सर्दी की बीमारियाँ: एक मार्गदर्शिका अपनी सुरक्षा कैसे करें?

सर्दी आ गई है! सर्दियों के साथ उत्सव का माहौल भी आता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि गिरता तापमान आपको संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील बना सकता है? जो अन्य संबंधित कारक या कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं, जिन्हें सर्दी की बीमारियाँ या मौसमी बीमारियाँ भी कहा जाता है।

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सर्दी की बीमारियाँ ठंड के मौसम के कारण आपके शरीर पर वायरस और बैक्टीरिया का हमला है। ऐसे सूक्ष्मजीव कभी-कभी आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर देते हैं या इसे अति सक्रिय बना देते हैं। आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली और सूक्ष्मजीवों के बीच यह लड़ाई विभिन्न बीमारियों को जन्म देती है जैसे कि सामान्य सर्दी, न्यूमोनिया, ब्रोंकाइटिस, स्ट्रेप थ्रोट, निमोनिया, आदि, और उनके लक्षण बहुत परेशान करने वाले होते हैं।

हम सर्दियों में बीमार क्यों पड़ते हैं?

चिकित्सक बताते हैं, सर्दियों में सर्दी की बीमारियाँ अधिक आम हैं, क्योंकि जब कोई बीमार व्यक्ति खांसता या छींकता है तो दूषित श्वसन बूंदें शुष्क हवा में अधिक आसानी से फैलती हैं। इसके अलावा, ठंड के मौसम सभी लोग घर के अंदर रहना पसंद करते हैं, जिससे संक्रमण का एक दूसरे में फैलना आसान हो जाता है।

आपके संक्रमित होने के बाद सर्दियों की बीमारी के लक्षण प्रकट होने में कुछ दिन लगते हैं। इस समय को ऊष्मायन (पनपने) अवधि कहते हैं, जब आप संक्रमित होते हैं पर बीमार महसूस नहीं करते हैं।

इस ऊष्मायन अवधि में आप संभवतः अनजाने में दूसरों को संक्रमित कर रहे होते हैं। संक्रमित होने के दो से तीन दिन बाद आप सबसे अधिक संक्रामक होते हैं, लेकिन बीमारी से उबरने के दौरान आप दो सप्ताह या उससे अधिक समय तक दूसरों को संक्रमित कर सकते हैं।”

वास्तव में आप कितने समय तक संक्रामक रहेंगे, यह सर्दी की बीमारी पर निर्भर करता है, कि कब तक दूसरों से बनाये रहना सुरक्षित है।

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सर्दी की बीमारियाँ क्या हैं?

बदलते मौसम के साथ लोग बीमार हो जाते हैं, क्योंकि तापमान में बदलाव के कारण वायरस पनपते हैं, जो मौसमी बीमारियाँ फैलाते हैं। सर्दी की बीमारियाँ अचानक से प्रकट हो सकती हैं और आपको आलस्य और सुस्ती का एहसास करा सकती हैं। उदाहरण के लिए, गले की खराश जो गंभीर संक्रमण में बदल सकती है, जिससे भोजन या पानी निगलने में काफी दर्द होता है। इसके अलावा, ठंड के मौसम के कारण साधारण बीमारियों को भी ठीक करना मुश्किल हो जाता है।

इसलिए, सर्दियों में एहतियाती कदम उठाने और शीतकालीन बीमारियों से बचने की सलाह दी जाती है और सर्दी के मौसम में कैसे स्वस्थ और सुरक्षित रहा जाए। यहां सर्दियों में होने वाली बीमारियों और उनके लक्षण, रोकथाम और उपचार के बारे में बताया गया है, अवश्य पढ़ें।

1- सामान्य सर्दी (Common Cold)

आम सर्दी को सर्दियों के ठंडे महीनों का एक अभिन्न अंग माना जाता है, क्योंकि यह उस दौरान व्यापक रूप से फैलती है। इसका कारण यह है कि शुष्क और ठंडी जलवायु सामान्य सर्दी की बीमारी को फलने-फूलने के लिए अनुकूलतम परिस्थितियाँ प्रदान करती है।

हालाँकि, सामान्य सर्दी कष्टप्रद हो सकती है, फिर भी आप अपनी सामान्य गतिविधियाँ चालू रख सकते हैं, क्योंकि सर्दी दो से चार दिनों में कम होना शुरू हो जाएगी, यदि बनी रहती है, तो डॉक्टर से मिलाने में देर न करें।

कारण:

सर्दी राइनोवायरस के कारण होती है। सर्दी का वायरस हवा के जरिये फैलता है, जो बीमार व्यक्ति के छींकने, खांसने या नाक साफ करने पर निकलती हैं।

लक्षण:

  • नाक बहना
  • छाती में जमाव
  • गले में खराश
  • खांसी
  • छींक आना
  • हल्का सिरदर्द
  • हल्के बुखार

रोकथाम:

वायरस को फैलने से रोकना ही आम सर्दी से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है। हाथ धोना और सर्दी से पीड़ित लोगों के संपर्क से बचना महत्वपूर्ण है।

उपचार:

चूंकि सामान्य सर्दी का कोई इलाज नहीं है, इसलिए सर्दी खाँसी की दवा लेने और उचित आराम करने की सलाह दी जाती है। एंटीबायोटिक्स सर्दी के वायरस के खिलाफ काम नहीं करते हैं, यदि कोई जीवाणु संक्रमण है तभी इसकी अनुशंसा की जाती है।

2- फ्लू/Flu (Influenza)

फ्लू को विशेष तौर शीतकालीन बीमारी के रूप में जाना जाता है, इन्फ्लूएंजा का मौसम अक्टूबर से मई तक चलता है। लेकिन, वर्ष के किसी भी समय इन्फ्लूएंजा वायरस से बीमार होना संभव है। फ्लू हर साल लाखों लोगों को बीमार करता है और हजारों लोग मर जाते हैं।

फ्लू एक श्वसन संबंधी काफी संक्रामक बीमारी है, जो नाक, गले और फेफड़ों को प्रभावित करती है। यह संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने और सामान्य बातचीत के माध्यम से एक दूसरे में आसानी से फैलती है।

इन्फ्लूएंजा का टीका इस अत्यधिक संक्रामक वायरस से खुद को और अपने परिवार को बचाने का सबसे अच्छा तरीका है।

कारण:

फ्लू इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होता है। अधिकांश लोग फ्लू की चपेट में तब आते हैं, जब वे फ्लू से पीड़ित किसी व्यक्ति की खांसी या छींक से निकलने वाली संक्रमित हवा में सांस लेते हैं या संक्रमित वस्तु को छूने के बाद अपने मुंह, नाक या आंखों को छूते हैं।

लक्षण:

  • बुखार
  • खांसी
  • छाती में जमाव
  • मांसपेशियों में दर्द
  • ठंड लगना
  • थकान शामिल हैं
  • उल्टी और दस्त (कभी-कभी बच्चों में)

रोकथाम:

फ्लू के खिलाफ सबसे अच्छी रोकथाम टीकाकरण है, फ्लू (इन्फ्लूएंजा) का टीका इस अत्यधिक संक्रामक वायरस से खुद को और अपने परिवार को बचाने का सबसे अच्छा तरीका है।

आम तौर पर, आराम करने और खुद की देखभाल करने से पांच से सात दिनों के भीतर बेहतर होने में मदद मिलती है। हालांकि, इस बात की अधिक संभावना है, कि फ्लू से संबंधित जटिलतायें निमोनिया और ब्रोंकाइटिस जैसी अन्य सर्दी की बीमारियों को जन्म दे सकता है।

उपचार:

यदि आपके परिवार में कोई व्यक्ति फ्लू से पीड़ित है, तो अपने डॉक्टर को दिखायें। आपका डॉक्टर लक्षणों की गंभीरता और अवधि को कम करने के लिए एंटीवायरल दवा लिख सकता है।

65 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्क, दो वर्ष और उससे कम उम्र के बच्चे, और पुरानी स्थिति वाले लोग फ्लू की जटिलताओं के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।

3- कोविड-19 (COVID-19)

कोरोना वायरस रोग (कोविड-19) SARS-CoV-2 वायरस के कारण सर्दियों में होने वाला एक संक्रामक रोग है। वायरस से संक्रमित अधिकांश लोगों में हल्के से मध्यम श्वसन संबंधी बीमारी का अनुभव होता है, जो विशेष उपचार के बिना भी ठीक हो जाता है। हालाँकि, गंभीर स्थितियों में चिकित्सकीय देखभाल की आवश्यकता होती है।

वृद्ध लोग और हृदय रोग, मधुमेह, पुरानी श्वसन रोग या कैंसर जैसी अंतर्निहित चिकित्सा स्थितियों वाले लोगों में गंभीर जोखिम की संभावना अधिक होती है। COVID-19 किसी भी व्यक्ति को चपेट में ले सकता है और गंभीर रूप से बीमार कर सकता है या मर भी सकता है।

कोविड-19 के लक्षण प्रकट होने से एक से दो दिन पहले और बीमार होने के दो से तीन दिन बाद आप दूसरों को संक्रमित कर सकते हैं। आप कितने संक्रामक हैं, यह आपकी बीमारी की गंभीरता पर भी निर्भर करता है।

कारण:

COVID-19 वायरस संक्रमित व्यक्ति से निकट संपर्क के कारण फैलता है। यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने, बोलने, या सांस लेने पर उसके मुंह या नाक से छोटे तरल कणों के जरिये हवा में फैल जाता है।

आम लक्षण:

  • बुखार
  • खाँसी
  • थकान
  • स्वाद या गंध का नाश होना

कम आम लक्षण:

  • गला खराब होना
  • सिरदर्द
  • दर्द एवं पीड़ा
  • दस्त
  • त्वचा पर दाने
  • लाल आँखें

गंभीर लक्षण:

  • साँस लेने में तकलीफ
  • बोलने में कठिनाई, या भ्रम की स्थिति
  • छाती में दर्द

रोकथाम:

कोविड-19 की रोकथाम का सबसे अच्छा तरीका है बीमारी के संचरण को रोकने और धीमा करने के बारे में अच्छी तरह से जानकारी होना है। दूसरों से कम से कम 1 मीटर की दूरी बनाकर रहें, मास्क पहनें, और अपने हाथों को नियमित अंतराल पर धोएं या सैनिटाइज़र साफ़ करके खुद को और दूसरों को संक्रमण से बचाएं। वैक्सीन लगवाएं, यही आपके प्रियजनों और समुदाय को संक्रमण से बचा सकती है।

उपचार:

कोविड​​-19 के इलाज में कई एंटीवायरल दवाओं का उपयोग हल्के से मध्यम इलाज के लिए उन लोगों में किया जाता है, जिनके बहुत बीमार होने की संभावना अधिक होती है। एंटीवायरल उपचार वायरस के विशिष्ट भागों को लक्षित करके इसे शरीर में बढ़ने से रोकते हैं, जिससे गंभीर बीमारी और मृत्यु को रोकने में मदद मिलती है।

4- कान का संक्रमण (Ear Infection)

कान में संक्रमण सर्दियों की एक आम बीमारी है, जिसमें स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनिया और हेमोफिलस इन्फ्लूएंजा जैसे बैक्टीरिया मध्य कान में सूजन और तरल पदार्थ का निर्माण करते हैं।

कान का दर्द छोटे बच्चों में अधिक आम है, लेकिन वयस्कों को भी यह हो सकता है। आपके मध्य कान में संक्रमण सर्दी या एलर्जी या साइनस संक्रमण के फलस्वरूप होता है, जो वायुमार्ग में रूकावट के अलावा सूजन और जलन का कारण भी बनता है।

कारण:

कान का संक्रमण मध्य कान में बैक्टीरिया या वायरस के कारण होता है। यह संक्रमण सर्दी, फ्लू या एलर्जी के परिणामस्वरूप होता है, जो नाक मार्ग, गले और यूस्टेशियन ट्यूबों में रूकावट और सूजन का कारण बनता है।

लक्षण:

  • गंभीर दर्द
  • सुनने की क्षमता कम होना
  • कान में बेचैनी

रोकथाम:

कान के संक्रमण को रोकने के उपायों में है, कि समय-समय पर कानों को रुई के फाहे से साफ करना जरूरी है। स्नान या तैराकी के बाद अपने कानों को पूरी तरह से सुखायें और सामान्य स्वच्छता बनाए रखें।

उपचार:

कान के संक्रमण में आमतौर पर, एंटीबायोटिक्स दी जाती हैं। ठंड के मौसम में कान की बीमारियाँ बैक्टीरिया के कारण होती हैं, न कि वायरस के कारण। यदि संक्रमण के साथ दर्द भी है, तो आपका डॉक्टर एसिटामिनोफेन या इबुप्रोफेन जैसी दर्द निवारक दवाओं की सिफारिश कर सकता है।

5- श्वसनीशोथ (Bronchitis)

जो वायरस सर्दी, फ्लू और COVID-19 का कारण बनते हैं, वे सभी ब्रोंकाइटिस का भी कारण बन सकते हैं। यह सीने में सर्दी के रूप में भी जाना जाता है, ब्रोंकाइटिस आपके श्वासनली में सूजन और बलगम बनने का कारण बनता है, जो अक्सर सर्दियों के दौरान अधिक प्रचलित होता है।

सबसे आम लक्षण पुरानी खांसी है, जो तीन सप्ताह या उससे अधिक समय तक रहती है।

कारण:

ब्रोंकाइटिस ब्रोन्कियल नलिकाओं में सूजन का परिणम है। यह आमतौर पर किसी वायरस या फेफड़ों को परेशान किसी ऐसी चीज को सांस के जरिये अंदर लेने के कारण होता है जैसे कि सिगरेट का धुआं, धुआं, धूल और वायु प्रदूषण।

लक्षण:

  • लगातार तेज़ खांसी
  • थकान
  • सांस की तकलीफ
  • बुखार
  • घरघराहट
  • सीने में बेचैनी

निवारक उपाय:

अपने हाथ नियमित रूप से धोएं, संक्रमित व्यक्तियों से दूर रहें, क्योंकि वायरस संक्रामक हैं, और धूम्रपान (यहां तक कि सेकेंडहैंड धूम्रपान) भी बंद कर दें। इसके आलावा धूल, धुएं, वायु प्रदूषण के बीच सांस लेने से भी बचें। ज्यादातर लोगों को सात से 10 दिनों में बेहतर महसूस होता है, हालांकि खांसी कुछ हफ्तों तक रह सकती है।

इलाज:

आमतौर पर यह अपने आप ठीक हो जाता है। हालाँकि, यदि संक्रमण का कारण बैक्टीरिया है, तो आपका डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाएँ लिखेगा, यदि वायरल संक्रमण है, तो यह काम नहीं करेगा। वायरल संक्रमण के लिए, डॉक्टर सर्दी खांसी की दवाएँ लिखते हैं।

6- न्यूमोनिया (Pneumonia)

न्यूमोनिया सर्दियों में होने वाली एक जानलेवा बीमारी है, जिसमें वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण (स्ट्रेप्टोकोकस या न्यूमोकोकस बैक्टीरिया) फेफड़ों की छोटी-छोटी हवा की थैलियों (Alveoli) में फैल जाते हैं और उनमें बलगम भर देते हैं। ठंडी हवा मौजूदा स्थिति को और खराब कर सकती है, जिससे न्यूमोनिया से पीड़ित व्यक्तियों को सांस लेने में तकलीफ होती है।

जीवन-घातक न्यूमोनिया का सबसे अधिक जोखिम दो साल से छोटे बच्चे, 65 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्क और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को होता है। गंभीर जटिलताओं से बचने के लिए न्यूमोकोकल (न्यूमोनिया) का टीका लगवाना चाहिए।

कारण:

न्यूमोनिया का कारण बनने वाले रोगाणु संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या संक्रमित वस्तुओं या सतह को छूने और फिर मुंह या नाक को छूते हैं, तो न्यूमोनिया हो सकता है।

लक्षण:

  • कफ के साथ गंभीर खांसी
  • ठंड और सिरदर्द के साथ तेज बुखार
  • सांस लेने में तकलीफ
  • दस्त लगना
  • त्वचा का रंग बैंगनी पड़ना
  • उल्टी होना
  • पसीना निकलना
  • मांसपेशियों में दर्द

रोकथाम:

बैक्टीरियल और वायरल न्यूमोनिया की रोकथाम के लिए अपने स्वास्थ्य और स्वच्छता का ध्यान रखें, जैसे कि न्यूमोनिया होने के जोखिम को कम करने के लिए उचित व्यायाम, आराम और आहार लेना।

वायरल और बैक्टीरियल न्यूमोनिया दोनों के लिए सामान्य रिकवरी का समय एक से दो सप्ताह है, हालांकि थकान एक महीने या उससे अधिक समय तक रह सकती है।

उपचार:

यदि आपको बैक्टीरियल न्यूमोनिया का निदान किया जाता है, तो आपका डॉक्टर एंटीबायोटिक्स लिखेगा, जबकि वायरल न्यूमोनिया का इलाज ओवर-द-काउंटर उपचार से किया जा सकता है। डॉक्टर द्वारा निर्धारित खुराक को पूरा करना महत्वपूर्ण है, अन्यथा आप फिर से बीमार हो सकते हैं। गंभीर न्यूमोनिया के मामलों में, ऑक्सीजन उपचार, आईवी और दवाएं दी जाती हैं।

7- अस्थमा (Asthma)

अस्थमा, जिसे ब्रोन्कियल अस्थमा भी कहा जाता है, यह सर्दियों में अधिक परेशान करने वाली बीमारी है, जो आपके फेफड़ों को प्रभावित करती है, यह एक दीर्घकालिक स्थिति है, जिसका अर्थ है, कि यह ख़त्म नहीं होती है और इसे निरंतर चिकित्सा प्रबंधन की आवश्यकता होती है।

अस्थमा के कारण आपके सांस लेने की नलिकाओं में सूजन और संकुचन आ जाती है। इससे आपको घरघराहट, खांसी और जकड़न हो सकती है, लक्षण खराब होकर अस्थमा के दौरे का कारण बनते हैं।

कारण:

अस्थमा का सटीक कारण अज्ञात है। अस्थमा किसे होगा, इसमें आनुवंशिकी, एलर्जी, श्वासप्रणाली में संक्रमण और आपका वातावरण संभावित रूप से भूमिका निभाते हैं।

लक्षण:

  • सीने में जकड़न
  • खांसी, विशेषकर रात में या सुबह-सुबह
  • सांस लेने में कठिनाई
  • घरघराहट
  • सांस छोड़ते समय सीटी जैसी आवाज आना

रोकथाम:

यदि आपको अस्थमा है, तो भी आप बहुत अच्छा जीवन जी सकते हैं और खेलकूद या अन्य गतिविधियों में भाग ले सकते हैं। अस्थमा के ट्रिगर्स से बचना दवाओं की आवश्यकता को कम करने और अस्थमा के दौरे को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है। हालाँकि, आप खुद को अस्थमा होने से नहीं रोक सकते।

आपका डॉक्टर आपको लक्षणों को प्रबंधित करने, आपके ट्रिगर्स को जानने और हमलों को रोकने या प्रबंधित करने में मदद कर सकता है।

उपचार:

अस्थमा के उपचार में दीर्घकालिक उपचार के लिए साँस लेने के व्यायाम, बचाव, या प्राथमिक चिकित्सा उपचार और अस्थमा नियंत्रण दवाएं शामिल हो सकती हैं। डॉक्टर अस्थमा के प्रकार, रोगी की उम्र, चिकित्सा इतिहास आदि को ध्यान में रखकर उचित उपचार का निर्णय लेता है।

8- जोड़ों का दर्द (Joint Pains)

सर्दियों में होने वाली इस बीमारी के पीछे कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। हालाँकि, यह सर्दियों के मौसम में होने वाली सबसे आम बीमारियों में से एक है। सर्दियों में जोड़ों का दर्द तब होता है, जब आप मध्य आयु या वृद्धावस्था में होते हैं।

ठंड का मौसम आपकी उंगलियों और पैर की उंगलियों में रक्त परिसंचरण को कम कर सकता है, जिससे सूजन और जोड़ों में गंभीर दर्द हो सकता है। कई वृद्ध लोग इस समस्या से पीड़ित हैं और उन्हें इससे निपटने में कठिनाई होती है।

कारण:

जोड़ों का दर्द कई प्रकार की चोटों या स्थितियों के कारण हो सकता है। यह गठिया, बर्साइटिस और मांसपेशियों में दर्द से जुड़ा हो सकता है, जो बहुत परेशान करने वाला हो सकता है।

लक्षण:

  • दर्द सूजन
  • कठोरता
  • थकान
  • अन्य सामान्य संधिशोथ

रोकथाम:

इसे रोकने के सबसे आम तरीकों में से एक है, खुद को और अपने पैरों को गर्म रखना। इसके अलावा वजन बढ़ाने से बचें और एक सक्रिय जीवन शैली अपनानी होगी जैसे कि नियमित व्यायाम करना जिससे जोड़ों और मांसपेशियों की जकड़न से छुटकारा पाने में मदद मिल सकती है।

उपचार:

सर्दियों में गर्म कपड़े पहनें, क्योंकि ठंड के मौसम में जोड़ों में दर्द होता है। गठिया के रोगियों के लिए जोड़ों का दर्द गंभीर हो सकता है, बेहतर होगा कि डॉक्टर से सलाह लें और जांच कराएं।

9- साइनस संक्रमण (Sinus Infection)

साइनसाइटिस साइनस की सूजन है। यह अक्सर बैक्टीरिया संक्रमण के कारण होता है। कभी-कभी, वायरस और कवक (Fungi) इसका कारण बनते हैं। कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में बैक्टीरियल या फंगल साइनस संक्रमण विकसित होने की अधिक संभावना होती है।

बैक्टीरियल साइनस संक्रमण संक्रामक नहीं है, लेकिन आप उस सर्दी को फैला सकते हैं, जिसके कारण साइनस संक्रमण हुआ है। एलर्जी से पीड़ित कुछ लोगों को “एलर्जिक फंगल साइनस संक्रमण” हो सकता है। तीव्र साइनस संक्रमण तीन से आठ सप्ताह तक रहता है। आठ सप्ताह से अधिक समय तक रहने वाला साइनस संक्रमण क्रोनिक माना जाता है।

कारण:

साइनस संक्रमण तब होता है, जब चेहरे (साइनस) में तरल पदार्थ जमा हो जाता है और कीटाणु पनपने लगते हैं। वायरस ही अधिकांश साइनस संक्रमण का कारण बनते हैं, लेकिन बैक्टीरिया भी कुछ साइनस संक्रमण पनपने की वजह बन सकते हैं।

लक्षण:

  • गले में जमा बलगम
  • नाक स्राव (हरा रंग)
  • नाक का बंद होना
  • माथे में दर्द
  • दांतों में दर्द
  • खाँसना
  • बुखार
  • थकान
  • सांस में बदबू

रोकथाम:

हालाँकि, दवाएँ रोकथाम में मदद कर सकती हैं, साइनसाइटिस के कई मामले बिना किसी चिकित्सीय उपचार के अपने आप ठीक हो जाते हैं। यदि आपको अक्सर यह स्थिति होती है, तो यह उपाय इसे रोकने में भी मदद कर सकते हैं, जैसे आप ह्यूमिडिफायर का उपयोग करें, गर्म पानी के कटोरे से भाप में सांस लें या नाक खोलने का स्प्रे लें। हालांकि, गर्म वाष्प अवरुद्ध और सूजी हुए नासिका मार्ग को खोलकर सांस लेना आसान बनाते हैं।

उपचार:

आपका चिकित्सक सबसे पहले यह पता करेगा, कि साइनस संक्रमण का कारण क्या है, वायरल या बैक्टीरियल? यदि यह वायरल है, तो संभवतः यह दो सप्ताह से कम समय तक रह सकता है। साइनस संक्रमण से राहत पाने के लिए आपका डॉक्टर नाक डिकॉन्गेस्टेंट स्प्रे, एंटीहिस्टामाइन, नाक के स्टेरॉयड और नाक की सेलाइन वॉश और जीवाणु संक्रमण के लिए एंटीबायोटिक्स की सिफारिश कर सकते हैं।

10- टॉन्सिल्स में सूजन (Tonsillitis)

टॉन्सिल अंडाकार आकार के ऊतक होते हैं जो आपके गले के पीछे होते हैं। टॉन्सिलाइटिस वह स्थिति है, जिसमें टॉन्सिल संक्रमित हो जाते हैं और उनमें सूजन आ जाती है। आमतौर पर वायरस के कारण होने वाला संक्रमण इसका कारण बनता है, लेकिन कभी-कभी बैक्टीरियल संक्रमण भी इसका कारण बनता है।

कारण:

टॉन्सिलिटिस के अधिकांश मामले वायरल संक्रमण के कारण होते हैं, जैसे कि वायरस जो सामान्य सर्दी या फ्लू वायरस (इन्फ्लूएंजा) का कारण बनते हैं। कुछ मामले समूह ए स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया के कारण भी हो सकते हैं।

लक्षण:

  • निगलने में कठिनाई
  • कानों में दर्द
  • ठंड लगना
  • बुखार
  • सिरदर्द
  • लंबे समय तक गले में खराश
  • कभी-कभी जबड़े में दर्द महसूस होना

निवारक उपाय:

अपने हाथों को नियमित तौर पर धोने चाहिए और अपने चेहरे और मुंह को छूने से बचना चाहिए। जो व्यक्ति बीमार है, उसके साथ अपना भोजन, पेय, शौचालय, बर्तन को साझा न करें।

उपचार:

अपने टॉन्सिल और गले को गीला करने के लिए नियमित रूप से पानी पिएं, दिन में 3-4 बार कुछ मिनटों के लिए नमक के पानी से गरारे करें; यह आपके गले की खराश को आराम देता है; गुनगुना पानी पियें, और अपने घर के वातावरण को नमीयुक्त बनाने के लिए एयर ह्यूमिडिफ़ायर का उपयोग करें, जल्द ही संक्रमण कम हो जाएगा।

11- गले में खराश (Strep Throat)

यह गले और टॉन्सिल में होने वाला संक्रमण है, यह अत्यधिक संक्रामक समूह ए स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया है, जो गले में खराश का कारण बनता है। यह जीवाणु संक्रमण गले और टॉन्सिल में सूजन पैदा कर देता है, जिससे निगलने में दर्द होता है। यह पांच से पंद्रह वर्ष की आयु के बच्चों में ठंड के मौसम में होने वाली एक आम बीमारी है। इस संक्रमण से बचाव के लिए सर्दियों में बच्चों की देखभाल महत्वपूर्ण है।

कारण:

स्ट्रेप थ्रोट स्ट्रेप्टोकोकस पाइोजेन्स नामक जीवाणु के संक्रमण के कारण होता है। स्ट्रेप्टोकोकल बैक्टीरिया संक्रामक होते हैं, जो संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या किसी संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने से फैलता है।

लक्षण:

  • गले में दर्द होना
  • निगलते समय दर्द होना
  • लाल और सूजे हुए टॉन्सिल
  • मुंह में लाल धब्बे
  • बुखार
  • सिरदर्द
  • गर्दन में सूजी हुई लसीका ग्रंथि (Lymph Nodes)

निवारक उपाय:

अपने हाथ नियमित रूप से धोएं, धूम्रपान बंद कर दें और निष्क्रिय धूम्रपान से भी दूर रहें, अपने घर में ह्यूमिडिफायर का उपयोग करें और संक्रमित व्यक्ति के साथ अपना भोजन, पानी और अन्य चीजें साझा न करें।

उपचार:

बेहतर होगा, कि आप भरपूर आराम करें, पर्याप्त तरल पदार्थ पिएं, नमक के पानी से गरारे करें और अपने आहार में शहद शामिल करें, क्योंकि यह गले की खराश को शांत करता है।

12- नोरोवायरस (Norovirus)

नोरोवायरस एक पेट की गंभीर और संक्रामक बीमारी है, जो दस्त, उल्टी और पेट में ऐंठन का कारण बनता है। यह सभी उम्र के लोगों और वर्ष के किसी भी समय हो सकती है। हालाँकि, यह सर्दियों में अधिक आम है, इसलिए इसे शीतकालीन उल्टी बग कहा जाता है।

फिर भी, नोरोवायरस (कई प्रकार के होते हैं) अत्यधिक संक्रामक होते हैं और उन्हें मारना मुश्किल होता है। नोरोवायरस काउंटरटॉप्स और दरवाज़े के हैंडल जैसी सतहों पर हफ्तों तक रह सकते हैं।

कारण:

किसी संक्रमित व्यक्ति द्वारा दूषित भोजन खाने या पीने से। दूषित सतहों या वस्तुओं को छूना और फिर अपने मुँह को छूना और हाथ धोए बिना खाना खाना।

लक्षण:

  • मतली
  • उल्टी
  • दस्त
  • पेट दर्द
  • बुखार
  • ठंड लगना

रोकथाम:

ऐसी कोई विशिष्ट दवा नहीं हैं, जो वायरस को रोक सके, लेकिन आप इससे बच सकते हैं – जैसे हाथों और मौखिक स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना, पूरी तरह पका हुआ खाना खाना और घर की उचित साफ़-सफाई करना और कीटाणुरहित करना। आराम करने से लोगों को बेहतर महसूस करने में मदद मिलती है।

उपचार:

नोरोवायरस से उत्पन्न संक्रमण बिना किसी विशेष उपचार के कुछ ही दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है। हालाँकि, गंभीर स्थिति में आपका डॉक्टर ओवर-द-काउंटर एंटी-डायरिया की दवा लिख सकता है।

13- काली खांसी (Whooping Cough)

काली खांसी (Pertussis) एक अत्यधिक संक्रामक श्वसन पथ का संक्रमण है, जो बोर्डेटेला पर्टुसिस बैक्टीरिया के कारण होता है। यह मुख्य रूप से 6 महीने से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करती है, जो अभी तक टीकाकरण से पूरी तरह सुरक्षित नहीं हुए हैं, और ऐसे किशोर और वयस्क जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो गई है।

काली खांसी एक गंभीर हैकिंग खांसी के रूप में प्रख्यात है, जो कभी-कभी बच्चे के तेजी से सांस लेने पर “हूप” जैसी आवाज आती है।

कारण:

काली खांसी बोर्डेटेला पर्टुसिस नामक एक प्रकार के बैक्टीरिया के कारण होती है। जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है, तो रोगाणु से भरी छोटी बूंदें हवा में फैल जाती हैं और आस-पास मौजूद किसी भी व्यक्ति में सांस के जरिये फेफड़ों में चली जाती हैं।

लक्षण:

  • बहती या भरी हुई नाक
  • हल्का बुखार (100.4°F से कम)
  • हल्की, कभी-कभार खांसी

गंभीर लक्षण:

  • उल्टी होना
  • खांसने के बाद थकावट महसूस होना
  • तेज़ खांसी आती है और उसके बाद तेज़ “हूप” ध्वनि आती है

रोकथाम:

काली खांसी (पर्टुसिस) सभी उम्र के लोगों में गंभीर बीमारी का कारण बन सकती है, लेकिन शिशुओं के लिए यह सबसे खतरनाक है।

पर्टुसिस से बचाव के लिए टीका लगवाना और संक्रमित व्यक्तियों से दूरी बनाना सबसे अच्छा तरीका है। सुनिश्चित करें, कि आप और आपके प्रियजन काली खांसी के टीकों से अपडेट हैं।

उपचार:

डॉक्टर आमतौर पर काली खांसी का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं से करते हैं। एंटीबायोटिक्स संक्रमण की अवधि को कम करने काम करते हैं, जब लोग उन्हें बीमारी की शुरुआत में, खांसी शुरू होने से पहले लेते हैं। लेकिन जब इन्हें बाद में लिया जाता है, तब भी एंटीबायोटिक्स महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि वे संक्रमण को दूसरों तक फैलने से रोक सकते हैं।

14- दिल का दौरा (Heart Attacks)

सर्दियों के महीनों में ठंड के कारण रक्त वाहिकाओं के सिकुड़ने से आपका रक्तचाप बढ़ सकता है। इससे आपके हृदय की रक्त पंप करने की क्षमता पर बोझ पड़ता है जिससे दिल के दौरे और अन्य हृदय रोगों का खतरा होता है।

सर्दियों में दिल का दौरा अधिक आम है। ठंड में, आपका दिल शरीर के स्वस्थ तापमान को बनाए रखने के लिए अतिरिक्त मेहनत करता है। सर्द हवाएं इसे और अधिक कठिन बना सकती है।

अपने दिल को स्वस्थ रखने के लिए शारीरिक रूप से सक्रिय रहें। समय पर दवा लेना और अपनी वार्षिक स्वास्थ्य जांच को कराते रहें।

कारण:

सर्दियों में, आपके हृदय को पूरे शरीर को गर्म रखने के लिए दोगुनी मेहनत करनी पड़ती है, जबकि ठंडे तापमान के कारण धमनियां सिकुड़ जाती हैं, जिससे रक्त का प्रवाह बाधित हो जाता है और हृदय की मांसपेशियों को ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है। इसके कारण सर्दियों के दौरान रक्त के थक्के बनने और स्ट्रोक या दिल का दौरा पड़ने की संभावना अधिक होती है।

रोकथाम और बचाव:

नियमित व्यायाम आपके शरीर को गर्म रखता है और फिट रहने में मदद करता है। सर्दियों में स्वस्थ आहार लें. तले हुए, वसायुक्त, मीठे भोजन और उच्च कोलेस्ट्रॉल वाले भोजन से बचें, जो हृदय रोग के खतरे को बढ़ा सकते हैं। मधुमेह, रक्तचाप, किडनी और संवहनी समस्याओं जैसी चिकित्सीय स्थितियों पर कड़ी नज़र रखें।

अत्यधिक शराब का सेवन आपके शरीर को आवश्यकता से अधिक गर्म कर सकता है, जो ठंड में बाहर रहने पर खतरनाक हो सकता है। शरीर धीरे-धीरे तापमान के अनुकूल ढल जाता है, इसलिए कम मात्रा में पियें। धूम्रपान से पूरी तरह परहेज करना चाहिए। सिगरेट पीना हृदय रोग या हृदय विफलता के प्रमुख कारकों में से एक है।

सर्दियों में दिल के दौरे के बारे में अधिक जानकारी के लिए पढ़ें!

सर्दी की बीमारियों से कैसे सुरक्षित रहें?

सर्दी का ठंडा मौसम और छोटे दिन आपको व्यायाम करने और स्वस्थ और फिट रहने की आदत में कमी ला सकती है। इससे आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो सकती है जिससे सर्दी की बीमारियाँ आपको दबोच सकती हैं। उपचार के विकल्पों को खोजने से बेहतर होगा, कि उन्हें रोकने के तरीके सोचें और सावधान रहें।

ठंड के मौसम में होने वाली मौसमी बीमारियों से सुरक्षित रहने में आपकी मदद के लिए यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं।

  • हाथों को धोएं: यह बीमारी से बचाव का सबसे आम और कारगर उपाय होने के साथ-साथ सबसे ज्यादा नजरअंदाज किया जाने वाला उपाय भी है। अपने हाथों को धुलने की आदत बनाने से यह सुनिश्चित होता है, कि आप रोग पैदा करने वाले कीटाणुओं से छुटकारा पा रहे हैं और इसे फैलने से भी रोक रहे हैं।
  • विटामिन सी लें: विटामिन सी शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है, जो सर्दी, फ्लू और अन्य सामान्य सर्दियों की बीमारियों के लक्षणों से लड़ने में मदद करता है।
  • हर्बल चाय पियें: कैमोमाइल जैसी हर्बल चाय पीने से आपके शरीर को आराम मिल सकता है और आपको बेहतर आराम करने में मदद मिल सकती है।
  • ध्यान लगायें: ध्यान लगाने से आपको सर्दी की उदासी, चिंता और तनाव से दूर रखने में मदद करता है। आपकी चिंता और तनाव का स्तर कम होने पर आपका शरीर संक्रमणों से प्रभावी तरीके से निपट सकता है।

शीतकालीन बीमारियों को फैलने से कैसे रोकें?

यदि आप या आपका बच्चा बीमार हैं, तो ये कदम दूसरों में सर्दी की बीमारियाँ फैलने से रोकने में मदद कर सकते हैं:

  • अपनी कोहनी के मोड़ पर खांसें और छींकें, अपने हाथों पर नहीं।
  • काउंटरटॉप्स, दरवाज़े के हैंडल और रिमोट जैसे अधिक स्पर्श वाले क्षेत्रों को कीटाणुरहित करें।
  • अपने बर्तन, भोजन, टूथब्रश, कपड़े, तौलिये या अन्य व्यक्तिगत वस्तुएं साझा न करें।
  • आपके लक्षणों में जब तक सुधार न हो जाए और आप संक्रामक न हों, तब तक घर पर रहें।
  • नियमित अंतराल पर हाथों को साबुन से धोएं या हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग करें।
  • सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनें और घर पर परिवार के सदस्यों के बीच भी मास्क पहनें।

सर्दी की सामान्य बीमारियों के लिए डॉक्टर से कब मिलें?

बीमारी के आधार पर, आपको या आपके बच्चे को एंटीबायोटिक्स या एंटीवायरल जैसे उपचार की आवश्यकता हो सकती है। यदि ये लक्षण हों तो चिकित्सक से मिलें:

  • 3 महीने से छोटे शिशु या 3 महीने से अधिक उम्र के बच्चे को 100.4° F (38° C) के बीच बुखार।
  • एक वयस्क में 102° F (38.88° C) से ऊपर तेज बुखार जो चार दिनों से अधिक समय तक रहता है।
  • सांस लेने में कठिनाई, घरघराहट या सीने में दर्द।
  • अत्यधिक थकान या सुस्ती।

Last but not Least…

सर्दियों में कई मौसमी बीमारियाँ आम होती हैं, क्योंकि वायरस और बैक्टीरिया को सर्दी की बीमारियाँ फैलाने के लिए एकदम उपयुक्त मौसम होता है। शीतकालीन बीमारियों में सामान्य सर्दी, फ्लू, ब्रोंकाइटिस, न्यूमोनिया, गैस्ट्रोएंटेराइटिस और नोरोवायरस अधिक आम हैं।

सर्दी की प्रत्येक बीमारी के ठीक होने की अवधि अन्य बीमारियों से भिन्न होती है। सर्दी की सभी बीमारियों के सामान्य लक्षण हैं खांसी, बुखार, थकान, छाती में जमाव, ठंड लगना और बंद नाक।

इन शीतकालीन बीमारियों से बचाव के लिए कोई विशेष दवा नहीं है। लेकिन, कुछ निवारक उपायों को अपनाकर सर्दियों में बीमार होने के खतरे को कम किया जा सकता है।

अब जल्दी से इन उपायों को अपनाएं, सर्दी की असुविधाजनक बीमारियों से छुटकारा पाएं और अपनी सर्दियों की छुट्टियों की योजना बनाना शुरू करें, ताकि आप एक स्वस्थ और खुशहाल छुट्टियों के मौसम का आनंद उठा सकें।

 

 

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Disclaimer
इस लेख के माध्यम से दी गई जानकारी, बीमारियों और स्वास्थ्य के बारे में लोगों को सचेत करने हेतु हैं। किसी भी सलाह, सुझावों को निजी स्वास्थ्य के लिए उपयोग में लाने से पहले हमेशा अपने चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।

 

 

References –

10 Common Winter Illnesses: Are You Contagious?

https://vims.ac.in/vims-hospital/winter-seasons-diseases-india-types-preventive-measures-cure/

https://www.narayanahealth.org/blog/winter-diseases-guide-to-protect-yourselves/

https://www.cdc.gov/pertussis/index.html

https://www.mayoclinic.org/diseases-conditions/whooping-cough/symptoms-causes/syc-20378973

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Ashok Kumar
Ashok Kumar

नमस्कार दोस्तों,
मैं एक Health Blogger हूँ, और स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों के बारे में शोध-आधारित लेख लिखना पसंद करता हूँ, जो शिक्षाप्रद होने के साथ प्रासंगिक भी हों। मैं अक्सर Health, Wellness, Personal Care, Relationship, Sexual Health, और Women Health जैसे विषयों पर Article लिखता हूँ। लेकिन मेरे पसंदीदा विषय Health और Relationship से आते हैं।

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