नियमित रूप से छाछ के पीने के स्वास्थ्य लाभ क्या हैं?

नियमित छाछ पीने के स्वास्थ्य लाभ बहुत से हैं, इसीलिए भारत में लोग हज़ारों वर्षों से इस दिव्य पेय का आनंद इसके चमत्कारी स्वास्थ्य लाभों के लिए लेते आ रहे हैं। दुग्धोत्पाद छाछ एक कम वसा वाला पेय है, जो मूल रूप से दही में से मक्खन निकालने की प्रक्रिया में बचा हुआ खट्टा दूधिया पानी है। छाछ कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन और बहुत सारे अच्छे बैक्टीरिया से भरपूर होता है।

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गर्मियों में ठंडा करने वाला यह पेय एक बेहतरीन दवा भी है और पेट की कई समस्याओं के लिए कारगर है। कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन और बहुत सारे अच्छे बैक्टीरिया से भरपूर, छाछ रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी मदद करता है और पेट के स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। छाछ में वसा की मात्रा कम होती है, जो इसे वजन घटाने के लिए एक बेहतरीन पेय बनाती है।

आज हम नियमित रूप से छाछ के पीने के फायदों के बारे में जानेंगे और यह भी बताएंगे, कि यह साधारण पेय आपके स्वास्थ्य पर किस तरह सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

छाछ क्या है?

बहुत से लोग सोचते हैं, कि छाछ में बहुत अधिक वसा होती है, लेकिन वास्तव में यह अपने नाम के विपरीत है। दही को अच्छी तरह से मथकर मक्खन निकालने के पश्चात बचा हुआ तरल पदार्थ ही छाछ है, जिसे “मठ्ठा” भी कहा जाता है।

यह एक किण्वित डेयरी पेय है और रोज़ाना छाछ के पीने के स्वास्थ्य लाभ और अपने स्वाद के कारण इसे सभी पसंद करते हैं। आप इसे अपनी पसंद और शरीर की आवश्यकता के अनुसार चीनी या नमक के साथ ले सकते हैं।

छाछ में ज़्यादातर पानी, लैक्टोज और दूध प्रोटीन कैसिइन होता है, इसके साथ ही यह प्रोबायोटिक्स, विटामिन, अमीनो एसिड और खनिजों से भरपूर होता है।

लैक्टिक एसिड की उपस्थिति के कारण, छाछ की अम्लता अधिक होती है और अवांछित बैक्टीरिया के विकास को रोकने में मदद करती है, जो कि छाछ के प्रमुख स्वास्थ्य लाभों में से एक है।

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छाछ के कुछ सामान्य प्रकार

छाछ, दही को पानी के साथ मथकर प्राप्त की जाती है; दही का प्रकार, पानी की मात्रा और उसमें वसा का अनुपात इसके स्वाद और गुणों को बदल सकता है। यहाँ पाँच सबसे प्रचलित प्रकार के छाछ दिए गए हैं:

  • फुल क्रीम छाछ: इस प्रकार की छाछ को फुल क्रीम दही से बनाया जाता है, जिसे बिना पानी के मथ लिया जाता है।
  • बिना क्रीम वाला छाछ: इस प्रकार की छाछ बनाने के लिए स्किम्ड मिल्क (मलाईरहित दूध) से बने दही का उपयोग करते हैं, जिसे बिना पानी मिलाए मथा जाता है।
  • सादा छाछ: यह सबसे सामान्य छाछ है, जिसे दही में थोड़ा पानी मिलाने के बाद मथकर बनाते हैं और यही छाछ व्यापक रूप से पूरे भारत में इस्तेमाल की जाती है।
  • पतला छाछ: इस तरह की छाछ में दही के मुकाबले पानी अधिक मात्रा में मिलाकर अच्छी तरह मथने से एकदम पानी की तरह पतला छाछ मिलता है।
  • वसा रहित छाछ: इस प्रकार की छाछ को दही को मथकर सारा मक्खन निकाल लेने के बाद बचे हुए पानी के रूप में प्राप्त किया जाता है। हालांकि, बचे हुए पानी वाले हिस्से में वसा नहीं होती है।

छाछ का पोषण मूल्य

छाछ दही को मथकर मक्खन निकालने के बाद बचा हुआ उत्पाद है। छाछ के पीने के स्वास्थ्य लाभ ढेरों हैं, क्योंकि इसमें कैल्शियम, राइबोफ्लेविन और विटामिन बी12 भरपूर मात्रा में होता है। इसमें वसा और कैलोरी बहुत कम होती है। लेकिन इसमें सोडियम की मात्रा अधिक हो सकती है और डेयरी सेंसिटिविटी वाले लोगों में पाचन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकती है।

एक कप छाछ में मौजूद कई पोषक तत्वों और उनकी मात्रा को नीचे बताया गया है:

छाछ के पोषण मूल्य
पोषक तत्व मात्रा
कैलोरी 110
प्रोटीन 9 ग्राम
वसा 3 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट 13 ग्राम
फाइबर 1 ग्राम से कम
चीनी 12 ग्राम

छाछ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स

छाछ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) कम होता है, आमतौर पर लगभग 35। इसका मतलब यह है, कि यह रक्त शर्करा के स्तर को महत्वपूर्ण रूप से नहीं बढ़ाता है, जिससे यह मधुमेह पीड़ितों और रक्त शर्करा को नियंत्रित करने वालों के लिए एक उपयुक्त विकल्प बन जाती है।

ग्लाइसेमिक इंडेक्स के माध्यम से, डॉक्टर यह निर्धारित करते हैं, कि कौन सा भोजन मधुमेह रोगियों के लिए अच्छा है या बुरा। क्योंकि, यह बताता है, कि कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन रक्त शर्करा के स्तर को कितनी प्रभावी रूप से बढ़ाता है।

GI मान के आधार पर, खाद्य पदार्थों को 0 से 100 के बीच श्रेणीबद्ध किया जा सकता है, जहाँ 1 से 55 वाले खाद्य पदार्थों को कम जीआई का माना जाता है, तो वहीं 56 से 69 मध्यम और 70 या उससे अधिक को उच्च जीआई के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।

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डेयरी उत्पाद में GI को प्रभावित करने वाले कारक क्या हैं?

ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) हमें बताता है, कि कोई खाद्य पदार्थ कितनी जल्दी रक्त शर्करा को बढ़ा सकता है, कम जीआई वाले खाद्य पदार्थ हल्का, स्थिर प्रभाव देते हैं। कई कारक डेयरी उत्पादों के GI को प्रभावित करते हैं, जो यह निर्धारित करते हैं, कि वे रक्त शर्करा के स्तर को कैसे प्रभावित करते हैं।

आइए देखें, कि कौन से कारक डेयरी उत्पादों के GI को प्रभावित करते हैं:

  1. वसा तत्व: पनीर या क्रीम जैसे उच्च वसा वाले डेयरी उत्पादों का GI कम होता है, क्योंकि वसा चीनी के अवशोषण को धीमा कर देता है। फिर भी इनकी उच्च कैलोरी के कारण इनका सेवन कम मात्रा में करना चाहिए।
  2. मीठे डेयरी उत्पाद: जैसे कि फ्लेवर्ड योगर्ट, दही या मीठी लस्सी, में अतिरिक्त चीनी के कारण उच्च GI होता है। इनके सेवन के बाद रक्त शर्करा के स्तर में तेज़ी से वृद्धि होती है।
  3. प्रोसेसिंग: दही और पनीर का जीआई बहुत कम होता है, क्योंकि इन्हें कम प्रोसेस किया जाता है। हालांकि, अन्य मिश्रित डेयरी उत्पाद, जैसे कि श्रीखंड या फ्लेवर्ड मिल्क जिनमें अतिरिक्त चीनी और फ्लेवर मिलाए जाते हैं, जो उनके जीआई को बढ़ाते हैं।
  4. लैक्टोज सामग्री: दही और छाछ जैसे किण्वित पेय पदार्थों का जीआई कम होता है, क्योंकि किण्वित पदार्थ लैक्टोज (प्राकृतिक चीनी) को आसानी तोड़ देते हैं, जिससे उन्हें पचाना आसान हो जाता है।
  5. अन्य सामग्री के साथ संयोजन: डेयरी उत्पादों को खाद्य पदार्थों के साथ मिलाने से भोजन का समग्र जीआई प्रभावित हो सकता है। भोजन में दही मिलाने से पाचन धीमा हो सकता है, जिससे भोजन का जीआई कम हो सकता है।
  6. सेवन की मात्रा: कम जीआई वाले डेयरी उत्पाद भी बड़ी मात्रा में सेवन किए जाने पर रक्त शर्करा को प्रभावित कर सकते हैं। रक्त शर्करा के स्तर को कम रखने के लिए सेवन की मात्रा को नियंत्रित करना महत्वपूर्ण है।

छाछ पीने के स्वास्थ्य लाभ क्या हैं?

अपने अनेक स्वास्थ्य लाभों के कारण, भारत की पारंपरिक औषधीय प्रणाली आयुर्वेद में छाछ के बारे में बहुत चर्चा की गई है, कहा गया है, कि “जो व्यक्ति प्रतिदिन तक्र (छाछ) का सेवन करता है, उसे रोग छू नहीं सकता है, क्योंकि जैसे देवताओं के लिए अमृत है, वैसे ही तक्र मनुष्यों के लिए अमृत समान है।”

यह प्रोटीन, विटामिन और खनिजों का एक बहुत बड़ा स्रोत है, छाछ पीने के स्वास्थ्य लाभ में मांसपेशियों की मजबूती, त्वचा और हड्डियों के विकास में योगदान है। इसमें मौजूद विटामिन ए आपकी आँखों के स्वास्थ्य, प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने के साथ-साथ गुर्दे, फेफड़े और हृदय के स्वास्थ्य को बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

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छाछ के प्रोबायोटिक गुण आपकी आंत के स्वास्थ्य का पूरा ख्याल रखती है और पाचन और मल त्याग को आसान बनाती है।

वैसे तो, छाछ पीने के स्वास्थ्य लाभ अनगिनत हैं, जो इसे एक बेहतरीन पेय बनाते हैं, इसके कुछ प्रमुख गुण यहाँ नीचे दिए गए हैं:

एसिडिटी से राहत

छाछ अपने एंटी-एसिडिक गुणों के लिए प्रसिद्ध है, क्योंकि इसमें प्रोबायोटिक्स (अच्छे बैक्टीरिया) मौजूद होते हैं, जो पुरानी गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स (खट्टी डकार और सीने में जलन) की बीमारी को ठीक करने और कुछ दवाओं के नकारात्मक प्रभावों को कम करने में मदद करती है। रोज़ाना छाछ पीने से बार-बार एसिड रिफ्लक्स की समस्या से पीड़ित लोगों को मदद मिल सकती।

भोजन के बाद अपने दैनिक आहार में छाछ को शामिल करने से पाचन शक्ति बढ़ाने में मदद मिलती है और एसिडिटी कम होती है। इसकी प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए आप इसमें भुने जीरे का पाउडर, अदरक और काला नमक इत्यादि मिला सकते हैं।

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कब्ज से राहत

छाछ आंत की बीमारियों के इलाज के लिए सबसे अच्छे घरेलू उपचारों में से एक है। छाछ में पाए जाने वाले स्वस्थ बैक्टीरिया आपके पाचन तंत्र और चयापचय को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। यह कब्ज से पीड़ित लोगों के लिए वरदान है।

छाछ के उच्च फाइबर तत्व के कारण, इसका दैनिक सेवन नियमित मल त्याग को आसान बनाए रखने और चिड़चिड़ा आंत्र सिंड्रोम (IBS) के उपचार में सहायक पाया गया है।

छाछ में मौजूद प्रोबायोटिक सूक्ष्मजीव न केवल पाचन में सहायता करते हैं, बल्कि पेट की बीमारियों का कारण बनने वाले खराब बैक्टीरिया के विकास को भी रोकते हैं।

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शरीर को ठंडा रखती है

गर्मियों के दौरान, तुरंत ऊर्जा और भीषण गर्मी से राहत पाने के लिए छाछ का सेवन व्यापक रूप से किया जाता है। इसे पीने से आपके शरीर पर, विशेषकर आपके पाचन तंत्र गर्मी को शीतलता मिलती है।

तेज बुखार से तुरंत राहत पाने के लिए एक गिलास छाछ पीना हमेशा लाभदायक विकल्प होता है।

शरीर को हाइड्रेट रखती है

इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर छाछ गर्मियों के लिए एक आदर्श पेय पदार्थ है। छाछ में 90% पानी होता है, जो आपके शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है। इसके अलावा, इसमें पोटेशियम, आयरन और जिंक जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स भी मौजूद होते हैं, जो आपके शरीर में खोए इलेक्ट्रोलाइट्स को वापस पाने में मदद करते हैं।

विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालती है

छाछ में राइबोफ्लेविन होता है, जिसे विटामिन बी2 भी कहा जाता है, जो भोजन को ऊर्जा में बदलने के लिए जिम्मेदार होता है और बी कॉम्प्लेक्स श्रृंखला के मुख्य विटामिनों में से एक है।

आयरन और राइबोफ्लेविन से भरपूर छाछ लीवर की कार्यप्रणाली को मजबूत बनाती है, क्योंकि आयरन आपके लीवर को विषाक्त पदार्थों को तोड़ने में मदद करता है, जबकि राइबोफ्लेविन इसके डिटॉक्स करने की प्रक्रिया को बेहतर बनाता है।

पोषक तत्वों का बेहतरीन स्रोत

छाछ कई आवश्यक विटामिन और खनिजों से भरपूर होती है, जो राइबोफ्लेविन (विटामिन बी), पोटेशियम, कैल्शियम और आयरन की कमी की भरपाई करने में सहायक होती है।

यह जिंक का भी एक उत्कृष्ट स्रोत है और एक कप छाछ में वयस्क पुरुष और महिला की दैनिक जिंक आवश्यकता का क्रमशः लगभग 9 से 13% हिस्सा होता है।

विशेष रूप से, जिंक कोशिकाओं को क्षति से बचाता है, तथा रक्त का थक्का जमाने और घाव भरने में मदद करता है।

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हड्डियों को मजबूत करे

कैल्शियम के गुणों से भरपूर छाछ सबसे अच्छा स्वास्थ्यवर्धक पेय है, जो आपकी हड्डियों की संरचना का ख्याल रखने और मजबूती के लिए आवश्यक है। कैल्शियम शरीर के लिए अति महत्वपूर्ण खनिजों में से एक है, जो हड्डियों, दांतों और रक्त के लिए बड़ी मात्रा में आवश्यक है।

लैक्टोज असहिष्णुता वाले लोगों के लिए, जो लोग डेयरी उत्पादों से कैल्शियम की अपनी दैनिक खुराक नहीं पा सकते हैं, उनके लिए छाछ एक जीवनरक्षक पेय है, क्योंकि यह बिना किसी एलर्जी के उनकी कैल्शियम की दैनिक आवश्यकता को पूरा करती है।

इसके अतिरिक्त, छाछ वसा रहित होती है, जिससे यह उन व्यक्तियों के लिए सबसे अच्छा पेय विकल्प बन जाता है, जो अपने वजन पर ध्यान देते हैं और अपने आहार योजना के लिये एक स्वस्थ पेय चाहते हैं।

कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित करती है

आयुर्वेद में कहा गया है, कि छाछ का प्रतिदिन सेवन कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकती है।

उच्च कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित व्यक्ति यदि प्रतिदिन संतुलित मात्रा में छाछ पीते हैं, तो उनमें ट्राइग्लिसराइड और कोलेस्ट्रॉल के स्तर में कमी हो सकती है।

इसलिए, छाछ पीने के स्वास्थ्य लाभ पाने हेतु इसे भोजन के साथ लेना आपके हृदय के लिए स्वास्थ्यवर्धक हो सकता है, क्योंकि अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बनाए रखने से आपके स्वास्थ्य को बहुत लाभ होगा और हृदय रोग या स्ट्रोक होने की संभावना कम हो जाएगी।

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उच्च रक्तचाप के लिए अच्छी

कुछ अध्ययनों के अनुसार, छाछ का नियमित सेवन रक्तचाप को काफी हद तक कम कर सकती है।

कोलेस्ट्रॉल कम करने वाले गुणों के कारण, छाछ को अक्सर उच्च रक्तचाप वाले लोगों को पीने की सलाह दी जाती है। क्योंकि, इसमें मौजूद बायोएक्टिव प्रोटीन सामान्य रक्तचाप को बनाए रखने के लिए भी जिम्मेदार होते हैं।

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संक्रमण से बचाती है

छाछ में वसा के छोटे-छोटे कण मौजूद होते हैं, जिन्हें मिल्क फैट ग्लोब्यूल मेम्ब्रेन (MFGM) के नाम से जाना जाता है और इसमें एंटी-फंगल, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटी-कैंसर गुणों वाले यौगिक होते हैं।

इसलिए, छाछ पीने के स्वास्थ्य लाभ उठाने के लिए इसे अपने आहार में शामिल करें, जिससे आपको कई बीमारियों और स्वास्थ्य समस्याओं से बचने में मदद मिल सकती है।

छाछ का आनंद कैसे लें?

यह दिव्य पेय, जो मक्खन के लिए दही को मथने के बाद प्राप्त होता है, इसलिए छाछ में दूध और दही दोनों के गुण होते हैं। इसके प्रोबायोटिक्स आपके पेट की देखभाल करते हैं, जबकि इसमें मौजूद कैल्शियम और अन्य सूक्ष्म पोषक तत्व आपके शरीर को कई अन्य तरीकों से मदद पहुंचाते हैं।

गर्मियों का यह पेय कई बीमारियों के लिए रामबाण हो सकता है। छाछ पीने के अलौकिक फायदों को पाने के लिए आप इसे अपने रोज़मर्रा के आहार में शामिल कर सकते हैं और इसके उपयोग से कई तरह के व्यंजन भी बना सकते हैं।

छाछ का सेवन अकेले या कुछ मसाले मिलाकर इसके मजेदार स्वाद का आनंद ले सकते हैं। छाछ का उपयोग सलाद, स्मूदी और सूप सहित कई तरह के व्यंजनों को बनाने में किया जा सकता है।

मसाला छाछ कैसे बनायें?

गर्मियों में, गर्मी से राहत पाने के लिए एक गिलास मसाला छाछ से बेहतर कुछ नहीं हो सकता। पोषक तत्वों से भरपूर मसाला छाछ न केवल आपकी प्यास बुझाती है, बल्कि कई आवश्यक खनिजों और सूक्ष्म पोषक तत्वों के साथ आपके शरीर को ठंडक प्रदान करती है और शरीर नई जान फूंक देती है।

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इस जादुई पेय को बनाने की विधि नीचे दी गई है:

आवश्यक सामग्री

  • दही: ¼ कप
  • ठंडा पानी: 1 कप
  • काला नमक: स्वादानुसार
  • भुना हुआ जीरा पाउडर: ½ चम्मच
  • हरी मिर्च (बारीक कटी हुई): 1
  • पुदीने के पत्ते
  • धनिया पत्ती
  • अदरक (कुटा हुआ): ½ इंच

बनाने की विधि

  • एक बर्तन में ¼ कप दही लें और उसमें एक कप ठंडा पानी मिलायें।
  • थोड़ा काला नमक, भुना जीरा पाउडर, कुटी हुई अदरक और बारीक कटी हरी मिर्च डालकर मिक्सर या ब्लेंडर की मदद से सब कुछ मिला लें।
  • फिर इसमें धनिया पत्ती, पुदीना पत्ती काटकर मिला लें।
  • धनिया और पुदीना पत्ती से सजाकर इसे ठंडा ही परोसें।

छाछ के दुष्प्रभाव

छाछ पीने के कई स्वास्थ्य लाभों के बावजूद, अगर इसका सेवन संयमित मात्रा में न किया जाए, तो छाछ कुछ समस्याओं का कारण बन सकती है या कुछ लोगों में एलर्जी भी पैदा कर सकती है।

छाछ के सेवन से जुड़े संभावित दुष्प्रभावों में शामिल हैं:

  • लैक्टोज असहिष्णुता: छाछ में लैक्टोज होता है, जो दूध में पाई जाने वाली एक प्रकार की चीनी है। लैक्टोज असहिष्णुता वाले लोगों को पाचन संबंधी परेशानी का अनुभव हो सकता है, जिसमें गैस, सूजन, दस्त और पेट दर्द शामिल हैं।
  • एलर्जी: कुछ व्यक्तियों को डेयरी उत्पादों के, जैसे छाछ से एलर्जी हो सकती है। डेयरी एलर्जी से पित्ती, खुजली, सूजन, सांस लेने में कठिनाई या पाचन संबंधी समस्याएँ जैसे लक्षण हो सकते हैं।
  • उच्च कैलोरी: हालांकि, छाछ के लाभ को वजन घटाने के रूप में देखा जाता है, क्योंकि इसमें दूध की तुलना में कम कैलोरी होती है, फिर भी इसमें कैलोरी होती है। अत्यधिक मात्रा में छाछ पीने से वजन बढ़ाने में योगदान दे सकती है।
  • उच्च सोडियम: व्यावसायिक रूप से उत्पादित छाछ में सोडियम की मात्रा अपेक्षाकृत अधिक हो सकती है, जो कम सोडियम आहार लेने वाले व्यक्तियों या उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) से पीड़ित व्यक्तियों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकती है।
  • अत्यधिक सेवन: जबकि, छाछ सीमित मात्रा में फायदेमंद हो सकती है, अत्यधिक सेवन से अनपेक्षित परिणाम मिल सकते हैं। किसी भी भोजन या पेय का उचित मात्रा में आनंद लेना हमेशा फायदेमंद होता है।

छाछ से आपकी सर्दी और भी खराब हो सकती है; इसलिए यदि आपको बुखार या सर्दी हो तो रात में इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

चूंकि, छाछ एक डेयरी उत्पाद से बनाया जाता है, इसलिए इसमें दूध और दही दोनों के गुण होते हैं। परिणामस्वरूप, जिन लोगों को दूध से एलर्जी है, उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

यह याद रखना महत्वपूर्ण है, कि उपरोक्त दुष्प्रभाव हर किसी को नहीं होंगे। लेकिन छाछ का सेवन संयमपूर्वक करने से ही इस के पूरे लाभों का आनंद उठा पायेंगे।

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क्या मधुमेह रोगी छाछ पी सकते हैं?

अपने स्वास्थ्य लाभों के लिए जानी जाने वाली छाछ सभी के लिए फायदेमंद है, जिसमें टाइप 2 मधुमेह के रोगी भी शामिल हैं। इसका कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स इसे ब्लड शुगर की समस्या वाले लोगों या अपने वजन को संतुलित रखने वाले लोगों के लिए एक आदर्श पेय बनाता है।

हालांकि, यह सुपर ड्रिंक पोषक तत्वों और खनिजों से भरपूर है, फिर भी इसके पीने की मात्रा पर ध्यान देना आवश्यक है और 150 मिली से अधिक नहीं पीना चाहिए, जैसा कि कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं।

छाछ का ज़्यादा से ज़्यादा फ़ायदा उठाने के लिए, आपको भोजन से पहले या भोजन के तुरंत बाद पीना चाहिए। मधुमेह रोगियों को इसे भोजन के बीच में लेना चाहिये।

आखिरी बात भी बहुत महत्वपूर्ण है…

नियमित तौर पर छाछ पीने के स्वास्थ्य लाभ बहुत से हैं, यह कैल्शियम, आयरन, जिंक और विटामिन ए, बी, डी और ई जैसे पोषक तत्वों से भरपूर एक लोकप्रिय डेयरी उत्पाद है, जिसके कई सारे स्वास्थ्य लाभ हैं। यह शरीर के उचित वजन को बनाए रखने, हड्डियों को मजबूत करने के अलावा रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करने में सहायक होती है।

छाछ में मौजूद प्रोबायोटिक्स पाचन में सहायक और आपके पाचन तंत्र की बहुत अच्छी देखभाल करते हैं। इसके अलावा, इसका नियमित सेवन पेट की कई बीमारियों जैसे कि चिड़चिड़ा आंत्र सिंड्रोम, पेट में संक्रमण, अनियमित मल त्याग, लैक्टोज असहिष्णुता और कोलन कैंसर के विकास को रोकने में मदद कर सकता है।

गर्मियों में मिलने वाला यह लोकप्रिय पेय आपको गर्मी से लड़ने और शरीर को आवश्यक खनिजों की क्षतिपूर्ति करने में भी मदद करता है। छाछ का कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स मधुमेह रोगियों के लिए भी फायदेमंद है।

ध्यान दें! जिन लोगों को डेयरी उत्पादों से एलर्जी है या पराग से एलर्जी है या साइनस की समस्या है, उन्हें कुछ दुष्प्रभाव दिख सकते हैं, इसलिए, उन्हें अपने डॉक्टर से परामर्श किए बिना छाछ का सेवन नहीं करना चाहिए।

 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

क्या नियमित छाछ पीना स्वास्थ्यवर्धक है?

छाछ दही में से मक्खन को निकालने के बाद मिलती है, इसलिए यह पेट के लिए हल्की और सुपाच्य होती है। साथ ही, इसमें मौजूद प्रोबायोटिक्स छाछ को ज़्यादा स्वास्थ्यवर्धक बनाते हैं। इसके अतिरिक्त, छाछ एसिडिटी को कम करने में सहायता करती है।

क्या छाछ वजन घटाने में मदद करती है?

जो लोग अपना वजन कम कर रहे हैं और कम कैलोरी वाला आहार लेते हैं, उन्हें अक्सर छाछ पीने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इसमें वसा न के बराबर होती है। जिम जाने वालों या फिटनेस फ्रीक के लिए छाछ एक स्वस्थ पेय है, जो कम कैलोरी और पोषक तत्वों से भरपूर होती है।

क्या रात में छाछ पीने से बचना चाहिए?

रात के खाने के बाद एक गिलास छाछ पाचन, नींद और अन्य चीजों में मदद कर सकती है। हालाँकि, पराग एलर्जी या सर्दी, जुकाम वाले लोगों को रात में छाछ पीने से परहेज करना चाहिए, क्योंकि इससे गले की तकलीफ बढ़ सकती है।

क्या दैनिक आहार के साथ छाछ ले सकते हैं?

हाँ, क्योंकि छाछ विटामिन और खनिजों से भरपूर एक अद्भुत पेय है और इसे दैनिक आहार के साथ लेने से शरीर की कई तरह से मदद होती है। छाछ में मौजूद कई स्वास्थ्यवर्धक तत्व जैसे कैल्शियम और राइबोफ्लेविन आपके स्वास्थ्य में इजाफा कर सकते हैं।

 

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Disclaimer

इस लेख के माध्यम से दी गई जानकारी, बीमारियों और स्वास्थ्य के बारे में लोगों को सचेत करने हेतु हैं। किसी भी सलाह, सुझावों को निजी स्वास्थ्य के लिए उपयोग में लाने से पहले हमेशा अपने चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।

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Ashok Kumar
Ashok Kumar

नमस्कार दोस्तों,
मैं एक Health Blogger हूँ, और स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों के बारे में शोध-आधारित लेख लिखना पसंद करता हूँ, जो शिक्षाप्रद होने के साथ प्रासंगिक भी हों। मैं अक्सर Health, Wellness, Personal Care, Relationship, Sexual Health, और Women Health जैसे विषयों पर Article लिखता हूँ। लेकिन मेरे पसंदीदा विषय Health और Relationship से आते हैं।

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