Heart Disease के बारे में पूरी जानकारी जो आप जानना चाहते हैं

नमस्कार दोस्तों, मैं एक बार फिर से हाज़िर हूँ एक नये लेख के साथ जिसका शीर्षक है “Heart Disease के बारे में पूरी जानकारी जो आप जानना चाहते हैं”। Heart Disease (हृदय रोग) समय के साथ एक आम बीमारी बनती जा रही है, यह पुरुषों और महिलाओं दोनों में समान रूप से पायी जाती है। इसके लिए हमारी ख़राब जीवनशैली अधिक जिम्मेदार है, इसके आलावा भी बहुत से कारण हैं जानने के लिए लेख पूरा पढ़ें।

भारत में लगभग 25 प्रतिशत मृत्यु की वजह Heart Disease (हृदय रोग) है। दुनिया में Heart Disease (हृदय रोग) की बीमारी हर 1 लाख पर 235 लोगों को जबकि भारत में यह आंकड़ा 272 का है। जितनी मृत्यु हृदय से सम्बंधित रोग के कारण भारत में होती है, उतनी मृत्यु किसी और रोग से नहीं है। इसीलिए Heart Disease (हृदय रोग) के खतरे को कम करने के लिए दुनिया भर के डॉक्टर और वैज्ञानिक दिनरात प्रयासरत हैं, कि इस बीमारी पर कैसे काबू पाया जाये। ताकि लोगों का जीवन अधिक सुरक्षित हो सके।

आज हम इस लेख में, Heart Disease (हृदय रोग) के प्रकार, कारण और लक्षणों के बारे में और जानेंगे। साथ ही इसके जोखिम कारक और उपचार पर भी रोशनी डालेंगे।

heartbeat

Heart Disease (हृदय रोग) किसे कहते हैं?

मानव शरीर में हृदय महत्वपूर्ण अंग है, जो लगातार शरीर में रक्त और ऑक्सीजन की आपूर्ति करता रहता है। जब ह्रदय की सामान्य कार्य प्रणाली गड़बड़ा जाती है, तब ह्रदय में रोगों का जन्म होता है। हृदय के स्वास्थय की स्थिति मुख्य रूप से रक्त वाहिकाओं और संचार प्रणाली से सम्बंधित होती है। Heart Disease (हृदय रोग) की बीमारी में कई सारी समस्याएं होती हैं; जैसे कि दिल की मांसपेशी, वाल्व या धड़कनों का अनियमित होना इत्यादि शामिल हैं।

यदि आपको भी सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, थकान, अनियमित या तेज दिल की धड़कन जैसे लक्षण महसूस हों, तो आपको फ़ौरन किसी Cardiologist से मिलना चाहिए।

Fact (वास्तविकता)

  1. महिलाओं से ज्यादा Heart Attack पुरुषों को होता है ये धारणा गलत है।
  2. बहुत सारे लोग ये मानते हैं कि पुरुषों को 40 वर्ष के बाद और महिलाओं को 45 वर्ष की उम्र के बाद Heart Attack होता है। जबकि Heart Attack होने की कोई उम्र नहीं है। दिल का दौरा किसी को कभी भी हो सकता है।

Source: https://hi.wikipedia.org/wiki/हृदय_रोग

Heart Disease (हृदय रोग) के प्रकार

Heart Disease (हृदय रोग) हृदय को प्रभावित करने वाली किसी भी स्थिति के बारे में इशारा करता है। इसके कई प्रकार होते हैं, जो हृदय और रक्त वाहिकाओं को अलग-अलग तरीकों से प्रभावित करते हैं। जिनमें से कुछ को रोका भी जा सकता है।

नीचे दिए गए कुछ हृदय रोगों के प्रकार को अधिक विस्तार से जानेंगे।

दिल की धमनी का रोग (Coronary Artery Disease)

कोरोनरी धमनी रोग, जिसे Coronary Heart Disease (हृदय रोग) भी कहा जाता है, हृदय रोग का यह सबसे आम प्रकार है। यह तब होता है, जब हृदय को रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनियां प्लाक के भरने से सख्त और संकीर्ण हो जाती हैं। प्लाक में कोलेस्ट्रॉल के साथ साथ अन्य पदार्थ भी होते हैं।

फलस्वरूप, रक्त की आपूर्ति कम हो जाती है, जिससे हृदय को कम ऑक्सीजन और कम पोषक तत्व प्राप्त होते हैं। समय के साथ, हृदय की मांसपेशी कमजोर हो जाती है। जिससे धड़कनों के अनियमित और हृदय गति रुकने का खतरा होता है।

धमनियों में प्लाक जमने को Atherosclerosis कहा जाता है। धमनियां Plaque की रुकावटों से फट सकती है और रक्त प्रवाह को भी रोक सकती है, जिससे दिल का दौरा पड़ सकता है।

जन्मजात हृदय दोष (Congenital Heart Defects)

कुछ लोग जन्मजात हृदय दोष की समस्या के साथ पैदा होते हैं। जन्मजात हृदय दोष कई प्रकार के होते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • Atypical heart valves: इस दोष में हो सकता है कि वाल्व ठीक से न खुलें, या उनमें से रक्त का रिसाव हो सकता है।
  • Septal defects: इसमें दिल के lower Chambers या upper Chambers के बीच की दीवार में एक छेद होता है।
  • Atresia: इस दोष में हृदय का एक वाल्व नहीं होता है।

जन्मजात Heart Disease (हृदय रोग) में प्रमुख रूप से Structural issues हो सकते हैं, जैसे कि absence of Ventricles या हृदय से निकलने वाली मुख्य धमनियों के बीच असामान्य कनेक्शन की समस्याएं।

कुछ जन्मजात हृदय दोष किसी भी लक्षण का कारण नहीं बनते हैं, केवल नियमित चिकित्सा जांच के दौरान ही स्पष्ट होते हैं।

अनियमित दिल की धड़कन (Arrhythmia)

अनियमित दिल की धड़कन तब होती है जब दिल की धड़कन को संयोजन करने वाले आवेग सही ढंग से काम नहीं करते हैं। नतीजतन, दिल बहुत तेजी से, बहुत धीरे-धीरे या अनियंत्रित तरीके से धड़क सकता है।

इसके विभिन्न प्रकार हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • Tachycardia: यह तेजी से दिल की धड़कन को दर्शाता है।
  • Bradycardia: यह धीमी गति से दिल की धड़कन को दर्शाता है।
  • Premature Contractions: यह एक प्रारंभिक दिल की धड़कन को दर्शाता है।
  • Atrial fibrillation: यह एक प्रकार का अनियमित दिल की धड़कन है।

इसमें व्यक्ति को दिल के फड़फड़ाने या दौड़ते हुए जैसा महसूस हो सकता है। कुछ मामलों में, Arrhythmia जीवन के लिए खतरा या गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं।

Dilated Cardiomyopathy

इसमें, इसमें दिल के बाएं Ventricle का आकार बढ़ जाने के कारण खून की आपूर्ति में रूकावट पैदा हो जाती है। जिसका अर्थ है कि हृदय की मांसपेशी फैलकर पतली हो जाती है। नतीजतन, हृदय कमजोर हो जाता है और रक्त को ठीक से पंप नहीं कर पाता है।

Dilated Cardiomyopathy के सबसे आम कारण previous Heart Attacks, Arrhythmias और विषाक्त पदार्थ हैं, लेकिन आनुवंशिकी बड़ी भूमिका निभा सकती है। यह आमतौर पर 20-60 वर्ष की आयु के लोगों को प्रभावित करता है।

Myocardial Infarction

यह दिल के दौरे के रूप में भी जाना जाता है, Myocardial Infarction में हृदय के कुछ भागों में रक्त के प्रवाह में रुकावट होती है। यह हृदय की मांसपेशियों के हिस्से को नुकसान पहुंचाने के साथ साथ नष्ट भी कर सकता है।

दिल का दौरा पड़ने का सबसे आम कारण कोरोनरी धमनी में प्लाक, रक्त का थक्का या दोनों का मौजूद होना। यह तब भी हो सकता है जब कोई धमनी अचानक Narrow (संकुचित) हो जाती है या ऐंठ जाती है।

दिल की धड़कन रुकना (Heart Failure)

जब किसी का Heart Failure होता है, तब भी उसका दिल काम कर रहा होता है, लेकिन वैसा नहीं जैसा करना चाहिए। Congestive Heart Failure एक प्रकार का Heart Failure है जो Pumping या Relaxing Function की समस्याओं से हो सकता है।

Heart Failure की समस्या Untreated कोरोनरी धमनी रोग, उच्च रक्तचाप, Arrhythmias जैसी स्थितियों के परिणामस्वरूप हो सकती है। ये स्थितियां दिल को ठीक तरह से पंप करने या आराम करने की क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं।

Heart Failure होने से जीवन के लिए खतरा हो सकता है, लेकिन दिल से संबंधित स्थितियों का शुरुआत में उपचार लेने से इन जटिलताओं को रोका जा सकता है।

Hypertrophic Cardiomyopathy

इसमें कोई आनुवंशिक समस्या हृदय की मांसपेशियों को प्रभावित करती है। जिसके कारण हृदय के मांसपेशियों की दीवारें मोटी हो जाती हैं, और संकुचन कठिन हो जाता हैं। इससे हृदय की रक्त लेने और पंप करने की क्षमता प्रभावित या रुकावट हो सकती है।

इसके बहुत कम लक्षण होते हैं या नहीं भी हो सकते हैं, इसीलिए बहुत से लोग समय पर इसका इलाज नहीं करा पाते हैं। हालांकि, Hypertrophic Cardiomyopathy समय के साथ ज्यादा खराब हो सकती है और हृदय की दूसरी समस्याओं को भी जन्म दे सकती है।

इस स्थिति के Family History वाले व्यक्ति को स्क्रीनिंग के वक्त पूछना चाहिए, इससे उपचार के समय होने वाली जटिलताओं को रोकने में मदद मिल सकती है।

35 वर्ष से कम उम्र के युवाओं और एथलीटों में Hypertrophic Cardiomyopathy हृदय की समस्या से मृत्यु का मुख्य कारण है।

Mitral Valve Regurgitation

यह घटना तब होती है जब हृदय में Mitral Valve सही से बंद नहीं होता है और रक्त को हृदय में वापस जाने देता है।

नतीजतन, रक्त हृदय या शरीर के माध्यम से ठीक से संचरित नहीं हो सकता है, और यह हृदय के Chambers पर दबाव डाल सकता है। समय के साथ, दिल बड़ा होता जायेगा, जिससे Heart Failure भी हो सकता है।

Mitral Valve Prolapse

यह तब होता है जब Mitral Valve के Valve flaps ठीक से बंद नहीं होते हैं। इसके बजाय, वे left Atrium में उभारते हैं। इसके कारण दिल में सरसराहट हो सकती है।

Mitral Valve Prolapse से जीवन के लिए खतरा नहीं होता है, लेकिन कुछ लोगों को उपचार की आवश्यकता हो सकती है। Genetic factors और Connective Tissue problems इस स्थिति का कारण बन सकती हैं।

महाधमनी का संकुचन (Aortic Stenosis)

Aortic Stenosis में, Pulmonary Valve मोटा या बंद है और जिससे यह ठीक से नहीं खुलता है। इससे हृदय के लिए left Ventricle से रक्त को महाधमनी में पंप करना कठिन हो जाता है।

Pulmonary Valve की विसंगतियां जन्मजात हो सकती हैं या यह समय के साथ कैल्शियम जमने के कारण विकसित हो सकता है।

Heart Disease (हृदय रोग) के लक्षण

Heart Disease (हृदय रोग) के लक्षण व्यक्ति के विशिष्ट प्रकार पर निर्भर करते हैं। इसके अलावा, कुछ स्थितियों में कोई लक्षण नहीं होता है।

निम्नलिखित लक्षण Heart Disease (हृदय रोग) की समस्या का संकेत दे सकते हैं:

  • गले में दर्द (Angina) या सीने में दर्द
  • सांस लेने मे तकलीफ
  • थकान और चक्कर आना

बच्चों में, जन्मजात हृदय दोष के लक्षणों में Cyanosis, या त्वचा का नीला रंग और व्यायाम करने में असमर्थता शामिल हो सकते हैं।

कुछ संकेत और लक्षण जो Heart Attack का इशारा दे सकते हैं उनमें शामिल हैं:

  • छाती में दर्द
  • सांस फूलना
  • दिल की घबराहट
  • जी मिचलाना, पेट दर्द
  • पसीना आना
  • हाथ, जबड़े, पीठ या पैर में दर्द
  • घुटन महसूस होना
  • सूजे हुए टखने
  • थकान
  • अनियमित दिल की धड़कन

Heart Attack की वजह से Cardiac Arrest भी हो सकता है, यह तब होता है जब दिल रुक जाता है और शरीर काम नहीं कर पाता है। Heart Attack पड़ने पर व्यक्ति को तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता होती है।

Heart Attack और Cardiac Arrest में अंतर क्या है?

Heart Attack में दिल में खून की सप्लाई (Blood supply) बंद हो जाती है, लेकिन धड़कन बंद नहीं होती। जबकि, Cardiac Arrest में हार्ट अचानक से रुक जाता है और काम करना बंद कर देता है। कार्डियक अरेस्ट की तुलना में हार्ट अटैक में मरीज को बचाए जाने की संभावना काफी अधिक होती हैं। कई मामलों में हार्ट अटैक हल्का भी आता है।

Heart Disease (हृदय रोग) के कारण और जोखिम कारक

Heart Disease (हृदय रोग) तब विकसित होता है जब:

  • हृदय के पूरे या किसी भाग को क्षति पहुंचना
  • हृदय की ओर जाने वाली रक्त वाहिकाओं में समस्या
  • हृदय को ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की कम आपूर्ति
  • हृदय की लय के साथ एक समस्या

कुछ मामलों में आनुवंशिक कारण भी होता है। हालांकि, हमारी जीवनशैली और चिकित्सीय स्थितियां जैसे कारक भी जोखिम को बढ़ा सकती हैं। इसमें शामिल है:

  • उच्च रक्त चाप
  • उच्च कोलेस्ट्रॉल
  • धूम्रपान
  • अत्यधिक शराब का सेवन
  • अधिक वजन और मोटापा
  • मधुमेह
  • हृदय रोग का पारिवारिक इतिहास
  • आहार विकल्प
  • उम्र
  • Preeclampsia (गर्भवती महिलाओं में High BP, पेशाब में प्रोटीन आना, पैरों, टांगों और बांह में सूजन आना)
  • कम शारीरिक गतिविधि
  • Sleep Apnea (सोते समय सांस लेने में रुकावट आना)
  • उच्च तनाव और चिंता का स्तर
  • Leaky Heart Valve

Heart Disease (हृदय रोग) का उपचार

Heart Disease (हृदय रोग) के प्रकार के आधार पर प्रत्येक व्यक्ति के उपचार के विकल्प अलग-अलग हो सकते हैं। उनमें कुछ सामान्य रणनीतियों और जीवनशैली में बदलाव करना, दवाएं लेना और सर्जरी करवाना भी शामिल है।

निम्नलिखित कुछ विकल्पों को थोड़ा विस्तार से देखेंगे

Heart Disease (हृदय रोग) की दवाएं

विभिन्न दवाएं दिल की स्थिति का इलाज करने में मदद कर सकती हैं। मुख्य विकल्पों में शामिल हैं:

  • Anticoagulants (थक्कारोधी): रक्त को पतला करने वाली दवाओं के रूप में भी जानी जाने वाली, ये दवाएं थक्कों का बनना रोक सकती हैं।
  • Antiplatelet Therapy: ये भी थक्कों को बनने से रोक सकते हैं।
  • Angiotensin-Converting Enzyme Inhibitors: ये रक्त वाहिकाओं का आकार बड़ा करके Heart Failure और High BP के इलाज में मदद कर सकते हैं।
  • Angiotensin II Receptor Blockers: ये Blood Pressure को भी नियंत्रित कर सकते हैं।
  • Beta-Blockers: दवाएं Heart Rate और Low BP जैसी समस्या को कम कर सकती हैं। वे Arrhythmias और Angina का भी उपचार कर सकते हैं।
  • Calcium Channel Blockers: ये Blood Pressure को कम कर सकते हैं और अनियमित दिल की धड़कन को रोक सकते हैं, हृदय की पंपिंग क्षमता को कम करके और रक्त वाहिकाओं को आराम देकर।
  • Cholesterol कम करने वाली दवाएं: शरीर में low-Density वाले Lipoprotein Cholesterol के स्तर को कम करने में मदद कर सकती हैं।
  • Digitalis: हृदय की पंपिंग क्रिया की क्षमता को बढ़ा सकती है। वे Heart Failure और अनियमित दिल की धड़कन के इलाज में भी मदद कर सकते हैं।
  • Diuretics (मूत्रवर्धक) दवाएं: ये दवाएं दिल के workload को कम कर सकती हैं, Blood Pressure को कम कर सकती हैं और शरीर से अतिरिक्त पानी को निकाल सकती हैं।
  • Vasodilators: ये Blood Pressure को कम करने वाली दवाएं हैं। वे रक्त वाहिकाओं को आराम देकर ऐसा करते हैं। ये दवाएं सीने में दर्द को कम करने में भी मदद कर सकती हैं।

एक डॉक्टर का यही काम है कि वह आपके लिए उपयुक्त विकल्प को खोजे, लेकिन कभी कभी इन दवाओं के Side Effects भी होते हैं। यदि ऐसा होता है, तो दवा और दवा लेने के नियम दोनों की समीक्षा करना आवश्यक हो जाता है।

Heart Disease (हृदय रोग) में सर्जरी

जब दवाएं निष्प्रभावी हो जाती हैं, तब तो हृदय की रुकावटों और हृदय की समस्याओं का इलाज करने के लिए हृदय की सर्जरी ही एकमात्र विकल्प बचता है ।

कुछ सामान्य प्रकार की सर्जरी में शामिल हैं:

  • Coronary Artery Bypass Surgery: कोरोनरी धमनी बाईपास Grafting सबसे आम सर्जरी है। एक सर्जन अवरुद्ध धमनी निकाल कर उसकी जगह शरीर के दूसरे हिस्से से एक Healthy Blood Vessel को graft कर देते हैं।
  • Coronary Angiography: यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो संकरी या अवरुद्ध कोरोनरी धमनियों को चौड़ा करती है। इसमें एक स्टेंट को धमनी में डालकर अवरोध को हटाते हैं ताकि रक्त प्रवाह की प्रक्रिया ठीक और आसान हो सके।
  • Valve Replacement or Repair: सर्जन ऐसे Valve को बदल सकता है या उसकी Repair कर सकता है जो ठीक तरह से काम नहीं कर रहा है।
  • Repair Surgery: सर्जन जन्मजात हृदय दोष, Aneurysms और अन्य समस्याओं की Repair कर सकता है।
  • Device Implantation: Pacemakers, Balloon Catheters, और अन्य उपकरण जो दिल की धड़कन को नियंत्रित करने और रक्त प्रवाह को सही करने में मदद कर सकते हैं।
  • Laser Treatment: Angina के इलाज में Transmyocardial Laser मदद कर सकता है।

Heart Disease (हृदय रोग) की रोकथाम कैसे करें?

हम अपनी जीवनशैली, आदतों में थोड़ा बदलाव करके Heart Disease (हृदय रोग) के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं। इनमें शामिल हैं:

  • संतुलित आहार खाना: दिल के लिए स्वस्थ आहार चुनें जो फाइबर से भरपूर हो और साथ ही साबुत अनाज और ताजे फल और सब्जियां लें। इसके अलावा, Processed foods और अतिरिक्त वसा, नमक और चीनी के सेवन को सीमित करें।
  • नियमित रूप से व्यायाम करना: यह हृदय और रक्त संचार प्रणाली को मजबूत करने, कोलेस्ट्रॉल को कम करने और सही रक्तचाप को बनाए रखने में मदद कर सकता है। हर रोज़ २०-२५ मिनट का व्यायाम हृदय रोग को दूर रखने में मदद कर सकता है।
  • वजन को सामान्य बनाए रखें: स्वस्थ Body Mass Index (BMI) आमतौर पर 20 से 25 के बीच होता है, अगर यह 25 या उससे अधिक है तो इसे कम करने की कोशिश करें । इसलिए वजन को नियंत्रण में रखें।
  • धूम्रपान: धूम्रपान हृदय और हृदय संबंधी स्थितियों के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक है।
  • शराब का सेवन: महिलाओं और पुरुषों को शराब का सेवन कम से कम करना चाहिए या बंद कर देना चाहिए।
  • Management of Underlying Conditions: उच्च रक्तचाप, मोटापा और मधुमेह जैसी हृदय को प्रभावित करने वाली स्थितियों का उचित उपचार करें।

उपरोक्त बातों का अगर आप ईमानदारी से पालन करेंगे तो Heart Disease (हृदय रोग) और इसकी जटिलताओं के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।

अंत में…

आजकल Heart Disease (हृदय रोग) एक आम स्वास्थ्य समस्या है। Heart Disease (हृदय रोग) कई प्रकार के होते हैं, और उसके कई सारे कारण भी होते हैं जैसे तनाव, अनियमित दिनचर्या, बाहर का भोजन करना इत्यादि।

हालाँकि, कुछ समस्याएं आनुवंशिक होती हैं और रोकथाम योग्य नहीं हैं। ज्यादातर लोगों को Heart Disease (हृदय रोग) के बारे में कोई जानकारी नहीं होती है, इसलिए समय रहते वो इसका इलाज नहीं करा पाते हैं।

Heart Disease (हृदय रोग) और इसकी जटिलताओं को रोकने के लिए आप शरुआत कर सकते हैं। इसके लिए आपको स्वस्थ आहार का पालन करना, भरपूर व्यायाम करना और हृदय रोग का पहला लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर की सलाह लेना आदि शामिल है।

 

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Disclaimer
इस लेख का उद्देश्य लोगों को बीमारियों और स्वास्थ्य के बारे में सचेत करने का एक साधन मात्र है। हमेशा कोशिश रहती है कि हर लेख संपूर्ण और सटीकता से परिपूर्ण हो। इस Blog पर मौजूद किसी भी सलाह, सुझावों को निजी स्वास्थ्य के लिए उपयोग में लाने से पहले अपने चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।

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Ashok Kumar
Ashok Kumar

नमस्कार दोस्तों,
मैं एक Health Blogger हूँ, और स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों के बारे में शोध-आधारित लेख लिखना पसंद करता हूँ, जो शिक्षाप्रद होने के साथ प्रासंगिक भी हों। मैं अक्सर Health, Wellness, Personal Care, Relationship, Sexual Health, और Women Health जैसे विषयों पर Article लिखता हूँ। लेकिन मेरे पसंदीदा विषय Health और Relationship से आते हैं।

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