंधी मुद्दों को बढ़ने दिया जाए, तो विवाह की पवित्रता निश्चित रूप से दांव पर लग सकती है। एक अच्छा भाषाई संवाद वैवाहिक जीवन में सफलता की नींव की तरह है।

समाधान

गलत तरीके से बात करने की शैली आपकी आदत बन सकती हैं, लेकिन उसे ठीक करने का एकमात्र तरीका सुधार की दिशा में सचेत प्रयास करना है। धीरे-धीरे, आप बातचीत करने के सही तरीके को सीख सकते हैं, जो रिश्ते और आपकी शख्सियत को समान रूप से बेहतर बनाते हैं।

11. ध्यान न देना

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी हैं और वह दूसरों से, खासकर अपने सबसे करीबी लोगों से तवज्जो पाने के लिए हमेशा उत्सुक रहते हैं।

समय के साथ, आम वैवाहिक समस्याएँ हर विवाहित रिश्ते को जकड़ लेती हैं, ‘ध्यान न देना’, जहां एक जोड़ा जानबूझकर या अनजाने में अपने जीवन के अन्य पहलुओं पर अपना ध्यान केंद्रित कर लेता है।

देखरेख में कमी विवाह की पूरी केमिस्ट्री को ही बदल कर रख देती है, जो एक पति या पत्नी को प्रतिक्रिया करने के लिए हर समय उकसाती है रहती है। विवाहित जीवन में यह समस्या, अगर उचित तरीके से नहीं निपटाई जाती है, तो स्थिति नियंत्रण से बाहर हो सकती है।

समाधान

आप अपने साथी की किसी भी बात को ध्यान से सुनें, उन पर अपनी प्रतिक्रिया दें। आप दोनों साथ में खाना बनाने या टहलने जैसी गतिविधियों को करने की कोशिश कर सकते हैं, जो आपको एक-दूसरे पर नए तरीके से ध्यान देने में मदद कर सकती हैं। यह आपको रोज़मर्रा की ज़िंदगी के शोर से दूर रहने और एक-दूसरे पर ध्यान देने और वक्त बिताने में सहायक हो सकता है।

12. वित्तीय समस्याएँ

पैसा जितनी तेज़ी से आपके विवाहित जीवन को बर्बाद कर सकता है, शायद और कोई नहीं कर सकता।

अगर आप संयुक्त खाता खोल रहे हैं या अपने पैसों को अलग से संभाल रहे हैं, तो आपको अपने वैवाहिक जीवन में वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। एक जोड़े के रूप में किसी भी वित्तीय मुद्दे पर खुलकर चर्चा करना ज़रूरी है।

समाधान

वित्त एक संवेदनशील विषय हो सकता है, और जोड़ों को इन समस्याओं पर बहुत ही सावधानीपूर्वक चर्चा करनी चाहिए। एक दोनों को ऐसी योजना बनाने की कोशिश करनी चाहिए, जो आपके साझा वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करे। साथ ही, यह भी सुनिश्चित करने की कोशिश करें, कि अगर कोई योजना से बचना चाहता है, तो उसे प्रेरित करने के लिए चर्चा करें।

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13. प्रशंसा की कमी

पति-पत्नी के रिश्ते में अपने जीवनसाथी के योगदान के लिए आभार, सम्मान और कृतज्ञता की कमी।

अपने जीवनसाथी के सहयोग और कार्यों की प्रशंसा करने में और अहमियत न देने में आपकी असमर्थता आपके रिश्ते के लिए हानिकारक हो सकती है।

समाधान

अपने साथी द्वारा आपके जीवन में लाए गए सभी योगदानों की सराहना करने की कोशिश करें। उन्हें सरप्राइज उपहार दें या फिर आप उन्हें फूल दे सकते हैं, बस अपनी प्रशंसा दिखाने के लिए।

अगर आपको लगता है, कि रिश्ते में आपकी अहमियत कम है, तो अपने साथी को यह बात बताने की कोशिश करें। उन्हें दोष दिए बिना या अजीब महसूस कराए बिना, अपनी भावनाओं और बदलाव की ज़रूरत को व्यक्त करें।

आपकी ईमानदार भावनाएँ उन्हें उनकी गलती का एहसास करा सकती हैं और उन्हें बदलने के लिए मजबूर कर सकती हैं।

14. तकनीक और सोशल मीडिया

वैवाहिक जीवन और परिवार पर सोशल मीडिया के उभरते खतरे आसन्न हैं।

तकनीक और सोशल प्लेटफ़ॉर्म पर हमारी बातचीत करने के जुनून में तेजी से वृद्धि हो रही है, जबकि हम आमने-सामने बैठकर स्वस्थ बातचीत करने से दूर होते जा रहे हैं।

हम खुद को एक आभासी दुनिया में इस कदर डुबाते जा रहे हैं, कि अपने आस-पास के अन्य लोगों और चीजों से प्यार करना ही भूल गये हैं। इस तरह का फालतू जुनून आज एक आम वैवाहिक समस्या में बदल चुका है।

समाधान

हर दिन एक घंटा या सप्ताह में एक दिन अपनों के लिए सुनिश्चित करें, जब आप और आपका साथी उस समय सोशल मीडिया से दूर हों।

अपने मोबाइल फोन और अन्य उपकरणों को दूर रखें और ध्यान भटकाने वाली चीजों के बिना एक-दूसरे में गुम होने और ध्यान केंद्रित करने का प्रयास करें।

15. विश्वास के मुद्दे

यह आम वैवाहिक समस्या आपके विवाह को अंदर ही अंदर खोखला कर सकती है, जिससे आपके रिश्ते को फिर से ठीक करने का कोई मौका नहीं मिलता।

दाम्पत्य जीवन में विश्वास का होना अभी भी बहुत पारंपरिक है और कई बार, जब रिश्ते में संदेह नाम की दीमक घुस जाती है, तो शादीशुदा जिंदगी पर बहुत अधिक दबाव पड़ता है और यहीं से रिश्ते के बिखरने की शुरुआत होती है।

समाधान

ईमानदारी भरा खुला संवाद एक जोड़े के मध्य पसरे उनके अविश्वास के कारणों और उन्हें हल करने के तरीकों को समझने में मदद कर सकता है। एक-दूसरे पर भरोसा करने का तरीका सीखने में मदद करने के लिए रिश्ते में पारदर्शिता होना महत्वपूर्ण है।

16. स्वार्थी व्यवहार

हालाँकि, अपने जीवनसाथी के प्रति अपने व्यवहार में मामूली बदलाव करके स्वार्थीपन से कुशलतापूर्वक निपटा जा सकता है, फिर भी यह एक व्यापक वैवाहिक समस्या है।

एक रिश्ते में होने का मतलब है, कि अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा दूसरे व्यक्ति और उनकी प्राथमिकताओं के साथ अपनी जिंदगी में शामिल करना है। कई जोड़ों को अक्सर यह बदलाव मुश्किल लगता है, क्योंकि सामूहिक प्राथमिकताएँ व्यक्तिगत प्राथमिकताओं से टकरा सकती हैं, जिससे आम वैवाहिक समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।

समाधान

स्वार्थी व्यवहार के लिए सहानुभूति ही एकमात्र समाधान है। एक-दूसरे के दृष्टिकोण को समझने की कोशिश करें और विचारशीलता को अपनी आदत में शुमार करें।

यदि आपके व्यक्तिगत लक्ष्य एक जोड़े के रूप में आपके लक्ष्यों से मेल नहीं खाते हैं, तो अपने साथी से इस विषय पर खुलकर बात करने की कोशिश करें।

17. क्रोध संबंधी समस्याएँ

क्रोध में अपना आपा खोना, चीखना या चिल्लाना और खुद को या अपने जीवनसाथी को शारीरिक नुकसान पहुँचाना दुखद रूप से एक आम वैवाहिक समस्या है।

आंतरिक और बाहरी कारकों के कारण बढ़ते तनाव और क्रोध के आवेश में, हम अपने क्रोध को नियंत्रित करने में असमर्थ हो सकते हैं, और अपने प्रियजनों के प्रति क्रोध का प्रकोप रिश्ते के लिए बहुत हानिकारक हो सकता है।

समाधान

यदि, आप क्रोध की समस्या से जूझ रहे हैं, तो क्रोध को नियंत्रित करने के लिए किसी चिकित्सक से बात करने पर विचार करें, ताकि यह आपके रिश्ते को प्रभावित न कर सके।

18. झगड़े का हिसाब रखना

जब रिश्ते में क्रोध हम पर हावी हो जाता है, तो एक व्यापक प्रतिक्रिया उत्पन्न होती है, प्रतिशोध या अपने जीवनसाथी से बदला लेने की होती है।

रिश्ते में हार जीत या लड़ाई झगड़े का हिसाब रखना एक ख़राब रिश्ते की नींव रख सकता है। यह आपको लगातार हिसाब बराबर करने के लिए प्रेरित करता रहेगा और नाराज़गी की ओर ले जाएगा। तब प्राथमिकता एक-दूसरे का साथ निभाने के बजाय एक-दूसरे को नीचा दिखाने की बन जाती है।

समाधान

हिसाब रखना खेलों के लिए है, रिश्तों के लिए नहीं। आप दोनों की लड़ाई झगड़े या वाद-विवाद में किसने बाज़ी मारी, इसकी गिनती करने की बजाय विवाहित जीवन की समस्याओं से निपटना सीखें।

बड़े मुद्दों पर ध्यान दें और उन छोटी-छोटी लड़ाइयों को भूल जाएँ, जिनमें आपको समझौता करना पड़ सकता है।

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19. झूठ बोलना

रिश्ते में झूठ बोलना एक आम वैवाहिक समस्या है, जो सिर्फ़ बेवफाई या स्वार्थ तक ही सीमित नहीं है; बल्कि, इसमें रोज़मर्रा की चीज़ों के बारे में झूठ बोलना भी शामिल है। ये झूठ कई बार अपनी छवि बचाने और अपने जीवनसाथी को बेहतर स्थिति में न आने देने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।

जोड़े एक-दूसरे से कार्यस्थल या दूसरे सामाजिक परिदृश्यों में आने वाली कठिनाइयों या समस्याओं के बारे में झूठ बोल सकते हैं; ऐसी वैवाहिक समस्याएँ रिश्ते पर बोझ डालती हैं। जब ये आदत में शुमार हो जाती हैं, तो यह शादी को बहुत ज़्यादा बर्बाद कर सकती हैं।

समाधान

उन कारणों का विश्लेषण करें, जिनकी वजह से आप या आपका साथी ईमानदार होने के बजाय झूठ बोलने के लिए मजबूर होते हैं। इन कारणों को समझने और उनका समाधान करने के बाद ही आप अपने रिश्ते में झूठ और बेईमानी को खत्म करने का प्रयास कर सकते हैं।

20. अवास्तविक अपेक्षाएँ

कुछ हद तक, हम सभी इस धारणा से सहमत हैं, कि विवाह हमेशा के लिए होता है, लेकिन फिर भी, हम शादी से पहले अपने पार्टनर को समझने में लगाया गया समय और प्रयास विफल रहते हैं।

एक आदर्श विवाह की प्रेरणा हम सुनी सुनाई कहानियों से लेते हैं, या उनसे लेते हैं, जिन्हें हम जानते हैं, बिना यह पूछे कि हम दोनों जीवन में एक जैसी चीजें चाहते हैं या नहीं।

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किसी रिश्ते के भविष्य के दृष्टिकोण के बारे में दम्पति के बीच मतभेद होने से अवास्तविक अपेक्षाएं पैदा होने की काफी गुंजाइश बन जाती है।

जब ये अपेक्षाएं पूरी नहीं होतीं हैं, तो असंतोष, निराशा जैसी आम वैवाहिक समस्याएँ पैदा होती है, जो विवाहित जीवन को ऐसे रास्ते पर धकेल देती है, जहां से उबरना थोड़ा कठिन हो जाता।

समाधान

वास्तविकता का सामना करें और अपने रिश्तों में जो कुछ भी है, उसकी कदर करें। इस तथ्य को स्वीकार करें, कि आपकी अपेक्षाएं वास्तविक नहीं हैं और कोई भी साथी उन पर खरा नहीं उतर सकता। हालांकि, अपेक्षाएं तब भी एक मापदंड निर्धारित कर सकती हैं, जब रिश्ता सुचारू रूप से चल रहा हो।

21. सीमाओं की अनदेखी

हालांकि, यह ठीक है, कि आप अपने साथी को कुछ ऐसी चीजों के बारे में बताना चाहते हैं, जिनमें वह सुधार सकता है। लेकिन, उन्हें बहुत अधिक परिवर्तन करने या उनके द्वारा निर्धारित सीमाओं का उल्लंघन करने के लिए मजबूर करना शायद अच्छा विचार नहीं है। यदि समय रहते इस पर काबू न पाया गया, तो यह वैवाहिक समस्या बन सकती है।

समाधान

दोनों अपनी-अपनी सीमाओं पर चर्चा करें। अगर आप हर दो सप्ताह में अपने दोस्तों के साथ बाहर जाना चाहते हैं, तो अपने साथी को बताएँ। यदि उन्हें सीमाओं की अवधारणा को समझने में परेशानी हो तो उन्हें समझाएं। साथ ही, उन्हें अपने लिए सीमाएँ निर्धारित करने में मदद करें। उनकी सीमाओं का भी सम्मान करें।

22. भावनात्मक बेवफाई

बेवफाई कई तरह की हो सकती है। हालाँकि, जो सबसे ज़्यादा सामने आती है, वह है शारीरिक बेवफाई – जब कोई साथी वैवाहिक रिश्ते से बाहर एक या कई लोगों के साथ शारीरिक संबंध बनाता है।

हालाँकि, भावनात्मक बेवफाई एक प्रकार का धोखा है, जो तब होता है, जब कोई साथी अपने साथी के अलावा किसी और के साथ प्यार भरी भावनाएँ जोड़ लेता है।

रिश्ते में विश्वासघात वैवाहिक समस्या बन सकती है, क्योंकि किसी और से भावनात्मक संबंध आपके दांपत्य जीवन को गहरा नुकसान पहुँचा सकती हैं।

समाधान

अगर आप किसी गैर व्यक्ति से भावनात्मक तौर पर जुड़ रहे हैं, तो गहराई से विचार करें। इन भावनाओं का आपके लिए क्या मतलब है, यह जानने के लिए आत्मनिरीक्षण करें।

23. कामकाज का बंटवारा

क्या आपके वैवाहिक जीवन में घर और बाहर के काम समान रूप से या उचित तरीके से बंटे हुए हैं? अगर नहीं, तो यह आपके दांपत्य जीवन में एक बड़ी समस्या बन सकता है।

समाधान

यह कहना ठीक नहीं है, लेकिन आपसी बातचीत बहुत महत्वपूर्ण है। अपने साथी से उनके कामों के बारे में बात करें, आप उनके कामकाज के बारे में कैसा महसूस करते हैं, और आप उनके काम के बोझ को कैसे बांट सकते हैं।

24. शक्ति असमानता

आपके वैवाहिक रिश्ते में प्रभुत्व की असमानता आपके विवाहित जीवन में समस्या बन सकती है। यह शक्ति वित्तीय हो सकती है या आपके रिश्ते में निर्णय लेने का अधिकार या रिश्ते को चलाने के बारे में हो सकती है।

समाधान

अपने रिश्ते में शक्ति की गतिशीलता पर चर्चा करें। जबकि, यह ठीक है, कि आप दोनों के पास ऐसी जिम्मेदारियां हों, जिनको आप दोनों संभालते हों, लेकिन निष्पक्ष रूप से शक्तियों का बंटवारा करना महत्वपूर्ण है।

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25. अभिव्यक्ति में अंतर

क्या आप अपने साथी से प्यार करते हैं? हाँ। लेकिन, क्या आपका साथी भी आपके प्यार को महसूस करता है? हो सकता है।

वैवाहिक जीवन की सबसे आम समस्याओं में से एक यह है, कि प्रेम की अभिव्यक्ति में अंतर होता है। इसलिए ध्यान दें, आपको या आपके साथी को एक ही तरह से प्यार को न जतायें, अन्यथा इससे ग़लतफ़हमियाँ और अन्य आम वैवाहिक समस्याएँ पैदा हो सकती हैं।

समाधान

अपने साथी के प्रेम की अभिव्यक्ति को पहचानें और समझें। हो सकता है, कि वे आपके प्रति अपना प्यार दिखाने के लिए कुछ खास चीज़ें करते हों, लेकिन चूँकि आपका नज़रिया अलग है, इसलिए आप इसे महसूस नहीं कर पाते हैं, लेकिन जब भी आपको इसका एहसास हो, तो उनकी सराहना अवश्य करें।

विवाह संबंधी समस्याओं के कारण क्या हैं?

क्या आपने कभी यह विचार किया है, कि “दाम्पत्य जीवन इतनी मुश्किलें क्यों आती हैं?” अगर हाँ, तो आपको पता होना चाहिए, कि ऐसी सामान्य वैवाहिक समस्याएँ ही शादीशुदा जिंदगी को कठिन बनाती हैं.

अब, जब आप यह जान गए हैं, कि विवाहित जीवन की आम वैवाहिक समस्याएँ क्या हैं, तो अब ऐसी समस्याओं के कारणों की पहचान करना भी आवश्यक हो जाता है।

आम वैवाहिक समस्याओं के मुख्य कारणों में निम्न शामिल हैं:

1. ग़लतफ़हमी

विवाहित रिश्ते में उचित और पर्याप्त जानकारी का अभाव या ग़लतफ़हमी जैसे कारण ही आम वैवाहिक समस्याएँ उत्पन्न करते हैं। यदि आप अपनी भावनाओं, सीमाओं और वैवाहिक जीवन में अपेक्षाओं के बारे में स्पष्ट नहीं हैं, तो आपको वैवाहिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

2. अवास्तविक अपेक्षाएँ

विवाह या साझेदारी के बारे में व्यावहारिक अपेक्षाएं न रखना या आप दोनों के बीच सामंजस्य को ठीक प्रकार से कैसे बिठाना है, इससे भी वैवाहिक समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

3. गोपनीयता की कमी

यदि, आप या आपका साथी दांपत्य रिश्ते की मर्यादा को भूलकर, इसके हर पहलू पर माता-पिता, भाई-बहन यहां तक ​​कि दोस्तों से चर्चा करते हैं, तो इससे गंभीर वैवाहिक समस्याएं पैदा हो सकती हैं। आपको रिश्ते में हर बात गोपनीय नहीं रखनी है, लेकिन कुछ निजी राज ऐसे भी होते हैं, जो सिर्फ़ आप दोनों ही जानते हों।

4. बहस करना

अगर आप और आपका जीवनसाथी हर बात पर सिर्फ़ बहसबाज़ी करते हैं और कभी भी अपनी समस्याओं के समाधान पर चर्चा नहीं करते हैं, तो यह वैवाहिक कलह का एक बड़ा कारण बन सकता है।

5. बेईमानी करना

यदि, आप या आपका साथी अपनी भावनाओं के बारे में ईमानदार नहीं हैं, झूठ बोलते हैं या एक-दूसरे से कुछ छिपाते हैं, तो इससे आम वैवाहिक समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।

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वैवाहिक समस्याओं का सामना करने वाले जोड़े उनसे कैसे निपट सकते हैं?

जोड़े अपने दांपत्य जीवन में आने वाली आम वैवाहिक समस्याओं से निपटने के लिए क्या-क्या तरीके अपना सकते हैं? जबकि, हर समस्या के लिए अलग-अलग समाधान ऊपर बताए गए हैं, यहाँ आप दोनों के बीच चीजों को बेहतर बनाने के लिए कुछ अतिरिक्त सुझाव दिए गए हैं।

1. बातचीत करते रहें

बात व्यवहार एक वैवाहिक रिश्ते की असली कुंजी है। हालांकि, यह बात थोड़ी दोहरावपूर्ण लग सकती है, लेकिन अधिकांश चीजें बातचीत के माध्यम से हल की जा सकती हैं। आप अपने साथी से यह उम्मीद नहीं कर सकते, कि वह आपके मन की बात को पढ़ लेगा। आपको अपनी समस्याओं, अपेक्षाओं और जरूरतों के बारे में जितना हो सके, उतना स्पष्ट रूप से बोलना चाहिए।

2. ब्रेक लें

हमें यह एहसास नहीं होता, कि कभी-कभी लड़ाई-झगड़े या एक-दूसरे से ब्रेक लेना कितना जरूरी होता है। एक ब्रेक लेने से आपको यह पहचानने में मदद मिल सकती है, कि किस चीज़ के लिए आपकी ऊर्जा की ज़रूरत है और किस चीज़ के लिए नहीं। ज़्यादातर मामलों में, हम तीखी बहस में उलझ जाते हैं, क्योंकि हम ठीक से सोच नहीं पाते हैं और इसलिए, कुछ समय के लिए ब्रेक लेने से हमें दूसरे व्यक्ति के नज़रिए को समझने में मदद मिलती है।

3. याद रखें! कि आप दोनों एक टीम हैं

जब भी आप दोनों लड़ते हैं या बहस करते हैं, तो याद रखें! कि आप दोनों समस्या के खिलाफ लड़ रहे हैं, न कि एक-दूसरे के खिलाफ। आप दोनों एक टीम की तरह हैं, और कोई भी निर्णय मिलकर लेना चाहिए।

अंतिम बात…

हर शादीशुदा रिश्ते में कुछ आम वैवाहिक समस्याएं आती ही हैं; इनसे निराश होने की कोई जरूरत नहीं। आपको परेशान करने वाली आम वैवाहिक समस्याओं पर काबू पाने के लिए सही दृष्टिकोण अपनाने से हर समस्या का समाधान हो सकता है।

सम्मानपूर्ण, समझदार और बदलाव के लिए तैयार रहना यह सुनिश्चित कर सकता है, कि आप अपने विवाहित जीवन में आने वाली किसी भी बाधा को आसानी से पार कर सकें। हालांकि, यदि मन में कोई संदेह हो, तो मार्गदर्शन के लिए किसी विवाह परामर्शदाता या चिकित्सक से परामर्श लेने में हिचकिचाएं नहीं।

 

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Disclaimer

इस लेख के माध्यम से दी गई जानकारी, बीमारियों और स्वास्थ्य के बारे में लोगों को सचेत करने हेतु हैं। किसी भी सलाह, सुझावों को निजी स्वास्थ्य के लिए उपयोग में लाने से पहले हमेशा अपने चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।

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Ashok Kumar
Ashok Kumar

नमस्कार दोस्तों,
मैं एक Health Blogger हूँ, और स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों के बारे में शोध-आधारित लेख लिखना पसंद करता हूँ, जो शिक्षाप्रद होने के साथ प्रासंगिक भी हों। मैं अक्सर Health, Wellness, Personal Care, Relationship, Sexual Health, और Women Health जैसे विषयों पर Article लिखता हूँ। लेकिन मेरे पसंदीदा विषय Health और Relationship से आते हैं।

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