

मोटापा (Obesity) किसे कहते हैं – क्या आप जानते हैं इसके लक्षण और कारण?
नमस्कार दोस्तों, मैं एक बार फिर से हाज़िर हूँ एक नये लेख के साथ जिसका शीर्षक है “मोटापा (Obesity) किसे कहते हैं – क्या आप जानते हैं इसके लक्षण और कारण?”। आजकल मोटापा (Obesity) की समस्या दिनों दिन गंभीर बीमारी बनते जा रही है, यह एक Medical problem है, जो शरीर में अधिक मात्रा में वसा (Fat) जमा हो जाने के कारण होती है। मोटापा (Obesity) अन्य स्वास्थ्य समस्याओं, जैसे Heart disease, Diabetes, High BP और कुछ Cancer के पनपने की वजह बनती है।
मोटापा (Obesity) किसे कहते हैं?
आजकल की व्यस्त और तनावभरी जीवनशैली, और खानपान के प्रति बरती जाने वाली लापरवाही ही मोटापे (Obesity) का सबसे अहम कारण है। इन दिनों यह एक आम समस्या बनती जा रही हैं। भारत के हर घर में कोई ना कोई इस बीमारी से परेशान हैं। और इसकी वजह से कभी कभी आपको शर्मिंदगी भी होती है।
समान्यत: मोटापा (Obesity) कुछ लोगों को विरासत में मिलता है, जो हमारी परिस्थिति और खानपान से जुड़ा होता है। मोटापे से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं में सुधार या रोकथाम हो सकती है, बशर्ते कि हम अपने वजन को घटाने की कोशिश करें। आहार में बदलाव और शारीरिक गतिविधि में तेजी लाने से आपको वजन कम करने में मदद मिल सकती है।
मोटापा (Obesity) के लक्षण
मोटापा (Obesity) आपके शरीर के साथ-साथ आपके व्यक्तित्व पर भी गहरा असर डालता है। मोटापे के कई गंभीर परिणाम हो सकते हैं। इसके बहुत सारे शारीरिक और मानसिक लक्षण होते हैं, जैसे रोज़मर्रा के काम करने में ही सांस फूलना तथा पसीना आना, कम या ज्यादा सोना, शरीर के अलग अलग हिस्सों में सूजन होना, शरीर में Fat का जमना, आत्मविश्वास में कमी जैसे लक्षण देखे जा सकते हैं। मोटापे (Obesity) के कारण Type 2 Diabetes और Heart disease की संभावना काफी बढ़ जाती है।
मोटापे (Obesity) का इलाज तब तक नहीं किया जाता है जब तक कि आपका Body Mass Index (BMI) 30 या उससे अधिक हो। अपने बॉडी मास इंडेक्स को जानने के लिए, अपने वजन को किलो में अपनी ऊंचाई सेमी वर्ग से विभाजित करें और १०००० से गुणा करें। नीचे दिए गए उदाहरण से समझें –
Example
मान लो आपका वजन 18 kg और ऊंचाई 104 cm. तो आपका BMI क्या होगा?
(18 kg / 104 cm / 104 cm) x 10,000 = 16.6
World Health Organization (WHO) ने BMI की यह Categories दी हैं:
BMI Categories (for International)
कम वजन = 18.4 या उससे कम
सामान्य वजन = 18.5 – 24.9
अधिक वजन = 25 – 29.9
मोटापा = 30 या उससे अधिक
BMI Categories (for Indian)
कम वजन = 18.4या उससे कम
सामान्य वजन = 18.5 – 23
अधिक वजन = 23 – 24.9
मोटापा = 25 या उससे अधिक
मोटापे (Obesity) का कारण
हालांकि शरीर के वजन पर अनुवांशिक, व्यवहारिक, Metabolic और Hormonal जैसे तत्व बड़ा असर डालते हैं। मोटापा (Obesity) बढ़ने का सबसे आम कारण है आप व्यायाम और सामान्य दैनिक गतिविधियों से अधिक कैलोरी लेते हैं। यही अतिरिक्त कैलोरी समय के साथ शरीर में Fat के रूप में जमा होते जाती है और बाद में वजन बढ़ने का कारण बनती है।
लेकिन मोटापा बढ़ने के लिए कैलोरी की खपत और जीवन शैली ही हमेशा जिम्मेदार नहीं होती है। कुछ ऐसे कारण भी होते हैं जो हमारे कंट्रोल में नहीं होते हैं। आमतौर पर मोटापा विशिष्ट कारणों और उसमें योगदान देने वाले कारकों के आपसी संबंधों का नतीजा है। वो कारण कौन कौन से हैं, आज हम इस लेख में उन्हीं कारणों को जानेंगे –
आनुवंशिकी प्रभाव
आपको आपने माता-पिता से जो जीन विरासत में मिले हैं, वो आपके शरीर द्वारा ली गई वसा की मात्रा को प्रभावित कर सकते हैं। आनुवंशिकी की बड़ी भूमिका हो सकती है कि आपका शरीर भोजन को ऊर्जा में कैसे परिवर्तित करता है, भूख को कैसे नियंत्रित करता है, और व्यायाम करते समय कैलोरी को कैसे जलाता है।
मोटापे (Obesity) पर जीवनशैली का असर
- अस्वास्थ्यकारी आहार – आपका दैनिक आहार जो High calories से भरपूर है, जिसमें से फल और सब्जियां नदारद है, लेकिन fast food की मात्रा अधिक है, और पेय पदार्थ जो High calories से भरा हुआ है, ऐसा खाना वजन बढ़ाने में सहायक होता है।
- तरल कैलोरी – आपको पेट भरा हुआ महसूस हुए बिना भी आप ढेर सारी कैलोरी पी सकते हैं, खासकर शराब, High-Calorie drinks, जैसे कि Soft drinks, ऐसे पेय वजन बढ़ाने में सहायक होते हैं।
- शारीरिक निष्क्रियता – यदि आपकी जीवन शैली गतिहीन है, मतलब Physical Activity ना के बराबर है। आप व्यायाम और रोज़मर्रा की गतिविधियों से जितनी कैलोरी खर्च करते हैं, उससे कहीं अधिक कैलोरी ले लेते हैं। Computer, Tablet और फोन पर समय बिताना एक निष्क्रिय गतिविधि है, बैठकर काम करने का सीधा संबंध आपके वजन बढ़ने से होता है।
कुछ विशेष रोग और दवाएं
बहुत से लोगों में, मोटापे (Obesity) का पता चिकित्सीय कारणों से लगाया जा सकता है, जैसे कि Prader-Willi syndrome, Cushing’s syndrome और अन्य स्थितियां। गठिया (Gout) जैसी बीमारी भी शारीरिक गतिविधि में बाधा बन सकती हैं, जिसके परिणामस्वरूप आपका वजन बढ़ सकता है।
कुछ दवाएं भी आपका वजन बढ़ा सकती हैं, यदि आप अपने आहार या गतिविधि में परिवर्तन लाकर इसकी क्षतिपूर्ति नहीं करते हैं। इन दवाओं में कुछ Antidepressants, Anti-Seizure medications, Diabetes medications, Antipsychotic drugs, Steroids, and Beta blockers शामिल हैं।
Prader-Willi syndrome (PWS) विशिष्ट जीन के कार्य के नुकसान के कारण अनुवांशिक विकार है।नवजात शिशुओं में कमजोर मांसपेशियों, खराब भोजन और धीमे विकास शामिल है।बचपन में शुरुआत करने से व्यक्ति को लगातार भूख लगी है जो अक्सर मोटापे और टाइप 2 मधुमेह की ओर जाता है।
Ref from – https://hi.wikipedia.org/wiki/ प्रैड़र-विली_सिंड्रोम
सामाजिक कारक
सामाजिक कारक आपके मोटापे (Obesity) पर गहरा असर डालते हैं। यदि आपके आस पास टहलने या व्यायाम करने के लिए खुली जगह नहीं हैं, तो आपको मोटापे से निपटने में थोड़ा मुश्किल हो सकती है। इसी तरह, हो सकता है कि आप स्वस्थ आहार प्रणाली का पालन या स्वस्थ खाद्य पदार्थों को ना ले रहे हों। इसके अलावा, आप जिन लोगों के साथ समय बिताते हैं, वो भी आपके वजन को प्रभावित कर सकते हैं – यदि आपका मित्र या रिश्तेदार मोटापे से ग्रस्त हैं, तो आपको मोटापा होने की अधिक संभावना होती है।
बढ़ती उम्र
वैसे तो मोटापा (Obesity) किसी भी उम्र में हो सकता है, यहां तक कि छोटे बच्चों में भी। लेकिन बढ़ती उम्र के साथ Hormonal परिवर्तन और शारीरिक सक्रियता की कमी से मोटापे का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, बढ़ती उम्र के साथ आपके शरीर की मांसपेशियां भी ढलने लगती हैं, जिसकी वजह से चयापचय में कमी आ जाती है। बढ़ती उम्र के साथ कैलोरी की ज़रूरतों में कमी आ जाती है, और संतुलित वजन बनाये रखने की समस्या कठिन हो सकती है। यदि आप बढ़ती उम्र के साथ अपने आहार को लेकर सचेत और उस पर नियंत्रण नहीं करते हैं, तो आपके वजन बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है।
अन्य कारक
- गर्भावस्था – गर्भावस्था के दौरान वजन बढ़ना एक आम बात है। कुछ महिलाओं को बच्चे के जन्म के बाद बढ़े वजन को कम करना काफी मुश्किल लगता है। यही बढ़ा वजन महिलाओं में मोटापे (Obesity) के विकास में सहायक हो सकता है। प्रसव के बाद बढ़े वजन को कम करने के लिए स्तनपान सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है।
- धूम्रपान – धूम्रपान का छोड़ना अक्सर वजन बढ़ने से जुड़ा होता है। कुछ में इससे पर्याप्त वजन बढ़ सकता है जो आगे चलकर मोटापे (Obesity) में परिवर्तित हो सकता है। ऐसा उनके साथ होता है जो धूम्रपान छोड़ने के लिए भोजन का सहारा लेते हैं। हालांकि, धूम्रपान छोड़ना आपके स्वास्थ्य के लिए धूम्रपान जारी रखने की तुलना में कहीं अधिक लाभदायक है।
- नींद की कमी – पर्याप्त नींद ना लेने या बहुत अधिक नींद लेने से आपकी भूख बढ़ाने वाले हार्मोन में बदलाव हो सकता है। जिससे आपका वजन बढ़ सकता है।
- तनाव – अक्सर तनाव में रहने वाले लोगों को मोटापे की समस्या हो सकती है। तनावपूर्ण स्थितियों में लोग अक्सर अधिक भोजन करते हैं।
- Microbiome – आप जो खाते हैं उससे आपकी आंतों के बैक्टीरिया प्रभावित हो सकते हैं। जिससे आपको वजन बढ़ाने या वजन कम करने में कठिनाई हो सकती है।
- तेजी से वजन कम करना – तेजी से वजन घटाने के बाद वजन घटाने के पिछले प्रयास वजन बढ़ाने में योगदान भी दे सकते हैं। जिसे हम Yo-Yo Dieting कहते हैं, जिसकी वजह से आपकी चयापचय की गति धीमी हो सकती है।
अगर आपको इनमें से एक या अधिक जोखिम कारक हैं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप मोटापे से ग्रस्त या हो सकते हैं। फिर भी आप अपने आहार, शारीरिक गतिविधि, व्यायाम और जीवनशैली में बदलाव के माध्यम से इन जोखिम वाले कारकों से बच सकते हैं।
मोटापे की जटिलतायें
मोटापे (Obesity) से ग्रस्त लोगों में कई संभावित गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के विकसित होने की काफी संभावना होती है, जिनमें शामिल हैं:
- हृदय रोग और Stroke – मोटापे के कारण आपको High BP और असामान्य Cholesterol के स्तर होने की अधिक संभावना होती है, जो हृदय रोग और Stroke के लिए एक जोखिम कारक हैं।
- Diabetes Type 2 – मोटापा शरीर द्वारा Insulin का उपयोग करने के तरीके को प्रभावित करके, रक्त शर्करा के स्तर को अनियंत्रित कर सकता है। इससे आपके Insulin Resistance और Diabetes का खतरा बढ़ जाता है।
- कुछ कैंसर – मोटापा गर्भाशय, गर्भाशय ग्रीवा, Endometrium, अंडाशय, स्तन, Colon, मलाशय, अन्नप्रणाली, यकृत, पित्ताशय, अग्न्याशय, गुर्दे और Prostate के Cancer के जोखिम को बढ़ा सकता है।
- कब्ज़ की शिकायत – मोटापा Heartburn, Gallbladder disease और Liver जैसी समस्याओं की संभावना को बढ़ाता है।
- Gynecology और यौन समस्याएं – मोटापे के कारण महिलाओं में बांझपन और अनियमित पीरियड्स हो सकते हैं। मोटापा पुरुषों में Erectile dysfunction का कारण बन सकता है।
- Sleep Apnea – मोटापे से ग्रस्त लोगों में Sleep apnea बीमारी होने की संभावना बहुत अधिक होती है। इस बीमारी में व्यक्ति को सोते समय सांस लेने में रुकावट आती है, कई बार व्यक्ति की सांस नींद में ही रुक जाती है और उसे पता भी नहीं चलता है। नींद में सांस की रूकावट कुछ सेकंड्स से लेकर 1 मिनट तक हो सकती है।
- Osteoarthritis – मोटापा Osteoarthritis को बढ़ा देता है जिससे जोड़ों की हड्डी की Cartilage layer कमजोर हो जाती है, जिसकी वजह से भार वहन करने वाले जोड़ों में सूजन, दर्द और अकड़न हो जाती है।
मोटापे का जीवन के स्वरुप पर प्रभाव
मोटापा (Obesity) आपके जीवन के समग्र स्वरूप को कम कर सकता है। हो सकता है कि अब आप उन चीजों को करने में असमर्थ हों जो आप पहले करते थे, जैसे शारीरिक गतिविधियों वाले कार्यक्रम में भाग लेना। आप सार्वजनिक स्थानों पर जाने से कतराते हैं। इसलिए कि वहां पर आपके मोटापे का मज़ाक उड़ाया जाता है।
वजन से संबंधित अन्य समस्याएं जो आपके जीवन के स्वरुप को प्रभावित कर सकती हैं उनमें शामिल हैं:
- तनावग्रस्त होना
- शारीरिक असमर्थता
- यौन समस्याएं
- शर्म महसूस करना
- सामाजिक गतिविधियों /कार्यों से कटना
- कार्य में कम उपलब्धि प्राप्त करना
मोटापे से निवारण
चाहे आपको मोटापे (Obesity) का खतरा हो, वर्तमान में Over weight हो या Healthy weight हो, आपको गलत तरीके से बढ़ते वजन और उससे संबंधित होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। वजन बढ़ने से रोकने के उपाय वही हैं जो वजन कम करने के लिए हैं जैसे: दैनिक व्यायाम, स्वस्थ आहार, और खाने-पीने पर नियंत्रण, और सबसे बड़ी बात इसके लिए दीर्घकालिक प्रतिबद्धता का होना बहुत आवश्यक है।
- नियमित रूप से व्यायाम करें – वजन बढ़ने से रोकने के लिए आपको सप्ताह में 150 से 300 मिनट की मध्यम-तीव्र शारीरिक गतिविधि करने की आवश्यकता है। मध्यम तीव्र शारीरिक गतिविधियों में तेज चलना और तैरना इत्यादि शामिल है।
- स्वस्थ खाने के plan को Follow करें – कम कैलोरी, पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ, जैसे फल, सब्जियां और साबुत अनाज खाएं। Saturated fat से बचें और मिठाई और शराब की मात्रा को कम करें। Snacking कम करें, दिन में तीन बार नियमित भोजन करें। बस उन खाद्य पदार्थों को खाएं जो स्वस्थ वजन और अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं।
- खाने को प्रेरित करने वाले खाद्य पदार्थों से बचें – उन स्थितियों की पहचान करें जो भूख ना होने पर भी खाने के लिए प्रेरित करती हैं। एक डायरी साथ रखें और उसमें लिखें कि आप क्या खाते हैं, कितना खाते हैं, कब खाते हैं, कैसा महसूस कर रहे हैं और आपको कितनी भूख लगती है। इससे आप स्थितियों से निपटने के लिए एक योजना बना सकते हैं, और अपने खाने के व्यवहार पर नियंत्रण रख सकते हैं।
- वजन को नियमित रूप से Monitor करें – जो लोग सप्ताह में कम से कम एक बार अपना वजन Check करते हैं, वो ही अतिरिक्त वजन को बढ़ने से रोकने में सफल होते हैं। वजन की निगरानी ही आपको बता सकती है कि क्या आपके प्रयास काम कर रहे हैं, और समस्या के बड़ा बनने से पहले ही वजन बढ़ने का पता लगाने में आपकी मदद कर सकते हैं।
- निरतंरता बनाए रखें – सप्ताह के दौरान, सप्ताहांत पर, और छुट्टियों और छुट्टियों के दौरान जितना संभव हो सके, अपने वजन कम करने के Plan पर टिके रहें, जिससे आपकी दीर्घकालिक सफलता की संभावना बढ़ जाती है।
अंत में…
वैसे तो मोटापे (Obesity) से आजकल अधिकांशतः लोग परेशान हैं, लेकिन वो अपनी जीवनशैली में कोई बदलाव लाना नहीं चाहते हैं, शारीरिक गतिविधियों से बचना चाहते हैं। जबकि उन्हें अच्छी तरह से पता होता है कि इस मोटापे से किस तरह से बच या कम कर सकते हैं। यहाँ मैं उन लोगों से एक बात कहना चाहूंगा कि आपको मोटापे (Obesity) से किस तरह से निपटना है। यह इस लेख में बहुत अच्छी तरह से बताया गया है, बस उसे पूरा करने के लिए अपने अंदर दृढ़ इच्छाशक्ति को जगाने की जरूरत है।
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Disclaimer
इस लेख का उद्देश्य लोगों को बीमारियों और स्वास्थ्य के बारे में सचेत करने का एक साधन मात्र है। हमेशा कोशिश रहती है कि हर लेख संपूर्ण और सटीकता से परिपूर्ण हो। इस Blog पर मौजूद किसी भी सलाह, सुझावों को निजी स्वास्थ्य के लिए उपयोग में लाने से पहले अपने चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।