25 इम्युनिटी बढ़ाने वाले फल सर्दियों में रोज़ खाएं
“इम्युनिटी बढ़ाने वाले फल सर्दियों में रोज़ खाएं”, क्योंकि सर्दी का मौसम अपने साथ स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी लेकर आता है। इस मौसम में सर्दी, खांसी, फ्लू, रूखी त्वचा, बाल झड़ना और ऐसी ही कई समस्याएं हमें परेशान करने लगती हैं। कभी सोचा है क्यों? ऐसा इसलिए है क्योंकि ठंडा तापमान और कठोर मौसम हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर देता है, जिससे हम बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। लेकिन हमें शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने के उपाय अवश्य खोजने चाहिए।
शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए क्या खाएं?
जैसे-जैसे सर्दी का मौसम बदलता है, वैसे-वैसे हमारी डाइट में भी बदलाव होना चाहिए। सर्दियों के दौरान हमें अपने आहार में इम्युनिटी बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए। इनमें से एक तरीका है, कि हमें रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले फल अपने आहार में शामिल करना चाहिए। जो बीमारियों से बचाने के साथ साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में मदद करते हैं। कुछ पोषक तत्व इम्यूनिटी को तेजी से बढ़ाने में सहायक होते हैं, विशेष रूप से वे, जो खट्टे फलों और अन्य सर्दियों के फलों में पाए जाते हैं।
सर्दियों में इम्युनिटी बढ़ाने वाले फल ही क्यों? (Immunity Booster Fruits in hindi)
मौसमी और स्वादिष्ट विकल्प
कुछ फलों के लिए सर्दी एकदम आदर्श मौसम है! इसका मतलब यह है, कि आप मौसमी फलों को खा सकते हैं, जो साल के किसी भी अन्य समय की तुलना में अधिक ताज़ा और स्वादिष्ट होते हैं, खासकर स्थानीय बाजार में बहुतायत से उपलब्ध होते हैं।
रोग प्रतिरोधकता को बढ़ाने के लिए विटामिन सी
ठंडा तापमान कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे सामान्य सर्दी, वायरल संक्रमण और शुष्क रूखी त्वचा। जब सर्दी आती है, तो आप शरीर और दिल को स्वस्थ्य रखने वाली सब्जियों को अपने भोजन का हिस्सा बनाते हैं। लेकिन, फल के बारे में आपने क्या सोचा है?
सर्दियों में हमारे पास फलों की एक जबरदस्त विविधता उपलब्ध है, विशेष रूप से, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए खट्टे फल खाएं, जो विटामिन सी से भरे होते हैं, उसके लिए सर्दियों का समय एकदम उपयुक्त है।
सर्दियों के दौरान अपने रोजमर्रा के आहार में मौसमी फलों को शामिल करने से, इन फलों में मौजूद पोषक तत्व आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में सहायता प्रदान करते हैं। जो मौसम के साथ आने वाली सर्दी, जुकाम या अन्य समस्याओं से निपटने में पूरे स्वास्थ्य की मदद करते हैं।
सर्दियों में ऊर्जा का एक बढ़िया स्रोत
आप यह तो जानते ही होंगे, कि फल स्वस्थ शर्करा (Healthy Sugar) का एक बड़ा स्रोत हैं, लेकिन सर्दियों के दौरान कुछ अतिरिक्त ऊर्जा पाने के लिए विटामिन सी युक्त सर्दियों के फल एक विशेष रूप से अच्छा तरीका है। इसीलिए ठंड के मौसम में हम अधिक मात्रा में भोजन करते हैं, ताकि अतिरिक्त ऊर्जा की आवश्यकता पूरी हो सके।
एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर
ऐसा नहीं है, कि मौसमी फल सिर्फ आंतरिक रूप से ही फायदा पहुंचाते हैं! जबकि, अधिकांश फल एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होते हैं, जैसे केला, कीवी और खट्टे फल आपकी त्वचा के स्वास्थ्य में एक बड़ा बदलाव ला सकते हैं। एंटीऑक्सिडेंट आपकी त्वचा को रूखेपन, सूखेपन और फटने से लड़ने में मदद करते हैं, जो सर्दियों में अक्सर पैदा हो सकता है।
यदि आप भी सर्दियों में अपनी त्वचा के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के आसान तरीके की तलाश कर रहे हैं, तो अपने आहार में फलों को शामिल करना शुरू न भूलें!
और भी, कई अन्य स्वास्थ्य लाभ
हम केवल यह बता रहे हैं, कि कैसे फल आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं। ईमानदारी से, यह न केवल ठंडे समय के लिए सच है, अपितु शुरुआती सर्दी, शुरुआती गर्मी, शुरुआती वसंत – फल आपके लिए अच्छे हैं और साल भर इसके दर्जनों स्वास्थ्य लाभ हैं!
आज इस लेख में विस्तारपूर्वक बतायेंगे, कि इम्युनिटी बढ़ाने वाले फल आपके स्वास्थ्य के लिए इतने अच्छे कैसे हो सकते हैं, और इस मौसम को और मज़ेदार बनाने के लिए खट्टे मीठे फलों के बारे में बात करेंगे!
सर्दियों में खाये जाने वाले फल (Winter Fruits in Hindi)
जैसे-जैसे बाहर का तापमान गिरता जा रहा है, आप शायद खुद को ठंड से बचाने के लिए जैकेट, स्कार्फ और स्वेटर पहन रहे हैं – और हम भी ऐसा ही कर रहे हैं! लेकिन सर्दियों में शरीर के स्वास्थ्य और आंतरिक तापमान को नियंत्रित करने के लिए कुछ विशेष फलों का सेवन करना अधिक लाभकारी साबित हो सकता है।
तो अब बिना देर किये यह जानें, कि सर्दियों के दौरान कौन-कौन से फलों का आनंद लेना चाहिए, ताकि स्वाद और सेहत दोनों का फायदा मिल सके!
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सेब (Apple)
सर्दियों के मौसम में बाजार में कई रंगों के फलों की बहार आ जाती है, सेब भी उनमें में से एक है। सेब सर्दियों में सबसे अधिक सहजता से मिलने वाला फल है। सेब कई विटामिन और खनिजों से भरपूर होते हैं। सेब फाइबर और विटामिन सी का एक अच्छा स्रोत हैं। इनमें विटामिन ई और पॉलीफेनोल्स जैसे एंटीऑक्सिडेंट भी होते हैं, जो फल के कई स्वास्थ्य लाभों में योगदान करते हैं।
इनमें पेक्टिन नामक फाइबर होता है, जो आंत के स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। सेब में मौजूद पॉलीफेनोल्स एंटीऑक्सीडेंट्स ह्रदय रोग, निम्न रक्तचाप, कैंसर और डायबिटीज के खतरे को कम करते हैं। इनमें मौजूद विटामिन सी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। इनमें घुलनशील फाइबर अधिक होता है, जो कोलेस्ट्रॉल और मोटापा कम करने में मदद करता है। सेब में एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी यौगिक होते हैं जो अस्थमा से बचाने में मदद कर सकते हैं।
सेब का अधिकतम फायदा पाने के लिए, सेब का रस या छीलकर खाने के बजाय बिना छीले इसे छिलके के साथ खायें, क्योंकि छिलके में फाइबर और पॉलीफेनोल्स एंटीऑक्सीडेंट का अधिकांश भाग होता है।
चेतावनी
सेब खाते समय इसके बीजों को निकालकर फेंक दें, क्योंकि सेब के बीज में साइनाइड होता है और यह जहरीला होता है।
संतरे (Oranges)
ठंडी के मौसम में नारंगी रंग का थोड़ा खट्टा और मीठा फल संतरा सबसे अधिक खाये जाने वाले प्रमुख फलों में से एक है। क्योंकि सर्दियों में संतरे का महत्व कई गुणा बढ़ जाता है। इसलिए, कि ठंड में लोग संतरे का सेवन अधिक करते हैं, इम्युनिटी बढ़ाने के लिए ताकि वो फ्लू, सर्दी जैसे संक्रमण से बचे रहें।
संतरे में विटामिन सी, फाइबर, पोटैशियम, फोलेट और सिट्रिक एसिड होता है। इसे पोषकता का पावरहाउस भी कहते हैं। इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी यौगिक मधुमेह, हृदय रोग, गठिया, कैंसर और अल्जाइमर रोग से बचाते हैं।
विटामिन सी संक्रमण से लड़ने और त्वचा के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद करती है। संतरे का सेवन करने से कैंसर और किडनी की बीमारी का खतरा कम हो जाता है, यह फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करता है। संतरे में मौजूद फोलेट एनीमिया को रोकने में मदद करता है।
संतरे के दुष्प्रभाव
संतरे के अत्यधिक सेवन से मतली, उल्टी, दस्त, पेट में ऐंठन, सिरदर्द और अनिद्रा जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
कीवी (Kiwi)
कीवी, ठंड के महीनों के दौरान सबसे अधिक उपलब्ध होने वाला फल है, कीवी अत्यधिक पौष्टिक और प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद करने वाला फल है, जो विभिन्न प्रकार के विटामिन, खनिज और फाइबर से भरे होते हैं। इसमें विटामिन सी की मात्रा उच्च होती है, जो इम्युनिटी बढ़ाने के लिए आवश्यक है। इसके अतिरिक्त, कीवी में पोटेशियम, तांबा, विटामिन के, फोलेट और विटामिन ई होता है।
कीवी में मौजूद विटामिन ई त्वचा के स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है और त्वचा को जल्दी बूढ़ा होने से रोकता है। विटामिन सी एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है और कोशिकाओं की रक्षा करता है। कीवी में कैलोरी, प्रोटीन और फैट कम होता है और ये फाइबर का अच्छा स्रोत हैं। कीवी आपके दिल और पाचन तंत्र के स्वास्थ्य को भी लाभ पहुंचा सकता है।
कीवी के दुष्प्रभाव
जो लोग ह्रदय रोग, किडनी की समस्या और हृदवाहिनी रोग से पीड़ित हैं और दवा ले रहें हैं तो कीवी फल खाने के पहले अपने डॉक्टर से अवश्य सलाह लें।
अमरूद (Guava)
यदि आप भी सर्दियों में इम्युनिटी बढ़ाना चाहते हैं, तो अमरुद खाएं यह सर्दियों में बहुतायत से मिलते हैं। पके अमरूद देखकर किसी का भी मन इन्हें खाने को ललचा सकता है। लेकिन क्या आपको इसके फायदे पता हैं। अमरूद पोषक तत्वों का पावरहाउस है और एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन सी और ए, लाइकोपीन, कैल्शियम, मैंगनीज, फोलेट और पोटेशियम से भरपूर होता है। सर्दियों में अमरूद का नियमित सेवन सेहत के लिए एक बढ़िया विकल्प है।
सर्दियों के मौसम में अमरूद खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाने और संक्रमण से बचाने में मदद मिल सकती है, क्योंकि इसमें विटामिन सी की मात्रा संतरे की अपेक्षा दोगुनी होती है। इनमें मौजूद पेक्टिन पाचन को बढ़ावा देता है और कोलन कैंसर को रोक सकता है।
अमरूद फाइबर का एक अच्छा स्रोत है और यह मधुमेह के लिए भी अनुकूल है। इसमें उच्च मात्रा में पोटेशियम और सोडियम होता है, जो उच्च रक्तचाप नियंत्रण करने में मदद करता है। इसके अलावा अमरुद मोटापा कम करने, तनाव से मुक्ति, त्वचा स्वास्थ्य और गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद है।
अमरूद के दुष्प्रभाव
खाने के लिए अमरूद का फल संभवतः सुरक्षित होता है, अत्यधिक सेवन करने पर पेट फूलना या पेटदर्द की समस्या हो सकती है।
स्ट्रॉबेरी (Strawberry)
स्ट्रॉबेरी वसंत और गर्मियों में मिलती होगी, लेकिन यह सर्दियों के दौरान भी उतनी ही शानदार होती है। खट्टे मीठे स्वाद वाली चमकदार लाल, रसीली स्ट्रॉबेरी फोलेट, मैंगनीज, पोटेशियम, विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है। जो हृदय स्वास्थ्य और रक्त शर्करा नियंत्रण के लिए लाभकारी हो सकते हैं। स्ट्रॉबेरी को सर्दियों के दौरान अपने आहार का हिस्सा बनाने की कोशिश करनी चाहिए।
स्ट्रॉबेरी विटामिन सी, मैंगनीज, फोलेट (विटामिन बी9) और पोटैशियम का अच्छा स्रोत है। उनमें कई अन्य विटामिन और खनिजों की थोड़ी मात्रा होती है। स्ट्रॉबेरी हृदय रोग और कैंसर के जोखिम को कम करने के साथ ही रक्त शर्करा को भी नियंत्रित करने में और वजन घटाने के लिए भी उपयोगी है । अन्य स्वास्थ्य लाभों में कम कोलेस्ट्रॉल, रक्तचाप, सूजन (inflammation) और ऑक्सीडेटिव तनाव शामिल हैं।
स्ट्रॉबेरी के दुष्प्रभाव
स्ट्रॉबेरी कुछ लोगों को एलर्जी हो सकती है, यदि आप गर्भवती हैं या स्तनपान कराने वाली मां हैं, तो सेवन करने की सही मात्रा के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।
अंगूर (Grapes)
अंगूर न केवल हरे, लाल, काले और बैंगनी सहित रंगों और स्वादों की उत्कृष्ट विविधता प्रदान करते हैं। सभी के सभी अत्यधिक पौष्टिक और इम्युनिटी बढ़ाने वाले फल होते हैं। अंगूर की किस्मों में बीज वाली और बीज रहित दोनों भी मौजूद हैं। अंगूर में तांबे और विटामिन बी और के सहित कई महत्वपूर्ण विटामिन और खनिज होते हैं।
अंगूर फाइबर से भरपूर होते हैं, जो आपके पाचन तंत्र के लिए अच्छे होते हैं। वृद्धि और विकास के लिए थायमिन और राइबोफ्लेविन दोनों की आवश्यकता होती है, जबकि चयापचय के लिए बी 6 की आवश्यकता होती है। अंगूर में मौजूद विटामिन के रक्त के थक्के और स्वस्थ हड्डियों के लिए महत्वपूर्ण है।
अंगूर रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करके हृदय रोग से बचाता है। अंगूर एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होते हैं, जो लाभकारी पौधे यौगिक (Plant Compounds) हैं जो पुरानी स्वास्थ्य स्थितियों कई प्रकार के कैंसर के विकास और प्रसार से बचा सकते हैं। हालांकि, अंगूर में चीनी का स्तर उच्च होता है, GI कम होने से मधुमेह वाले आराम से खा सकते हैं। पानी और फाइबर के अच्छे स्रोत के रूप में अंगूर कब्ज को दूर करने में मदद कर सकता है।
अंगूर के दुष्प्रभाव
अंगूर खाने का कोई दुष्प्रभाव नहीं है, ये एकदम सुरक्षित हैं। लेकिन, अधिक मात्रा में अंगूर खाने से डायरिया, खांसी, मुंह सूखना और सिरदर्द हो सकता है।
आलूबुखारा (Plum)
आलू बुखारा एक बहुत ही प्रसिद्ध जामुनी रंग का फल है, जो आमतौर पर मीठा और गूदेदार होता है। जो फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, हालांकि, तासीर में बहुत गर्म नहीं होता। यह विटामिन ए और सी, और उच्च पोटेशियम, मैग्नीशियम और लौह सामग्री से भरपूर है। विटामिन डी, बी6, बी12 और कैल्शियम भी मौजूद होते हैं।
आलूबुखारा भूख को बढ़ावा देता है और पाचन, रक्त परिसंचरण और हृदय स्वास्थ्य में सुधार करता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट तत्व कोशिका क्षति, कोलेस्ट्रॉल और ऑक्सीडेटिव चिंता या तनाव को कम करने में मदद करते हैं।
आलूबुखारा में विटामिन C भरपूर मात्रा में पाया जाता है, इसके के नियमित सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोत्तरी होती है। आलूबुखारे में मौजूद पोटैशियम शरीर में सोडियम के स्तर को कम करके रक्तचाप को कम करने में मदद करता है। आलूबुखारा डाइटरी फाइबर से भरपूर होता है, जो चयापचय में सहायता करता है।
आलूबुखारा के दुष्प्रभाव
आलू बुखारा अधिक खाने से कुछ जटिलताएँ हो सकती हैं, क्योंकि इनमें ऑक्सालिक एसिड (Oxalic Acid) होता है। आलू बुखारा अधिक खाने और पानी कम पीने के कारण मूत्र मार्ग में क्रिस्टल बन सकते हैं और जो आगे चलकर पथरी में बदल सकते हैं।
खट्टे फल (Citrus fruits)
खट्टे फलों में कई प्रकार के इम्युनिटी बढ़ाने वाले फल शामिल होते हैं, जैसे नींबू, कीनू और कई प्रकार के संतरे। ये सभी विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट और स्वादिष्टता से भरपूर होते हैं! खट्टे फलों में फाइटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं, यह कैरोटीनॉयड्स, फ्लेवोनोइड्स और पॉलीफेनोल्स आदि एंटीऑक्सिडेंट के प्रकार हैं, जो फलों को चटक रंग और तेज सुगंध देते हैं। वे शरीर की रक्षा करने और कई स्वास्थ्य समस्याओं को रोकने में भी मदद कर सकते हैं।
खट्टे फल विटामिन सी से भरपूर होते हैं, जो सर्दियों में प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है और कोलेजन को बढ़ावा देता है, जो त्वचा के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और बढ़ती उम्र के असर को कम करने में मदद कर सकता है। खट्टे फल साइट्रेट के स्तर को बढ़ाकर गुर्दे की पथरी के खतरे को कम करता है।
साइट्रस फल में मौजूद फ्लेवोनॉयड्स कुछ प्रकार के कैंसर के विकास को रोकने में मदद कर सकते हैं। खट्टे फलों में पोटेशियम जैसे कई यौगिक होते हैं, जो दिल को स्वस्थ रखने के साथ स्ट्रोक और हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं।
खट्टे फलों के दुष्प्रभाव
एक दिन में 4-5 संतरे का सेवन पेट खराब, ऐंठन, दस्त, सूजन और मतली का कारण बन सकता है। खट्टे फल अम्लीय होते हैं, जो Gastro-esophageal Reflux Disease (GERD) से पीड़ित लोगों के पेट में जलन पैदा कर सकते हैं। GERD से पीड़ित लोगों को संतरा खाने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
अनार (Pomegranate)
अनार का फल गोल, लाल रंग के होते हैं, इसके रस का मीठा-खट्टा स्वाद एकदम अद्वितीय होता है। कुल मिलाकर, अनार में कैलोरी और वसा की मात्रा कम होती है, लेकिन फाइबर, विटामिन और खनिजों का स्तर उच्च होता है। हालांकि, अनार का फल 12 महिने उपलब्ध रहता है, लेकिन सर्दियों में इस फल के रस का नियमित तौर पर सेवन करना लाभकारी होता है।
अनार विटामिन सी, विटामिन के, और पोटेशियम के साथ-साथ कई अन्य प्रमुख पोषक तत्वों का एक अच्छा स्रोत है। अनार एंटीऑक्सिडेंट यौगिकों की प्रभावशाली शृंखला से भरपूर होते हैं, जो कोशिकाओं को मुक्त कणों (Free Radicals) से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करते हैं।
अनार में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण गुर्दे की पथरी को कम करने में मदद कर सकते हैं।ये हानिकारक बैक्टीरिया, कवक और यीस्ट से लड़ने में मदद करते हैं – विशेष रूप से मुंह में कीटाणु जो सांसों की दुर्गंध और दांतों की सड़न पैदा कर सकते हैं।
अनार के दुष्प्रभाव
कुछ लोगों को अनार से एलर्जी हो सकती है, जिसमें खराश से लेकर गले की जकड़न तक के लक्षण हो सकते हैं। अनार का रस कुछ दवाओं के साथ परस्पर क्रिया कर सकता है, विशेष रूप से वे दवाएं जो उच्च रक्तचाप या रक्त को पतला करने में मदद करती हैं।
चकोतरा/मौसंबी /नारंगी (Grapefruit/ Citrus limetta)
मौसंबी एक उष्णकटिबंधीय खट्टे फल है, जो मीठे लेकिन तीक्ष्ण स्वाद के साथ अपनी रोग प्रतिरोधकता के लिए भी जाना जाता है। यह पोषक तत्वों, एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर से भरपूर होता है। यह खाए जा सकने वाले स्वास्थ्यप्रद खट्टे फलों में से एक है। मौसंबी के कुछ प्रभावशाली स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं, इनमें वजन कम करना और हृदय रोग का जोखिम कम करना शामिल है।
मौसंबी एक संतुलित आहार है, क्योंकि यह कैलोरी में कम होता है और फाइबर, विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट की एक महत्वपूर्ण मात्रा प्रदान करता है। विटामिन सी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो सर्दी में हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस से बचाते हैं। इसमें थोड़ी मात्रा में विटामिन बी, जस्ता, तांबा और लोहा ये सभी मिलकर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं।
फाइबर और पानी की अधिक मात्रा कैलोरी के सेवन को कम कर सकती है, जिससे वजन घटाने में मदद मिल सकती है। मौसंबी इंसुलिन प्रतिरोध को कम करता है, जो टाइप 2 मधुमेह के खतरे को कम कर सकता है। साइट्रिक एसिड कैल्शियम ऑक्सालेट गुर्दे की पथरी बनने की प्रक्रिया को कम कर सकता है। विटामिन सी अधिक कोलेजन बनाने में मदद करता है, जिससे त्वचा हाइड्रेट और झुर्री मुक्त रहती है।
मौसंबी के दुष्प्रभाव
यदि आप डॉक्टर निर्देशित दवाएं लेते हैं या दांत संवेदनशील हैं, तो आपको चकोतरे/मौसंबी का सेवन सीमित करने या इसे पूरी तरह से टालने में ही भलाई हो सकती है।
ख़ुरमा (Persimmon)
आपने ख़ुरमा के बारे में ज्यादा नहीं सुना होगा, लेकिन ख़ुरमा एक ऐसा फल है, जिसे आप अनदेखा नहीं कर सकते हैं, खासकर इन सर्दियों में! ख़ुरमा एक प्रकार का नारंगी रंग का फल है, जो अपने मीठे और शहद जैसे स्वाद के लिए जाने जाता है। ख़ुरमा के कुछ स्वास्थ्य लाभों में हृदय, त्वचा और दृष्टि स्वास्थ्य में सुधार शामिल है। साथ ही ये प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत कर मधुमेह और हृदय विकार जैसी बीमारियों को रोकने में मदद करते हैं।
ख़ुरमा के फल पोषक तत्वों और खनिजों से भरे होते हैं। इनकी मात्रा ख़ुरमा के प्रकारों के बीच भिन्न हो सकती है। ख़ुरमा विटामिन ए, सी, और बी, पोटेशियम और मैंगनीज सहित महत्वपूर्ण विटामिन और खनिजों में उच्च हैं। इनमें टैनिन और फ्लेवोनोइड्स जैसे लाभकारी पादप यौगिक भी होते हैं।
ख़ुरमा कैरोटेनॉयड्स और फ्लेवोनोइड्स जैसे शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट का एक उत्कृष्ट स्रोत है। एंटीऑक्सिडेंट ऑक्सीडेटिव तनाव का प्रतिकार करके मुक्त कणों (Free Radicals) को रोकने या धीमा करने में मदद करते हैं। ऑक्सीडेटिव तनाव को कुछ पुरानी बीमारियों से जोड़ा गया है, जिनमें हृदय रोग, मधुमेह, कैंसर और अल्जाइमर जैसी न्यूरोलॉजिकल स्थितियां शामिल हैं।
ख़ुरमा के दुष्प्रभाव
बड़ी मात्रा में ख़ुरमा खाने से बेज़ार (Bezoar) हो सकता है। बेज़ार पाचन मार्ग को बाधित कर सकता है और जठरांत्र (Gastrointestinal) में रुकावट का कारण बन सकता है। इसलिए ख़ुरमा के अधिक सेवन से बचें।
खजूर (Date)
खजूर का वर्गीकरण गर्म तासीर वाले फल के तहत किया जाता है, इसलिए इस इम्युनिटी बढ़ाने वाले फल का सेवन सर्दियों में करना विशेष रूप से फायदेमंद होता है। खजूर के कई स्वास्थ्य लाभों ने इस स्वादिष्ट फल को स्वास्थ्य और पोषण की दुनिया में सबसे अधिक मांग वाला खाद्य पदार्थ बना दिया है। खजूर में अन्य ताजे फलों की तुलना में उच्च कैलोरी के साथ पोषण तत्वों की अधिकता होती है।
खजूर में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट के अलावा कई विटामिन और खनिज विटामिन बी, विटामिन के, कैल्शियम, लोहा, मैग्नीशियम, पोटेशियम, जस्ता और मैंगनीज पोषक तत्वों की विस्तृत श्रृंखला की थोड़ी मात्रा होती है। हालाँकि, उनमें कैलोरी की मात्रा उच्च होती है, क्योंकि वे सूखे मेवे होते हैं।
खजूर में फाइबर अधिक होता है, जो कब्ज को रोकने और ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए फायदेमंद हो सकता है। इसमें कई प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो हृदय रोग, कैंसर, अल्जाइमर और मधुमेह जैसी कुछ पुरानी बीमारियों के विकास को रोकने में मदद कर सकते हैं।
खजूर के दुष्प्रभाव
कुछ लोगों को खजूर के फलों से एलर्जी हो सकती है। सूखे खजूर में मौजूद सल्फाइट्स (Sulfites) एलर्जी का कारण बन सकता है। लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं, कई लोगों को त्वचा पर चकत्ते, तो कुछ लोगों को आँखों में संवेदनशीलता या लाल आँखें या नाक बहने की शिकायत हो सकती है।
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चीकू (Sapodilla/Sapota)
चीकू (Sapodilla/Sapota) एक लोकप्रिय उष्णकटिबंधीय सर्दियों का फल है, जो इसके मीठे स्वाद और औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। गोल या अंडे के आकार का फल भूरी त्वचा और दानेदार बनावट के साथ इसकी सुगंध मीठी होती है। चीकू में प्राकृतिक शर्करा की मात्रा उच्च होती है और हल्का भूरा गूदा आसानी से पचने योग्य होता है।
चीकू एक ऐसा फल है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और सर्दियों के दौरान आपको गर्म और सुरक्षित रखते हुए बैक्टीरिया के संक्रमण से लड़ता है। भारत में, कर्नाटक चीकू का सबसे बड़ा उत्पादक है, इसके बाद महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल का स्थान आता है।
चीकू में विटामिन सी और तांबे का स्तर उच्च होता है। इसमें विभिन्न प्रकार के विटामिन और खनिज और अच्छी मात्रा में फाइबर होता है। विटामिन सी एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है, जो कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव क्षति से बचाने में मदद करता है। और तांबा नई रक्त कोशिकाओं, मस्तिष्क के विकास, प्रतिरक्षा कार्य और हीमोग्लोबिन के उत्पादन में योगदान देता है।
चीकू के दुष्प्रभाव
मध्यम मात्रा में अधिकांश लोगों के लिए चीकू का सेवन एकदम सुरक्षित है। हालांकि, अधिक सेवन से कुछ लोगों में पेट और आंतों से संबंधित (Gastrointestinal) समस्याएं हो सकती हैं। कच्चे चीकू में टैनिन होता है, जिसके सेवन से गले में जलन और सूजन भी हो सकती है जिससे बच्चों को सांस लेने में समस्या हो सकती है।
नाशपाती (pear)
सर्दियों में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना काफी सरल होता है, क्योंकि ठंडी में हमारा पाचन तंत्र ज्यादा बेहतर तरीके से काम करता है। नाशपाती लगभग सेब की तरह के पोषक तत्वों और खनिजों से भरपूर होती है। ये खाने में कुरकुरी (Crunchy) या नरम हो सकती है और वे न केवल स्वादिष्ट हैं, बल्कि कई स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करती हैं। इसलिए आप भी सर्दी के मौसम में नाशपाती को अपने आहार का हिस्सा अवश्य बनायें।
नाशपाती विशेष रूप से फोलेट, विटामिन सी, कॉपर और पोटैशियम से भरपूर होती है। वे पॉलीफेनोल एंटीऑक्सिडेंट का भी एक अच्छा स्रोत हैं। नाशपाती प्रीबायोटिक्स सहित फाइबर होता है, जो आंत्र नियमितता, कब्ज राहत और पाचन प्रक्रिया को बढ़ावा देते हैं। नाशपाती से अधिक से अधिक फाइबर पाने के लिए, इसे छिलके सहित खाएं।
नाशपाती फ्लेवोनोइड्स का एक समृद्ध स्रोत है, जो एंटीऑक्सिडेंट हैं जो सूजन (Inflammation) को कम करने और कुछ बीमारियों से बचाने में मदद कर सकते हैं। नाशपाती अपने फाइबर और एंथोसायनिन सामग्री के कारण टाइप 2 मधुमेह के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है।
नाशपाती के दुष्प्रभाव
कुछ लोगों को नाशपाती से एलर्जी (होंठ या गले में सूजन, खुजली, सांस लेने में परेशानी, उलटी, दस्त) हो सकती है, फल की बहुत कम मात्रा से ही एलर्जी की प्रतिक्रिया शुरू हो सकती है। गंभीर नाशपाती एलर्जी वाले लोगों में एनाफिलेक्सिस नामक प्रतिक्रिया भी हो सकती है, जो जीवन के लिए खतरा हो सकती है।
अनानास (Pineapple)
अनानास एक अविश्वसनीय रूप से स्वादिष्ट, स्वस्थ उष्णकटिबंधीय फल है, यह पोषक तत्वों, एंटीऑक्सिडेंट और अन्य सहायक यौगिकों से भरा हुआ है। जिसमें नुकीली, सख्त त्वचा और मीठा गूदा अंदर होता है।
अनानास विशेष रूप से विटामिन सी और मैंगनीज से भरपूर है। विटामिन सी प्रतिरक्षा स्वास्थ्य, लोहे के अवशोषण और वृद्धि और विकास के लिए आवश्यक है, जबकि मैंगनीज के एंटीऑक्सीडेंट गुण चयापचय में सहायता करता है।
अनानास एंटीऑक्सिडेंट का एक समृद्ध स्रोत है, जो हृदय रोग, मधुमेह और कुछ कैंसर जैसी बीमारियों के जोखिम को कम कर सकता है। इसमें ब्रोमेलेन जैसे यौगिक होते हैं, यह पाचन एंजाइमों का एक समूह होता है, जिनमें कैंसर रोधी प्रभाव और प्रोटीन को तोड़ने और पाचन में सहायता प्रदान कर सकता है।
अनानास के दुष्प्रभाव
अनानास खाने के लिए सुरक्षित माना जाता है, हालांकि, कुछ लोगों में इससे एलर्जी हो सकती है। जो लोग मधुमेह है या रक्त को पतला करने वाली दवाइयाँ लेते हैं, उन्हें अनानास खाते समय इसकी मात्रा का ध्यान देना चाहिए।
करौंदा (Cranberry)
अपने बहुत ज्यादा खट्टे स्वाद के कारण, करौंदा कच्चा नहीं खाया जाता है, पर यह एक इम्युनिटी बढ़ाने वाले फल है। जो सर्दियों के दौरान आपको अंदर और बाहर दोनों तरह से मजबूत बनाता है। क्रैनबेरी विभिन्न स्वस्थ विटामिन और पौधों के यौगिकों (Plant Compounds) से भरपूर होते हैं, जो मूत्र पथ के संक्रमण के खिलाफ प्रभावी होते हैं।
क्रैनबेरी मुख्य रूप से कार्ब्स और फाइबर से बने होते हैं। इसमें मैंगनीज, तांबा, और विटामिन सी, ई, और के1 सहित कई विटामिन और खनिज भी होते हैं। याद रखें! कि क्रैनबेरी जूस में फाइबर की मात्रा नगण्य होती है।
क्रैनबेरी विभिन्न बायोएक्टिव प्लांट यौगिकों का एक समृद्ध स्रोत हैं। इनमें से कुछ, जैसे ए-टाइप प्रोएंथोसायनिडिन, यूटीआई को रोकने में मदद कर सकते हैं। हालांकि, क्रैनबेरी के जूस और सप्लीमेंट UTI के जोखिम को कम कर सकते हैं, पर वे इस संक्रमण का इलाज नहीं करते हैं।
करौंदा के दुष्प्रभाव
क्रैनबेरी के अधिक सेवन से पेट खराब और दस्त का कारण बन सकती है – और संवेदनशील व्यक्तियों में गुर्दे की पथरी का खतरा भी बढ़ सकता है।
केला (Banana)
केला बेहद सस्ता और हर मौसम में दिखने वाला फल है, जिसे आप सर्दियों के मौसम में भी आराम से खा सकते हैं। हालांकि, कई लोगों का मानना है कि ठंडी में केला खाने से सर्दी हो सकती है। जबकि केले में फाइबर, पोटेशियम, विटामिन बी6, विटामिन सी, और विभिन्न एंटीऑक्सिडेंट जैसे पोषक तत्व और खनिज पदार्थ पाए जाते हैं। जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में हमारी मदद कर सकते हैं।
केला कोशिकाओं में पानी के संतुलन को बनाए रखने और खाये गये अतिरिक्त सोडियम के प्रभावों को समायोजित करने के लिए पोटेशियम की भी आवश्यकता होती है। केले में विटामिन बी -6 का स्तर भी होता है, जो कोशिकाओं, मैग्नीशियम, फाइबर और मैंगनीज को मजबूत बनाने और बनाने में मदद करता है।
केले मे पोटेशियम और एंटीऑक्सीडेंट के उच्च स्तर के कारण केले हृदय स्वास्थ्य और सामान्य रक्तचाप के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। इसमें मौजूद स्टार्च और पेक्टिन बृहदान्त्र स्वास्थ्य को बढ़ावा सकते हैं। अन्य फलों की तरह, केले में कई स्वस्थ एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जैसे डोपामाइन और कैटेचिन, जो कई स्वास्थ्य फायदों के लिए जिम्मेदार होते हैं।
केले के दुष्प्रभाव
केले को आमतौर पर एक सेहतमंद फल माना जाता है। हालांकि, टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों को पूरी तरह से पके केले के अधिक सेवन से बचना चाहिए।
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पपीता (Papaya)
पपीते में उच्च स्तर के एंटीऑक्सिडेंट विटामिन सी और ए के साथ-साथ फाइबर और पपैन (Papain) नामक एक एंजाइम भी होता है। पपीता एक गर्म तासीर वाला फल है; हालांकि, इस स्वादिष्ट फल का आनंद आप पूरे साल में कभी भी ले सकते हैं। लेकिन सर्दियों में पपीता खाना विशेष रूप से अधिक फायदेमंद और हितकारी होता है।
पपीते में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव होते हैं, जो ऑक्सीडेटिव तनाव और हृदय रोग की आशंका को कम करने साथ हमारी इम्युनिटी पावर बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, पपीते के उच्च फाइबर कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करते हैं, जो हृदय रोग का कारण बन सकता है।
एक शोध के अनुसार पपीते में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं और शायद कैंसर के विकास गति पर भी अंकुश लगा सकता है। पपीते में मौजूद विटामिन सी, लाइकोपीन और अन्य एंटीऑक्सीडेंट सूरज की UV किरणों से त्वचा की रक्षा करते हैं। झुर्रियों से बचाव और उम्र बढ़ने के इन लक्षणों को कम करने में भी मदद कर सकते हैं।
पपीते के दुष्प्रभाव
लेटेक्स एलर्जी (Latex Allergy) वाले लोगों को पपीते से एलर्जी हो सकती है, क्योंकि पपीते में चिटिनास (Chitinases) नामक एंजाइम होते हैं। कुछ लोगों को पके पपीते की गंध अप्रिय लग सकती है।
शरीफा या सीताफल (Custard Apple)
कस्टर्ड एप्पल, जिसे भारत में सीताफल, शरीफा या कृष्णगुरु के नाम से भी जाना जाता है, सीताफल एक मौसमी फल है, जो ज्यादातर भारत में सर्दियों के मौसम में उपलब्ध होता है। यह स्वादिष्ट इम्युनिटी बूस्टर फल काफी लोकप्रिय है, जो पोषक तत्वों से भी भरपूर है। सीताफल एक संतुलित आहार है जिसमें प्रोटीन, फाइबर, खनिज, विटामिन, ऊर्जा और थोड़ा वसा होता है।
कई अध्ययनों के अनुसार, शरीफा फाइबर और पोषक तत्वों से भरपूर होता है। यह विटामिन सी, विटामिन ए, बी विटामिन, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, फॉस्फोरस, जिंक, कॉपर, कैरोटेनॉयड्स और फ्लेवोनॉयड्स जैसे कई मूल्यवान पोषक तत्व और एंटीऑक्सिडेंट का एक अच्छा स्रोत है। सीताफल कैलोरी से भरा एक फल हैं, वे ऊर्जा, वजन घटाने और चयापचय के लिए उपयोगी होते हैं,
सीताफल विटामिन सी से भरपूर है, यह एक शक्तिशाली प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट है। जो संक्रामक रोगों के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है और शरीर से हानिकारक, मुक्त कणों (Free Radicals) को हटाता है।
सीताफल के दुष्प्रभाव
अत्यधिक फलों का सेवन करने से शरीर में फालतू चर्बी और अस्वास्थ्यकर वजन बढ़ सकता है। इसके अलावा, सीताफल के छिलके और मुख्य रूप से बीजों में जहरीले यौगिक होते हैं, जो लालिमा, त्वचा में एलर्जी और आंखों को नुकसान जैसी गंभीर जटिलताएं पैदा कर सकते हैं।
स्टार फ्रूट (Star Fruit)
मौसमी फलों का नियमित सेवन हमेशा आपके लिए फायदेमंद होता है। लेकिन, सर्दियों में कुछ विशेष फलों का उपयोग करने से शरीर विभिन्न प्रकार की बीमारियों और संक्रमण से बचाव होता है। स्ट्रार फ्रूट कुछ ऐसा ही फल है, इसमें कई प्रकार के पोषक तत्व होते हैं, जो न केवल शरीर को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं, बल्कि आपको लंबे समय तक स्वस्थ भी रखते हैं।
स्टारफ्रूट विटामिन सी का एक अच्छा स्रोत है। एक फल दैनिक उपभोग की विटामिन सी का लगभग 57% प्रदान करता है। विटामिन सी इम्युनिटी पावर को बढाकर शरीर के विषाक्त पदार्थों को साफ करता है, और इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण त्वचा की समस्या में भी मदद करते हैं।
विटामिन सी के इतने समृद्ध स्रोत का सेवन करने से सर्दी के प्रति आपकी सहनशीलता और संक्रमणों के खिलाफ ताकत में काफी वृद्धि हो सकती है। यह फ्लू और सामान्य सर्दी से लड़ने में भी मदद करता है। सर्दियों में प्रतिरक्षा शक्ति को बनाये रखने के लिए स्टार फ्रूट को अपने आहार में शामिल करें, ताकि शरीर में विटामिन सी का स्तर हमेशा अनुकूल बना रहे।
स्टार फ्रूट के दुष्प्रभाव
इसकी उच्च ऑक्सालेट (Oxalate) के कारण स्टारफ्रूट कुछ लोगों में प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। किडनी की समस्या वाले लोग या डॉक्टर द्वारा निर्देशित दवा लेने वालों को सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
पैशन फल (Passion Fruit)
पैशनफ्रूट साल भर उपलब्ध रहता है, लेकिन गर्मियों और सर्दियों में दो प्रमुख पैदावार होती है। पैशनफ्रूट, जिसे आमतौर पर भारत में ग्रेनाडिला (Granadilla) या “कृष्ण फल” के रूप में जाना जाता है। सर्दी के मौसम में इसका सेवन शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
पैशन फ्रूट स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहद फायदेमंद है, जिसमें एंटीऑक्सिडेंट, फ्लेवोनोइड्स, लोहा, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटेशियम, तांबा, और विटामिन ए, सी, बी 1 और बी 2 जैसे पोषक तत्व प्रचुरता के साथ पाए जाते हैं।
पैशन फ्रूट में एंटीऑक्सिडेंट की प्रचुरता के साथ विटामिन सी, कैरोटीन और क्रिप्टोक्सैन्थिन होते हैं, जो शरीर को मुक्त कणों (Free Radicals) से होने वाले नुकसान से बचाते हैं और कैंसर, हृदय रोग और समय से पहले बूढ़ा होने जैसी स्थितियों को रोकते हैं। एक पैशन फ्रूट में लगभग 30mg विटामिन सी होता है, प्रतिरक्षा तंत्र (Immune System) को बेहतर बनाने में मदद करता है, ताकि आप सामान्य सर्दी, बुखार और खांसी जैसे वायरल इन्फेक्शन से बचे रहें।
पैशन फ्रूट के दुष्प्रभाव
पैशन फ्रूट आमतौर पर खाने में सुरक्षित और अच्छा होता है, लेकिन कुछ लोगों को इससे एलर्जी होती है। यदि आपको लेटेक्स से एलर्जी है, तो इसकी संभावना अधिक है।
सिंघाड़ा (Water Chestnut)
सिंघाड़ा (Water Chestnut) एक ऐसा फल है, जो सर्दियों में भारत में व्यापक रूप से उपलब्ध होता है। सिंघाड़ा भारत के कई हिस्सों में तालाबों और झीलों में प्राकृतिक रूप से उगाया जाता है। यह एक मौसमी फल होने के कारण सिंघाड़ा बाजार में आसानी से मिल जाता है। सिंघाड़ा कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, विटामिन और खनिजों से भरपूर होता है। सिंघाड़ा एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-वायरल, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-कैंसर और एंटी-फंगल माना जाता है।
सिंघाड़े का सेवन अस्थमा के मरीजों, सांस की समस्या वाले लोगों के लिए फायदेमंद माना जाता है। सिंघाड़ा गैस, एसिडिटी, कब्ज और अपच से भी राहत दिला सकता है। इससे भूख भी बढ़ती है। सिंघाड़े में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो गले की खराश और टॉन्सिल से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं।
सिंघाड़े का सेवन खासकर सर्दी के मौसम में जरूर करना चाहिए। सिंघाड़ा खाने के कई फायदे होते हैं। वे कुरकुरे (Crunchy) होते हैं, जो स्वास्थ्य लाभ से भरे होते हैं और आपको डिटॉक्स करने और पीलिया से लड़ने में मदद कर सकते हैं।
चेतावनी
ताजा खरीदे सिंघाड़े को कच्चा खाने से पहले साफ़ पानी से अच्छी तरह से धोना न भूलें । अन्यथा, सिंघाड़ा फैसिओलोप्सियासिस (Fasciolopsiasis) नामक एक संक्रामक परजीवी आपके अंदर पहुंचा सकता है।
नींबू (Lemon)
क्या आप जानते हैं, कि नींबू आपकी त्वचा, बालों और संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है? यह हर भारतीय रसोई में पाया जाता है और इसमें कई बीमारियों को दूर करने की क्षमता होती है। इसके गूदे, रस, छिलके और ज़ेस्ट के साथ पूरे फल का उपयोग खाना पकाने के साथ-साथ अन्य उपयोगों के लिए भी किया जा सकता है। नींबू का नाम जाने माने इम्युनिटी बढ़ाने वाले फलों में शुमार होता है।
नींबू विटामिन सी का भंडार होने के अलावा विटामिन बी6, कॉपर, पोटैशियम, मैग्नीशियम, जिंक, फ्लेवोनॉयड्स, एंटीऑक्सीडेंट और फॉस्फोरस से भी भरपूर होता है। यह रक्त शुद्ध करने वाले गुणों के साथ पाचन तंत्र को साफ करने के लिए जाना जाता है।
नींबू विटामिन सी एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जो सर्दी होने पर उन्हें प्रभावी बनाता है। यह इम्युनिटी बूस्टर के रूप में काम करते हैं, और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। नींबू एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं, वे मुक्त कणों (Free Radicals) को नष्ट करने में भी मदद करते हैं, जो कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं। उनमें एंटी-एजिंग और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो बढ़ती उम्र, दाग-धब्बे के असर को कम करते हैं।
नींबू के दुष्प्रभाव
इसमें कोई आश्चर्य नहीं, कि नींबू के फायदे बहुत हैं, पर इसे अधिक मात्रा में लेना नुकसानदेह हो सकता है। क्योंकि, बहुत अधिक नींबू या नींबू पानी का सेवन करने से अक्सर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं, पेट में जलन, एसिड रिफ्लक्स (Acid Reflux), मतली और उल्टी हो सकती है। कुछ लोगों में एलर्जी या त्वचा में जलन पैदा कर सकता है।
बेर (Indian Jujube Fruit)
शीतकालीन बेर अपरिपक्व होने पर चिकना-हरा होता है, और परिपक्व होने पर भूरे रंग में बदल जाता है, जो खाने में मीठा या खट्टा मीठा होता है। इसमें विटामिन सी सेब से 70 गुना और खट्टे फलों से 16 गुना अधिक होता है। बेर अमीनो एसिड, एस्पार्टिक एसिड, थ्रेओनीन, सेरीन और अन्य 19 प्रकार अमीनो एसिड होते हैं। इसके अलावा विटामिन बी6 और विटामिन बी3 आयरन, पोटैशियम और मैंगनीज होता है।
बेर में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट मुक्त कणों (free radicals) के कारण होने वाले नुकसान या क्षति के प्रकार को रोक सकते हैं या कम कर सकते हैं। शीतकालीन बेर में रुटिन (Rutin) तत्व भी होते हैं, जो उच्च रक्तचाप, कोरोनरी हृदय रोग और एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) के दुष्प्रभाव को कम कर सकते हैं। बेर फल विटामिन सी से भरपूर होता है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सक्षम हो सकता है।
बेर के दुष्प्रभाव
यदि आप डॉक्टर निर्देशित दवाएं या वेनालाफैक्सिन जैसी एंटीडिप्रेसेंट दवाएं ले रहे हैं, बेर के फल खाने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। क्योंकि, बेर ऐसी दवाओं के साथ परस्पर क्रिया कर सकता है।
आंवला (Gooseberry)
सर्दियों में आंवले की अनुशंसा एक इम्युनिटी बढ़ाने वाले फल के रूप में की जाती है, जिसे सर्दियों का सुपरफूड और अपने पोषक तत्वों की उच्च सांद्रता के कारण इसे एंटीऑक्सीडेंट का पावरहाउस भी कहते हैं। आंवला में विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो सर्दियों के दौरान प्रतिरक्षा शक्ति बढ़ाने में हमारी मदद कर सकते हैं, इसलिए सर्दियों के दौरान आंवला खाना वास्तव में फायदेमंद होता है।
आंवला में कैलोरी और वसा कम होता है, लेकिन आहार फाइबर (Dietary fiber), तांबा, मैंगनीज, पोटेशियम और विटामिन सी, बी5 और बी6 ठूंस ठूंसकर भरा होता है। यह इम्युनिटी पावर बढ़ाता है और मुक्त कणों से लड़ता है। यह एजिंग, कैंसर और सेल डैमेज को रोकने में फायदेमंद है। आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि यह खट्टा होता है, लेकिन पेट में अम्लता को कम करता है
आंवले का अर्क बालों के झड़ने को रोकने में मदद कर सकता है और बालों के रोम कोशिकाओं के प्रसार को बढ़ावा देकर बालों के विकास को बढ़ा सकता है। एक दिन में आंवले की खुराक, फल के रूप में 1 – 2 और रस के रूप में 10 से 20ml या 4gm पाउडर का सेवन हितकारी होता है। इससे अधिक मात्रा से दुष्प्रभाव हो सकता है।
आंवला के दुष्प्रभाव
आंवले में उच्च विटामिन सी की मात्रा होती है, अधिक मात्रा में फल या रस का सेवन करने पर अम्लता, पेट के एसिड और कब्ज़ का कारण बन सकते हैं। आंवला की अत्यधिक या गलत खुराक से रक्त शर्करा का स्तर बहुत कम हो सकता है। यदि आपकी कोई विशिष्ट चिकित्सा स्थिति है, तो कृपया अपने डॉक्टर से सलाह लें।
सर्दियों में इम्युनिटी पावर कम होने के कारण क्या हैं?
कारण है, बदलता मौसम जिसके साथ-साथ आसपास का वातावरण भी बदलता है, जो हर चीज को प्रभावित करता है। ऐसे बदलते मौसमों में बीमार हुए बिना और स्वास्थ्य को इसके अनुकूल बनाने के लिए बेहतरीन पोषण गुण की आवश्यकता होती है। और वो हमें इम्युनिटी बढ़ाने वाले फल और सब्जियों से प्राप्त होते हैं।
शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसे बढ़ाए?
सर्दियों में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए हमें खट्टे फलों को खाना चाहिए, जिनमें विटामिन सी की मात्रा भरपूर हो। यह एक बहुत शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट है साथ ही एक प्रभावशाली इम्युनिटी भी बूस्टर है – और सभी खट्टे फल इस एंटीऑक्सिडेंट से भरे हुए हैं। विटामिन सी एक मजबूत एंटीवायरल है। इसके अलावा, सर्दियों के मौसम के दौरान इन फलों की सहज सर्वसुलभ उपलब्धता और बहुलता उन्हें किफायती बनाती है।
इम्युनिटी बढ़ाने वाले फल के दुष्प्रभाव क्या हैं?
प्रत्येक मौसम में मिलने वाले फलों के ढेरों फायदे होते हैं, लेकिन यदि इनका सेवन सही तरीके और सही मात्रा में नहीं करते हैं या अधिक मात्रा में करते हैं, तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। यहाँ कुछ फलों के दुष्प्रभाव बताये गए हैं, जिनका ध्यान आपको इन फलों को अपने आहार में शामिल और सेवन करते समय अवश्य रखना चाहिए।
- यदि आप गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल की बीमारी जैसे बाउल सिंड्रोम क्रोहन रोग आदि से पीड़ित हैं, तो आप अधिक फल खाने से बचें। फल आहार फाइबर से भरपूर होते हैं, जो आंतों में सूजन (Inflammation) पैदा कर सकते हैं और आपकी स्थिति को बिगाड़ सकते हैं।
- ठंड मौसम में ठीक से भोजन किये बिना बहुत अधिक फल खाने या जूस पीने से पेट फूलना, गैस, दस्त और एसिडिटी हो सकती है।
- कुछ लोगों को फलों से एलर्जी होती है, अधिक मात्रा में फल खाने से त्वचा और श्वसन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
- यदि आप फ्रुक्टोज कुअवशोषण (Fructose Malabsorption) से पीड़ित हैं – यानी, आपका शरीर फलों की प्राकृतिक चीनी को ठीक से पचा नहीं पाता है – तो बहुत अधिक फल खाने से पेट फूलना, पेट में दर्द, मतली, गैस और दस्त जैसी समस्याएं उत्प्न्न हो सकती है।
- आपको पता होना चाहिए, कि ताजे फलों का रस, साबुत फलों जितना ही फायदेमंद नहीं होता है। क्योंकि, फलों के रस में फाइबर कम होता है और वे प्राकृतिक चीनी सुक्रोज और फ्रुक्टोज से परिपूर्ण होते हैं। इसलिए, अत्यधिक मात्रा में फलों का रस पीने से आपका रक्त शर्करा और रक्तचाप का स्तर बढ़ सकता है और पाचन संबंधी विकार हो सकते हैं।
- यदि आप डॉक्टर द्वारा निर्देशित कोई विशेष प्रकार की दवा ले रहे हैं, तो इन फलों का सेवन करने से पहले उनकी सलाह अवश्य लें। क्योंकि इन फलों में मौजूद कुछ तत्व दवाओं के क्रियान्वन में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं।
Last but not least…
सर्दियों के मौसम में इम्युनिटी बढ़ाने वाले फल खाना कितना आवश्यक हो सकता है, अब शायद आप भी यह जान गये होंगे! कि फल आपके जीवन में स्वास्थ्य की दृष्टि से कितना महत्त्व रखते हैं। वे खट्टे मीठे और स्वादिष्ट होते हैं, उनमें पानी, आहार फाइबर, विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट की उच्च मात्रा होती है। वे हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के साथ पूरी सेहत का ध्यान रखते हैं।
फल स्वास्थ्य के लिए अच्छे और पोषण मूल्यों से परिपूर्ण होते हैं। क्योंकि, वे आपके शरीर को वर्तमान वातावरण के अनुसार आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं, और मौसमी बीमारियों से लड़ने और सक्रिय रहने में मदद करते हैं।
प्रतिदिन करीब 400 ग्राम फल खाने से सही प्रकार से स्वास्थ्य लाभ मिल सकता है, जिसमें स्थायी वजन घटाने, रक्तचाप, रक्त शर्करा और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करना शामिल है, और संक्रमण और कुछ कैंसर को दूर रख सकता है।
लेकिन अगर आप गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (Gastrointestinal) के मुद्दों से पीड़ित हैं, तो फलों का सेवन सीमित मात्रा में करना सबसे अच्छा है। एक बात सुनिश्चित करें, कि आप फलों से अधिकतम फायदा पाने के लिए मौसमी फलों का सेवन करें, जो मौसम के दौरान उपलब्ध हों और बेमौसमी फलों की खरीदारी से बचें!
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आपका पोस्ट अच्छा लगा सर जी
Thanks Narayan.
Bahot bafiya tha guru
Thank you Dear.