केला एक विस्मयकारी फल – क्या आप जानते हैं इसके फायदे और नुकसान
“केला एक विस्मयकारी फल है”, जो हमेशा से ही सभी वर्गों (अमीर, गरीब और मध्यम वर्ग) के परिवारों का एक प्रमुख फल रहा है। यह किफायती, सर्वसुलभ, और हर मौसम में आसानी से मिल जाता है। जिसे अमीर या गरीब कोई भी कभी भी खरीद कर खाने का आनंद उठा सकता है। केला उपवास के दौरान सबसे ज्यादा खाया जाने वाला फल है। लेकिन बरसों से एक अलग ही बहस चली आ रही है, कि क्या केला खाना सही है, क्या हैं केला खाने के फायदे और नुकसान, क्या इसमें मौजूद विटामिन और मिनरल्स हमारे शरीर के लिए सच में लाभकारी हैं या सिर्फ एक मिथक?
केले का इतिहास
माना जाता है, कि केले को सबसे पहले दक्षिण पूर्व एशिया में उगाया गया था, जिसका उल्लेख प्रारंभिक ग्रीक, लैटिन और अरब लेखन में मिलता है; सिकंदर महान ने अपने आक्रमण के समय केले भारत में ही देखे थे। अमेरिका की खोज के कुछ ही समय बाद केला पूरी दुनिया में फैल गया और इसकी बाकायदा खेती भी होने लगी। 19वीं शताब्दी में, वे संयुक्त राज्य अमेरिका के बाजारों में भी दिखाई देने लगे। हालांकि कैवेंडिश केले (Cavendish bananas) अब तक गैर-उष्णकटिबंधीय देशों द्वारा आयात की जाने वाली सबसे आम किस्म हैं, दुनिया भर में सभी केले की खेती में plantain किस्मों का लगभग 85% हिस्सा है।
केले के पौधे का विवरण
केले का पौधा एक प्रकंद (Rhizome) से उत्पन्न 3–6 मीटर (10–20 फीट) ऊँचा झूठा तना (False stem) होता है। यह तना पत्ती के आवरण के आधारीय भागों से बना होता है और इसके पीले फूलों के गुच्छे बड़े बैंगनी-लाल सहपत्रों द्वारा ढंके रहते हैं, जो तने के शीर्ष से निकलता है। जिसमे 10 से 20 फलों के गुच्छे विकसित होते हैं। पौधे के एकबार फलने के बाद, तने को काट देते हैं, क्योंकि प्रत्येक तना फल का सिर्फ एक गुच्छा ही पैदा करता है।
केले की खेती
केले के पौधे नम उष्णकटिबंधीय जलवायु में गहरी, ढीली, अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में स्वाभाविक रूप से पनपते हैं, और वे अर्धशुष्क क्षेत्रों में सिंचाई के तहत सफलतापूर्वक उगाए जाते हैं। प्रकंद के अंकुर और भाग रोपण सामग्री के रूप में उपयोग किए जाते हैं; पहली फसल 10 से 15 महीनों के भीतर पक जाती है, और उसके बाद फलों का उत्पादन कमोबेश निरंतर होता है।
केले का नामकरण (Nomenclature)
यद्यपि दुनिया भर में केले की सैकड़ों किस्में हैं, एक ही किस्म को संदर्भित करने के लिए विविध सामान्य नामों के उपयोग के कारण उनका वर्गीकरण विवादास्पद रहा है। चूंकि केले की अधिकांश खेती की जाने वाली किस्में या तो मूसा एक्यूमिनाटा (Musa Acuminata) और एम. बालबिसियाना (M. Balbisiana) की अंतर-विशिष्ट संकर किस्में हैं या एम. एक्यूमिनाटा (M. Acuminata) की उप-प्रजातियों के संकर किस्में हैं, एक जीनोम-आधारित प्रणाली ने घरेलू केले के नामकरण में बदलाव किया है।
केले का पोषण तथ्य: वास्तव में इस फल में क्या है?
यह बात आप नहीं जानते होंगे, कि केले में बहुत सारे पोषक तत्त्व पाए जाते हैं। जिनमें से एक है, पोटेशियम जो हमारे शरीर में सबसे अधिक मात्रा में पाया जाने वाला तीसरा खनिज है। केला आमतौर पर पोटेशियम का एक बहुत अच्छा स्रोत है, यह हमारे शरीर में एक तरह का इलेक्ट्रोलाइट (Electrolyte) है, जो मैग्नीशियम के साथ मिलकर हमारी तंत्रिका तंत्र (Nervous system) को सही ढंग से चलाता है।
पोटेशियम के सही स्तर को बनाए रखने से मांसपेशियों में ऐंठन, हड्डियों को मजबूत बनाने, थकान और भूख न लगना जैसी समस्याओं से निपटने में मदद करता है। नियमित केला खाने से रक्त-संचार ठीक रखता है और हमारा रक्तचाप भी नियंत्रण में रहता है।
सिर्फ इतने पर ही इसका पोषण मूल्य समाप्त नहीं होता है। वास्तव में, यह फल पोटेशियम के अलावा ढेर सारे विटामिन और खनिजों से भरा हुआ है – जैसे विटामिन B6 जिसे पाइरिडोक्सिन (Pyridoxine) के नाम से भी जानते हैं।
विटामिन B6 हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने, संक्रमण से लड़ने, चयापचय में मदद और खून में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने में मदद करते हैं और हमारे स्वास्थ्य के लिए अनिवार्य भी हैं। यही सारी खूबियां मिलकर केले को दुनिया के सबसे आकर्षक फलों में से एक बनाती हैं।
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केला खाने से क्या होता है?
आपने सुना होगा, कि कार्ब्स खराब होते हैं, पर यह हमेशा सच नहीं होता! लेकिन फिर भी आप केले का सेवन कर रहे हैं, तो जान लें कि केले में कम कैलोरी और फाइबर उच्च होता है।
खासकर के हरा केला जिनमें स्टार्च बहुत ज्यादा होता है, जिसके कारण पाचन क्रिया आसान हो जाती है। यह ना सिर्फ खाने में स्वादिष्ट और मीठे होते हैं, बल्कि आपके पेट को भी भरा रखते हैं, ताकि आपका वजन नियंत्रण में रहे।
हालांकि, यह काफी हद तक सही है, कि केले में बहुत अधिक मात्रा में चीनी होती है, फिर भी उनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Glycemic Index) कम होता है, और वे रक्त शर्करा में कम और स्थिर वृद्धि का कारण बनते हैं। जो रक्त शर्करा को स्थिरता प्रदान करने में मदद करते हैं, यदि आप टाइप 2 या टाइप 1 मधुमेह का प्रबंधन कर रहे हैं।
केले में फाइबर भी होता है (एक मध्यम आकार के केले में 3gm होता है), जो आपके पेट को भरने में मदद कर सकता है और अधिक खाने से रोक सकता है – यदि आप अपने Body Mass Index (BMI) को बनाए रखने या वजन को कम करने की कोशिश कर रहे हैं।
Glycemic Index क्या है?
Glycemic Index (GI) कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थों के लिए एक रेटिंग प्रणाली है। जो यह बताता है, कि किसी खाने की चीज़ में मौजूद कार्बोहाइड्रेट कितनी जल्दी ग्लूकोज़ में बदलता है और आपके रक्त शर्करा (ग्लूकोज) के स्तर को प्रभावित करता है। 100 ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले शुद्ध ग्लूकोज़ को स्टैण्डर्ड मानकर दूसरी खाने की चीज़ों की तुलना करके उन्हें 0-100 तक की रैंक दी जाती है।
अधिक जानकारी के लिए पढ़ें – What is the glycemic index (GI)?
Glycemic index की पूरी लिस्ट देखें – Glycemic index
केला कितने प्रकार का होता है?
दुनिया भर के 135 से अधिक देशों में 1,000 से अधिक विभिन्न प्रकार की किस्में उगाई जाती हैं। हालांकि, कई प्रकार के केले नहीं खाए जा सकते हैं, क्योंकि इस प्रकार के केलों में सख्त बीज और गूदा बहुत कम होता है। जिसमे से मूसा कैवेंडिश (Musa Cavendish) सबसे लोकप्रिय किस्म है, जो 45% वैश्विक केला बाजार पर काबिज़ है।
केले को मोटे तौर पर दो समूहों में वर्गीकृत किया जा सकता है: डेज़र्ट केले (Dessert Bananas)और कुकिंग केले (Cooking Bananas)। यहाँ प्रमुख रूप से दुनियाभर में खायी जाने वाली केले की कुछ किस्मों की जानकारी दी गई है, उनमें शामिल हैं:
- कैवेंडिश केला (Cavendish Banana) – कैवेंडिश केले सबसे आम किस्म हैं। वे लंबे पीले, थोड़े मीठे केले हैं। वे कम पके हरे से लेकर पूरी तरह से पके पीले रंग के होते हैं, पूरी तरह से पकने के बाद छिलके पर भूरे रंग के धब्बे और गूदा नरम हो जाता है।विलियम्स केले थोड़े बड़े पर कैवेंडिश के समान होते हैं। वे बड़े, सौम्य और मीठे हैं। वे अक्सर हरे और अधपके बेचे जाते हैं। सभी केलों की तरह, वे तोड़े जाने के बाद भी पकते रहते हैं।
- भिंडी केला (Lady Finger Banana) – भिंडी केले पतले लंबे, कैवेंडिश की तुलना में छोटे और मीठे होते हैं। उनका उपयोग भी उसी तरह से किया जा सकता है।
- पिसांग राजा केला (Pisang Raja Banana) – पिसांग राजा केले इंडोनेशिया में लोकप्रिय हैं। पीले से नारंगी रंग की विशेषता वाला केला है, जो स्वाद में शहद के समान होता है। वे कैवेंडिश केले से थोड़े छोटे लंबाई में औसतन चार से छह इंच के होते हैं।
- लाल केला (Red Banana) – लाल केले कई प्रकार के होते हैं, लेकिन उनमें दो प्रमुख चीजें समान होती हैं: वे बहुत अच्छे दिखते हैं, और वे अधिक स्वादिष्ट और मीठे होते हैं। उन्हें वैसे ही खाएं या व्यंजन बनायें।
- सेब केला (Apple Banana) – सेब के केले असाधारण रूप से मीठे होते हैं, और लाटुंडन केला (Latundan Banana) या मंजानो केला (Manzano Banana) के रूप में भी जाना जाता है।वे हवाई (Hawaii) द्वीप में उगाए जाते हैं। वे चमकदार पीले रंग के साथ नरम गूदे का स्वाद सेब-स्ट्रॉबेरी के जैसा होता है।
- हरा केला (Plantain Banana) – हरा केला कम मीठा और कच्चा होता है, जिसे अक्सर खाना पकाने के लिए उपयोग किया जाता है। हरा होने पर, कच्चा केला एक तटस्थ स्वाद और गूदा कड़ा होता है। जिसे विभिन्न प्रकार के व्यंजन चिप्स या सब्जी में इस्तेमाल किया जाता है।
केला पोषक तत्वों से भरपूर होता है
केले में भरपूर मात्रा में फाइबर और कई एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। एक नियमित आकार का केला (126 ग्राम) में पाए जाने वाले पोषक तत्वों की मात्रा:
Nutrition facts
- कैलोरी: 112
- वसा: 0 ग्राम
- प्रोटीन: 1 ग्राम
- कार्ब्स: 29 ग्राम
- फाइबर: 3 ग्राम
- विटामिन सी: 12% of the Daily Value (DV)
- राइबोफ्लेविन: 7% of the DV
- फोलेट: 6% of the DV
- नियासिन: 5% of the DV
- कॉपर: 11% of the DV
- पोटेशियम: 10% of the DV
- मैग्नीशियम: 8% of the DV
विटामिन और खनिज
केले कई विटामिन और खनिजों का एक अच्छा स्रोत हैं, विशेष रूप से पोटेशियम, विटामिन बी6 और विटामिन सी।
- पोटैशियम (Potassium)- केला पोटैशियम का अच्छा स्रोत है। पोटेशियम रक्तचाप को कम कर सकता है और हृदय स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाता है।
- विटामिन बी6 (Vitamin B6)- केले में विटामिन बी6 की मात्रा अधिक होती है। एक मध्यम आकार का केला इस विटामिन के दैनिक मूल्य (DV) का 33% तक प्रदान कर सकता है।
- विटामिन सी (Vitamin C)- अधिकांश फलों की तरह, केले भी विटामिन सी के अच्छे स्रोतों में से एक हैं।
पौधों के अन्य यौगिक
फलों और सब्जियों में कई प्रकार के बायोएक्टिव प्लांट कंपाउंड (Bioactive Plant Compound) होते हैं, और केला भी कोई अपवाद नहीं हैं।
- डोपामाइन (Dopamine) – यद्यपि यह मस्तिष्क में एक महत्वपूर्ण न्यूरोट्रांसमीटर है, केले से प्राप्त डोपामाइन मूड को प्रभावित करने के लिए रक्त-मस्तिष्क की बाधा को पार नहीं करता है। बल्कि, इसका कार्य एक एंटीऑक्सीडेंट की तरह होता है।
- कैटेचिन (Catechins) – केले में कई एंटीऑक्सीडेंट फ्लेवोनॉयड्स पाए जाते हैं, विशेष रूप से कैटेचिन। उन्हें विभिन्न स्वास्थ्य लाभों से जोड़ा गया है, जिसमें हृदय रोग का कम जोखिम शामिल है।
केले के फायदे और नुकसान क्या हैं?
केला कई गुणों से भरपूर होता है, जिसके कारण इसके सेहत से जुड़े कई तरह के फायदे हो सकते हैं। हालांकि, केला किसी भी प्रकार की बीमारी का इलाज नहीं करता है। लेकिन, इसके सेवन से कई बीमारियों से बचाव करने और उनके लक्षणों के असर को कम करने में मदद अवश्य मिलती है।
केले के फायदे क्या हैं?
केले में कई आवश्यक पोषक तत्व होते हैं, जो आपके वजन घटाने, पाचन और हृदय स्वास्थ्य में योगदान कर सकते हैं। यहां केले के कुछ शोध आधारित स्वास्थ्य लाभ नीचे बताये गए हैं, उनमें शामिल हैं:
- केला पाचन में सुधार कर सकता है
केला घुलनशील और अघुलनशील फाइबर से भरपूर होता है जो पाचन स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। घुलनशील फाइबर रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर सकते हैं। अघुलनशील फाइबर आपके मल को नरम कर सकते हैं और आंतों की गतिविधियों को नियंत्रित कर सकते हैं।
- केला हृदय स्वास्थ्य सुधार में मदद करता है
केला आपके दिल की सेहत के लिए जरूरी है। यह पोटेशियम, खनिज और इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर होता है, जो आपके दिल के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है। केले में उच्च पोटेशियम और सोडियम कम होता है। इसलिए, यह आपके हृदय प्रणाली को उच्च रक्तचाप से बचाने में भी मदद कर सकता है।
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- पेट फूलने की समस्या में मदद करता है
पेट फूलने (Bloating) की समस्या आपको बेचैन कर सकती है। इस परिस्थिति में केला आपके काम आ सकता है। यह पेट में ब्लोट-फाइटिंग बैक्टीरिया को बढ़ा सकता है। इसके अलावा, यह पोटेशियम से भरपूर होने के कारण, यह शरीर में मौजूद तरल पदार्थ को कम करने में मदद कर सकता है।
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- केला वजन कम करने में मदद कर सकता है
केले में कई विशेषताएं होती हैं, जो इसे वजन घटाने के अनुकूल बनाती हैं, क्योंकि औसत केले में सिर्फ 100 से अधिक कैलोरी होती है, फिर भी यह पौष्टिक और पेट भरने वाला है।
नियमित रूप से केला खाने का एक प्रभाव यह भी हो सकता है, कि आपका वजन कम होने लगे, ऐसा केले में मौजूद प्रोटीन और फाइबर के कारण है, जो आपको लंबे समय तक पेट को भरा हुआ महसूस करा सकता है।
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- केला गुर्दे के स्वास्थ्य में सुधार कर सकता है
केला पोटैशियम से भरपूर होता है, जो आपकी किडनी को साफ और दुरुस्त रखने में मदद करता है। कुछ अध्ययनों से पता चलता है, कि जो लोग सप्ताह में 4-6 बार केला खाते हैं, उनमें इस फल को न खाने वालों की तुलना में गुर्दे की बीमारी होने की संभावना लगभग 50% कम होती है।
- केला पतली मांसपेशियों को बनाने में मदद करता है
अगर आप वर्कआउट के बाद बार-बार मांसपेशियों में दर्द महसूस करते हैं, तो आपके शरीर में मैग्नीशियम की कमी हो सकती है। एक मैग्नीशियम युक्त केला मांसपेशियों के संकुचन और विश्राम में मदद कर सकता है जो पतली मांसपेशियों (lean muscles) को विकसित करता है।
- केला हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है
हालांकि, केले में कैल्शियम की मात्रा अधिक नहीं होती है, लेकिन वे आपकी हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। केले में मौजूद फ्रुक्टूलिगोसैकेराइड (Fructooligosaccharide) कैल्शियम को अवशोषित करके आपके शरीर की हड्डियों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।
- केले व्यायाम के बाद मांसपेशियों को ठीक होने में मदद करता है
केला पोटैशियम से भरपूर होता है, जो वर्कआउट के बाद आपकी मसल्स को रिकवर करने में मदद करता है। व्यायाम के बाद केले का सेवन आपकी मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद कर सकता है और यह आपको अधिक व्यायाम करने में मदद करता है।
- केला दांतों को सफेद करने में मदद कर सकता है
दांतों को सफेद करने के लिए केले का छिलका बहुत फायदेमंद होता है। केले के छिलके के अंदरूनी हिस्से को करीब 2 मिनट तक धीरे-धीरे रगड़ने से दांतों में सफेदी और चमक का मनचाहा प्रभाव मिलेगा।
- केले शरीर को डिटॉक्स करने में मदद कर सकता है
केले पेक्टिन (Pectin) से भरपूर होते हैं। शोध से पता चला है कि पेक्टिन आपकी कोशिकाओं द्वारा अवशोषित वसा की मात्रा को सीमित कर सकता है। पेक्टिन रक्त शर्करा के स्तर पर अंकुश लगाने में भी सहायता कर सकता है।
- केले फैट बर्न करने में मदद कर सकते हैं
केले में 12 मिलीग्राम कोलीन (Choline) होता है। कोलीन एक फैट-ब्लास्टिंग विटामिन बी है। जो सीधे उन जीनों पर कार्य करता है, जो पेट में वसा के जमाव का कारण बनते हैं। केले में मौजूद यह यौगिक एक्सरसाइज के द्वारा शरीर से फैट बर्न करने में मदद करता है।
- केला एनीमिया से लड़ने में मदद करता है
केले में फोलेट की मात्रा अधिक होने के कारण, यह एनीमिया (Anemia) से पीड़ित लोगों के लिए स्वस्थ है। केले के रोजाना सेवन से एनीमिया से होने वाली थकान और पीलेपन की समस्या कम हो सकती है।
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- केले हैंगओवर कम करने में मदद कर सकते हैं
रॉकिंग पार्टी के बाद हैंगओवर सबसे खराब चीज है। इस स्थिति में केला आपकी मदद कर सकता है। दूध/दही से बनी केले की स्मूदी या थोड़े से दूध और कुछ स्ट्रॉबेरी के साथ केले का सेवन हैंगओवर से राहत दिलाने में मदद कर सकता है।
- केला नेत्र स्वास्थ्य ठीक करने में मदद करता है
केला विटामिन ए, विटामिन ई, ल्यूटिन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जो आपकी दृष्टि को स्वस्थ रखने में मदद करता है। ल्यूटिन एक पोषक तत्व है, जो धब्बेदार अध: पतन (Macular Degeneration) के जोखिम को कम करने में मदद करता है।
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- केले बीमारियों को दूर रखने में मदद कर सकते हैं
केले तीन अलग-अलग प्रकार के कैरोटीनॉयड (Carotenoid) से भरपूर होते हैं, जैसे बीटा-कैरोटीन, प्रोविटामिन ए कैरोटीनॉयड और अल्फा-कैरोटीन। जिसे हमारा शरीर इन्हें विटामिन ए में बदल देता है। अध्ययनों के अनुसार, उच्च स्तर के कैरोटीनॉयड वाले खाद्य पदार्थ मधुमेह, कुछ हृदय रोगों और कैंसर जैसी पुरानी बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं।
केले के नुकसान क्या हैं?
केला बहुत लोगों का पसंदीदा फल होता है। ये पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। हालांकि, केले का अधिक सेवन आपके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। यहां हमने केले के नुकसान के बारे में बताया है।
केले कुछ प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं को कम करने में मदद करते हैं, तो जब आप केलों का सेवन करते हैं, तो इसमें गलत क्या हो सकता है? शायद इसका बहुत अधिक सेवन? केले के अधिक सेवन से जुड़े 14 संभावित जोखिमों के बारे में जानने के लिए आगे पढ़ें।
कब्ज – बहुत अधिक केला खाना नुकसानदेह हो सकता है, इससे आपको कब्ज की समस्या पैदा हो सकती है। इसलिए अत्यधिक केले का सेवन करने से परहेज करें।
माइग्रेन – आपका अधिक केला खाना आपके माइग्रेन को ट्रिगर कर सकता है, क्योंकि केले में हानिकारक टायरामाइन (Tyramine) यौगिक होता है, जो माइग्रेन का कारण बन सकता है। इसीलिए, माइग्रेन से पीड़ित लोगों को केला कम खाने की सलाह दी जाती है।
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मधुमेह – केले में फ्रुक्टोज (Natural Sugar) होता है, जो रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाने का काम करता है। यदि आप अधिक केले खाते हैं, तो आपके रक्त शर्करा के स्तर में बढ़ोत्तरी हो सकती है। मधुमेह वालों को अधिक पके केलों के सेवन से बचना चाहिए।
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वजन – केला ज्यादा खाने से वजन बढ़ता है, केले में उच्च फाइबर की मात्रा होती है। एक केले में करीब 100 कैलोरी होती है, अधिक केला खाने से कैलोरी की मात्रा बढ़ सकती है, जो वजन बढ़ने कारण बनती है।
हाइपरक्लेमिया – केले, पोटेशियम से भरपूर फल है, अत्यधिक केले खाने पर शरीर में पोटेशियम का स्तर असामान्य तरीके से बढ़ सकता है, जो हाइपरक्लेमिया (Hyperkalemia) के विकसित होने का कारण हो सकता है।
गैस – बहुत अधिक केला खाने से आप अधिक मात्रा में फाइबर और शर्करा को ग्रहण कर लेते हैं, और इस फाइबर को पचाने के लिए बड़ी आंत को बहुत मेहनत करनी पड़ती है, जिससे पेट में गैस और सूजन हो सकती है।
पेटदर्द – अधपके केले में बहुत अधिक प्रतिरोधी स्टार्च (Resistant Starch) होता है, जो पचने में बहुत अधिक समय लेता है। जिससे पेटदर्द उल्टी और दस्त की समस्या हो सकती है। इसलिए अधपके केलों का सेवन करने बचें।
दांतों में सड़न – केले स्टार्च से भरपूर होते हैं, यदि आप केले का अधिक मात्रा में सेवन करते हैं, तो इससे दांतों की सड़न जैसी दंत समस्याएं हो सकती हैं।
नस की क्षति – केले में विटामिन बी6 की उच्च मात्रा होने के कारण कम समय में अधिक केले खाना आपकी नसों के लिए हानिकारक हो सकता है। अब तक हुई शोधों के परिणाम बताते हैं कि इसके प्रमाण विरले हैं।
उनींदापन – केले मौजूद ट्रिप्टोफैन (tryptophan) एक एमिनो एसिड है, जो सेरोटोनिन का उत्पादन बढाकर मानसिक प्रदर्शन और प्रभाव में कमी ला सकता है, जो नींद को ट्रिगर कर सकता है। ऐसा आपने भी कभी कभी महसूस किया होगा।
एलर्जी – जिन लोगों को लेटेक्स (latex) से एलर्जी की प्रतिक्रिया है, अन्य फलों (एवोकाडो, कीवी और चेस्टनट) की तरह केले के प्रति भी अतिसंवेदनशील हो सकते हैं । जो एलर्जी की प्रतिक्रिया को ट्रिगर करता है।
गुर्दे की समस्या – किडनी की बीमारी वाले लोगों को अधिक केला खाने से बचना चाहिए, क्योंकि केले पोटेशियम का स्तर उच्च होता है, जो गुर्दे पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है।
केले से जुड़ी सावधानियां क्या हैं?
यहां केले के सेवन से जुड़ी कुछ चेतावनियां और सावधानियां दी गई हैं:
- यदि आपकी किडनी ठीक से काम नहीं कर रही है, तो केले का सेवन कम से कम करें। आपके रक्त में से अतिरिक्त पोटेशियम को निकालने के लिए आपके गुर्दे पर बहुत अधिक दबाव पड़ता है। यह स्थिति बहुत खतरनाक हो सकती है।
- चूंकि केले कमरे के तापमान पर रखे जाते हैं, वे आसानी से खराब हो सकते हैं और खरीद के दिन से दो दिनों के भीतर खा लिए जाने चाहिए। साथ ही जरूरी है, कि आप अधपके केले खाने से बचें।
- यदि आप हर बार केला खाने पर ऐंठन, पित्ती, घरघराहट और गले में जलन का अनुभव करते हैं, तो आपको या तो केले से या समान प्रोटीन वाले अन्य फलों से एलर्जी हो सकती है।
- यदि आप केले का सेवन बढ़ाना चाहते हैं, तो सही खुराक जानने के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें।
केला खाना कब खतरनाक हो सकता है?
जब आप डॉक्टर निर्देशित दवा ले रहे हों, तो आपको निम्नलिखित केले के साथ दवाओं के पारस्परिक प्रभाव को अवश्य ध्यान में रखना चाहिए:
- बीटा-ब्लॉकर्स (Beta-Blockers)
यदि आप हृदय रोगी हैं, तो हो सकता है कि आपके डॉक्टर ने आपको बीटा-ब्लॉकर्स नामक एक प्रकार की दवा दी हो। यह दवा रक्त में पोटेशियम के स्तर में वृद्धि का कारण बनती है। इसलिए, आपको केले का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए क्योंकि वे पोटेशियम से भरपूर होते हैं और आपके रक्त में पोटेशियम के स्तर में खतरनाक वृद्धि का कारण बन सकते हैं।
- ऑक्साजोलिडिनोन जीवाणुरोधी (Oxazolidinones Antibacterial)
यदि आप ऑक्साजोलिडिनोन एंटीबैक्टीरियल पर हैं, तो आप अपने केले के सेवन पर ध्यान देना चाहिए। केले में टायरामाइन होता है जो ऑक्साजोलिडिनोन एंटीबैक्टीरियल के साथ पूरक होने पर आपके रक्तचाप में खतरनाक वृद्धि का कारण बन सकता है।
- ACE अवरोधक (Angiotensin-Converting Enzyme Inhibitors)
डॉक्टर इन दवाओं को रक्तचाप कम करने या दिल की विफलता का इलाज करने के लिए लिखते हैं। बीटा-ब्लॉकर्स की तरह, वे रक्त में पोटेशियम की मात्रा बढ़ाते हैं। इसलिए, यदि आप इस दवा का सेवन कर रहे हैं, तो आपको केले के अधिक सेवन से बचना चाहिए, क्योंकि आपको अनियमित दिल की धड़कन जैसे लक्षण हो सकते हैं।
- मूत्रवर्धक (Diuretic)
शरीर से पानी, सोडियम और क्लोराइड को निकालने में मदद करने के लिए डॉक्टर मूत्रवर्धक दवाएं लिखते हैं। मूत्रवर्धक हृदय या यकृत की समस्याओं के कारण होने वाली सूजन को कम करने में भी मदद करते हैं। वे उच्च रक्तचाप के इलाज में भी मदद करते हैं। चूंकि कुछ मूत्रवर्धक शरीर में पोटेशियम के स्तर को बढ़ाते हैं, इसलिए आपको केले का सेवन कम करना चाहिए क्योंकि वे आपके रक्त में पोटेशियम के स्तर को और बढ़ा सकते हैं, जो खतरनाक हो सकता है।
हालाँकि हमने केले खाने के सभी नुकसानों को सूचीबद्ध किया है, लेकिन हम इस तथ्य से इनकार नहीं कर सकते हैं, कि जब आप इसे कम मात्रा में खाते हैं तो यह आपके लिए फायदेमंद होता है। जब तक, निश्चित रूप से, आपको स्वास्थ्य संबंधी चिंता है जो आपको उन्हें खाने की अनुमति नहीं देती है।
Tips – केले को खाने के कुछ बेहतरीन तरीके
यहाँ केले के उपयोग के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं:
- नाश्ते में दलिया (Oatmeal) में केला मिलाकर खाएं।
- केले की स्मूदी बनाकर पियें।
- केले का पैनकेक बनाकर खाएं।
- केले को मफिन, कुकीज और केक में मैश करके मिलाएं।
- दही के साथ मिलाकर चीनी के स्थान पर खाएं।
- कच्चे केले की सब्ज़ी या चिप्स बनाकर खाएं।
- केले की ब्रेड बनाकर खाएं।
- केले की आइसक्रीम बनाकर खाएं।
- फ्रूट कबाब या सलाद बनाकर खाएं।
अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल
दिनभर में कितने केले खाने चाहिए?
संतुलन और विविधता एक स्वस्थ आहार की पहचान है। आपका शरीर एक जटिल प्रणाली है, जिसे ठीक से काम करने के लिए कई प्रकार के पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है।
वैसे तो, केले खाने की कोई विशिष्ट संख्या नहीं है, जो उन्हें स्वतः अच्छा या बुरा बनाती है। यह तो आपकी कैलोरी और पोषक तत्वों की जरूरतों पर निर्भर करता है।
सैद्धांतिक तौर पर, आप जितने चाहें उतने केले खा सकते हैं, जब तक कि आप अधिक कैलोरी का सेवन नहीं कर रहे हैं।
प्रति दिन दो से तीन केले को अधिकांश स्वस्थ लोगों के लिए मध्यम सेवन माना जाता है। केले को अपना मुख्य आहार बनाने के बजाय, उन्हें दूसरे खाद्य पदार्थों के साथ संतुलित करना चाहिए। तभी आप केले के फायदों का बेहतरीन तरीके से लाभ उठा सकते हैं।
केला कब खाना चाहिए?
आप केले का सेवन सुबह नाश्ते के साथ अन्य खाद्य पदार्थों के साथ खाने से आपको संतुष्टता और पाचन स्वास्थ्य में सहायता मिल सकती है। हालांकि, आपको इन्हें खाली पेट खाने से बचना चाहिए।
अगर आपको खांसी, जुकाम या सांस लेने में तकलीफ है, तो रात में केला खाने से भी बचना चाहिए।
रात में केला खाने के फायदे क्या हैं?
सच कहा जाए तो केले का सेवन दिन के किसी भी समय किया जा सकता है। तो, हाँ, रात में केला खाना अच्छा होता है।
रात में केला खाने से नींद के चक्र को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। यह शरीर को सेरोटोनिन के उत्पादन में मदद करके ऐसा करता है – नींद को नियंत्रित करने सहित कई लाभों वाला एक मस्तिष्क रसायन।
केले में ट्रिप्टोफैन नामक एक आवश्यक अमीनो एसिड होता है, लेकिन हमारा शरीर इसे उत्पादित नहीं कर सकता। पर यह शरीर को सेरोटोनिन का उत्पादन करने को उत्प्रेरित करता है।
गर्भावस्था में केला खाने के फायदे क्या हैं?
केले कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, विटामिन सी, विटामिन बी, और मैंगनीज, मैग्नीशियम, पोटेशियम, कैल्शियम, तांबा और सेलेनियम जैसे खनिजों का एक समृद्ध स्रोत हैं। ये सभी पोषक तत्व गर्भावस्था के दौरान भ्रूण (Fetus) के स्वस्थ विकास में मदद करते हैं। केला खाने से गर्भावस्था में होने वाली कुछ जटिलताओं से भी राहत मिल सकती है और यह माँ और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है।
केला किसे नहीं खाना चाहिए?
जिनकी किडनी ठीक तरह से काम नहीं कर रही है, उनके लिए अत्यधिक केले का सेवन हानिकारक हो सकता है। इससे आपके रक्त में पोटेशियम की अधिकता हो सकती है। जिसे निकालने के लिए आपके गुर्दों पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है, और यह स्थिति आपके लिए खतरनाक हो सकती है। इसलिए गुर्दे की समस्या से ग्रस्त लोगों को केले कम मात्रा में खाने चाहिए।
Last but not Least…
केला पूरी तरह से एक स्वास्थ्यकारी फल है। केला अपने आपमें एक पावरहाउस है, जिसमें सभी आवश्यक पोषक तत्व (विटामिन्स और मिनरल्स) होते हैं, जो किसी भी व्यक्ति को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
यहाँ एक बात ध्यान देने योग्य है, कि जहां केले में मौजूद पोषक तत्व स्वास्थ्य को बढ़ावा देकर बीमारियों को रोक सकते हैं, तो वहीं दूसरी ओर केले खाने प्रभाव का सभी पर समान रूप से नहीं हो सकता है।
केला आपको ऊर्जावान बनाने में, वजन कम करने में, और आपको बीमारियों से बचाने में मदद करता है, खासकर दिल और colon cancer में। बड़ी बात, यह सस्ता, सुविधाजनक और सर्वसुलभ है, और इन्हें कोई भी, कहीं भी, कभी भी खा सकता है।
हालांकि, ताजे फल और सब्जियों से भरपूर आहार हमें कई आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं, जो किसी भी व्यक्ति को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं।
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References:
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