फल खाने का सबसे अच्छा समय क्या है? जानिए कुछ प्रचलित मिथक

इंटरनेट पोषण के बारे में बहुत सी भ्रमित करने वाली जानकारियों वाले लेखों से भरा पड़ा है। उनमें से एक विषय यह भी है, कि फल खाने का सबसे अच्छा समय क्या है? इस बारे में बहुत से दावे किये गए हैं, कि आपको फलों का सेवन कब और कैसे करना चाहिए, या इसे खाने से पूरी तरह बचना चाहिए।

हमारे स्वास्थ्य के लिए फलों के फायदों से हम सब भली-भांति अवगत हैं। वे हृदय रोगों के जोखिम, रक्तचाप को ठीक रखने और कैंसर पैदा करने वाले तत्वों से सुरक्षा प्रदान करते हैं।

Mixed fruits served in white plate

हालांकि, जब फल खाने के सही समय की बात आती है, तो हम अक्सर दुविधा में पड़ जाते हैं। स्वास्थ्य लाभ पाने और प्रतिकूल प्रभावों से बचने के लिए फलों का सेवन सही मात्रा में और सही समय पर करना चाहिए।

इस लेख में, आज हम फल खाने का सबसे अच्छा समय क्या है और कुछ प्रचलित मिथकों की सत्यता को जांचने के साथ-साथ फल खाने के लिए सही समय और ख़राब समय के विषय में भी बात करेंगे। इन मिथकों की सच्चाई जानने के लिए इस लेख को पूरा अवश्य पढ़ें।

फल हमें क्यों खाने चाहिए?

Endocrine, Metabolic and Immune Disorders – Drug Targets के जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, फलों और इसके यौगिकों (Derivatives) जैसे फलों के रस में पॉलीफेनोल्स (Polyphenols) होते हैं।

पॉलीफेनोल्स में एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी दोनों के गुण होते हैं, जो शरीर को मुक्त कणों (Free Radicals) और सूजन (Inflammation) से पैदा होने वाले दुष्प्रभावों से बचाते हैं।

असंतुलित और अस्वास्थ्यकर भोजन करने के तुरंत बाद शरीर के ये “दुश्मन” बड़ी मात्रा में उत्पन्न होते हैं, विशेष रूप से वसा, कार्बोहाइड्रेट या उच्च कैलोरी वाले भोजन के बाद।

फल हमें कब खाने चाहिए?

फल खाने का सबसे अच्छा समय क्या है?

कुछ लोग कहते हैं, कि फल खाने के लिए सुबह का समय सबसे अच्छा होता है। तर्क यह है, कि खाली पेट फल खाने से पाचन में सुधार, वजन पर नियत्रण, सिस्टम डिटॉक्सीफाई और मोटापे से संबंधित कुछ बीमारियों को भी रोकने में मदद मिलती है। वहीं अन्य दूसरे लोगों का दावा है, कि फल खाने के लिए दोपहर का समय सबसे अच्छा होता है।

हालाँकि, ऊपर किये गए दावों में कोई सच्चाई नहीं है, ना ही किसी वैज्ञानिक शोध द्वारा प्रमाणित हैं। इसके पीछे एकमात्र वैध कारण वो ये है, कि दोपहर में या सुबह फल खाने से रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है और आपका पाचन तंत्र सक्रिय हो जाता है।

यह एक तथ्य है, कि खाली पेट फल खाने से बेहतर तरीके से पचते हैं और दिन की शुरुआत करने के लिए आपको आवश्यक ऊर्जा प्रदान करते हैं। यदि आप दिन की शुरुआत फल से करते हैं, तो आप पूरे दिन सक्रिय और ऊर्जावान बने रहेंगे।

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फल खाने का सबसे ख़राब समय कौन सा है?

सोने से पहले या रात में फल नहीं खाना चाहिए। यह फल खाने का यह सबसे खराब समय होता है, क्योंकि इससे रक्त शर्करा का स्तर बढ़ सकता है और आप पूरी रात नींद के लिए बेचैन रहेंगे।

कई स्वास्थ्य विशेषज्ञ यह भी सलाह देते हैं, कि रात का खाना सोने से कम से कम 2-3 घंटे पहले खा लेना चाहिए। याद रखें! खाना खाकर तुरंत सोने से आपको अपच, एसिडिटी और पेट फूलने की समस्या हो सकती है।

Mixed sliced fruits

फल खाने के अच्छे समय के बारे में मिथक

फ्रूट्स खाने का उपयुक्त तरीका और वक़्त क्या है? इसके बारे में कई सारे मिथक प्रचलित हैं। उनमें से कुछ मिथकों के बारे में तथ्यों के साथ बात करेंगे, जो यहाँ नीचे उल्लिखित हैं:

मिथक 1: भोजन के साथ नहीं फल हमेशा खाली पेट खाएं

यह फल खाने के समय के बारे में सबसे प्रचलित मिथकों में से एक है।

मिथक का दावा है, कि भोजन के साथ फल खाने से पाचन की गति धीमी हो जाती है और भोजन आपके पेट में बैठ जाता है और सड़ने लगता है। यह अपाच्य भोजन ही अपच, पेटदर्द, गैस, बेचैनी और अन्य बीमारियों का कारण बनता है।

हालांकि, फलों में मौजूद फाइबर आपके पेट से भोजन के निकलने की गति को धीमा कर सकता है, लेकिन बाकी के दावों में कोई सच्चाई नहीं है।

हां, फल आपके पेट में मौजूद भोजन को छोटी आंत में पहुंचाने की दर को धीमा अवश्य कर देते हैं, लेकिन, वे पाचन क्रिया को धीमा नहीं करते हैं या आपके पेट में लंबे समय तक बैठने का कारण नहीं बनता है।

भोजन पेट में पहुंचने के बाद पेट के एसिड के साथ मिल जाता है, जिसका पीएच लगभग एक या दो होता है। आपके पेट की सामग्री इतनी अम्लीय हो जाती है, कि अधिकांश सूक्ष्मजीव विकसित नहीं हो पाते।

पाचन का यह हिस्सा आंशिक रूप से आपके भोजन में बैक्टीरिया को मारने और माइक्रोबियल विकास को रोकने में मदद करता है।

इसलिए, यह कहना कि भोजन के साथ फल खाने से पेटदर्द, गैस और बेचैनी होती है, सिर्फ एक मिथक है।

मिथक 2. भोजन से पहले या बाद में फल खाने से इसके पोषक तत्व कम हो जाते हैं

मतलब, केवल खाली पेट फल खाने से ही आप फल के सभी पोषण पा सकते हैं, और इसे भोजन से पहले या बाद में खाने से इसके पोषक तत्व कम हो जाते हैं। यह गलत है।

आपका शरीर कुछ इस तरह से कार्य करता है, कि यह भोजन से सभी पोषक तत्वों को कुशलतापूर्वक निकालने के लिए कई तरह की प्रक्रियाएं करता है।

भोजन के सभी पोषक तत्व विशाल छोटी आंत में अवशोषित हो जाते हैं, जिसका अर्थ यह है, कि छोटी आंत को अधिक से अधिक पोषक तत्वों को अवशोषित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसकी लंबाई 20 फीट (6 मीटर) तक है, जिसमें 320 वर्ग फीट (30 वर्ग मीटर) से अधिक का अवशोषण क्षेत्र है।

आपके द्वारा खाए जाने वाले भोजन या फल से अधिक से अधिक पोषक तत्वों को अवशोषित कर लेती है। आंतों को इससे कुछ भी फर्क नहीं पड़ता है, कि आप फल खाली पेट खा रहे हैं या भोजन के साथ।

मिथक 3. डायबिटिक लोगों को खाने के 1-2 घंटे पहले या बाद में फल खाने चाहिए

कुछ लोग यह कहते हैं, कि मधुमेह से पीड़ित लोगों को पाचन संबंधी समस्याएं होती हैं, और उन्हें अपने पाचन तंत्र को बेहतर बनाने के लिए फल को भोजन से 1 या 2 घंटे पहले या बाद में खाना चाहिए।

हालाँकि, इस मिथक के पीछे वैज्ञानिक तथ्य का पूर्णतया अभाव है।

जब आप फलों को अलग से खाते हैं, तो फलों के कार्ब्स और चीनी की मात्रा तेजी से रक्तप्रवाह में मिल सकती है, जो मधुमेह रोगियों के लिए हानिकारक है। आप जो कुछ भी खाते हैं, वह सब पेट में जाता है और पेट एक तालाब के रूप में काम करता है। वह भोजन की उतनी ही मात्रा छोटी आंत में छोड़ता है, जितनी कि आसानी से पच सके।

इसलिए, किसी भी मधुमेह पीड़ित को फलों को अलग से खाने के बजाय भोजन या नाश्ते में उच्च प्रोटीन, फाइबर, या वसा के साथ खाना चाहिए। यह मधुमेह के लोगों के लिए फायदेमंद है, क्योंकि इससे कम मात्रा में चीनी अवशोषित हो पाती है, जिससे उनके रक्त शर्करा के स्तर में केवल मामूली वृद्धि हो सकती है।

कुछ डायबिटिक लोगों को गैस्ट्रोपैरिसिस (Gastroparesis) जैसी पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, जिनका इलाज आहार में बदलाव करके और व्यायाम करके किया जा सकता है।

Fresh fruits isolated white background

मिथक 4. फल खाने का सही टाइम सुबह का होता है

इस मिथक के समर्थन करने का कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

दावा यह है, कि कि फल खाने से आपके रक्त शर्करा के स्तर में वृद्धि होती है और आपके पाचन तंत्र को “जगाता” है।

वास्तव में, कोई भी कार्ब युक्त भोजन आपके रक्त शर्करा को अस्थायी रूप से बढ़ा देता है, क्योंकि ग्लूकोज अवशोषित हो जाता है, इसमें दिन के समय का महत्व नहीं रहता है।

हालांकि, फल आपके शरीर को ऊर्जा और अन्य पोषक तत्व प्रदान करने के अलावा, और कोई विशेष लाभ नहीं है।

आपके पाचन तंत्र को “जागने” की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह हमेशा तैयार रहता है, जैसे ही भोजन आपकी जीभ को छूता है, चाहे वह कोई भी समय हो।

सच्चाई यह है, कि फल दिन के किसी भी समय खाने पर शरीर के लिए स्वास्थ्यकर ही होते हैं। लेकिन रात में और सोने से ठीक पहले फल नहीं खाना चाहिए।

मिथक 5. दोपहर 2:00 बजे के बाद फल नहीं खाना चाहिए

यह दावा किया जाता है, कि आपको दोपहर 2 बजे के बाद फल से बचना चाहिए।

ऐसा विचार है, कि दोपहर 2:00 बजे के बाद फल खाने से ब्लड शुगर बढ़ जाता है, और शरीर के पास इतना समय नहीं होता है, कि सोने से पहले इस बढ़े हुए स्तर को ठीक कर सके, ताकि वजन न बढ़ सके।

हालांकि, इसे मानने का कोई कारण नहीं है, कि फल दोपहर में खाने से उच्च रक्त शर्करा का कारण बनेंगे।

कोई भी कार्ब युक्त भोजन आपके रक्त शर्करा को बढ़ा देगा, क्योंकि ग्लूकोज अवशोषित हो जाता है। फिर भी, इस बात का कोई शोध प्रमाण नहीं है, कि दोपहर 2 बजे के बाद आपकी रक्त शर्करा दिन के किसी भी अन्य समय की तुलना में अधिक बढ़ जाएगी।

आपके शरीर की कार्ब ग्रहण करने की मात्रा पूरे दिन उतार-चढ़ाव भरी हो सकती है, लेकिन ये परिवर्तन पूरी चयापचय दर को प्रभावित नहीं कर सकता है।

यह सिर्फ एक मिथक है , और इस बात का भी कोई सबूत नहीं है, कि दोपहर 2:00 बजे के बाद फल खाने से वजन बढ़ता है, सच नहीं है।

हालांकि, जब आप सोते हैं, तब आपकी चयापचय दर कम हो जाती है, लेकिन फिर भी आप कैलोरी को जला रहे होते हैं।

मिथक 6. केवल चमकीले और रंगीन फल ही स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं?

यह सच है; रंग-बिरंगे फल आपके लिए फायदेमंद हैं। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है, कि बाकी दूसरे फल आपके लिए फायदेमंद नहीं हैं, और आप सिर्फ चटक रंग के फलों का ही सेवन करें।

पोषकता की दृष्टि से प्रत्येक फल का अपना एक महत्व होता है, जो विभिन्न प्रकार के विटामिन और अन्य पोषक तत्वों जैसे एंटीऑक्सिडेंट और फाइबर से भरा होता है; इसलिए प्रत्येक फल आपको ढेर सारे विभिन्न स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है!

सिर्फ इसलिए कि फल फीका दिखता है, तो इसका मतलब कदापि नहीं है, कि यह फायदेमंद नहीं है! हमारे शरीर को विटामिन और पोषक तत्वों के मिश्रण की आवश्यकता होती है।

इसलिए याद रखें, यह सिर्फ एक मिथक है, कि केवल चमकीले और रंगीन फल ही अच्छे होते हैं, बल्कि सभी फलों का अपना एक अलग प्रभाव है।

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वजन घटाने के लिए फल खाने का सही समय क्या है?

वजन घटाने के लिए, फलों को खाने का कोई सही या उचित समय नहीं होता है। क्योंकि, फलों में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, इसलिए फल खाने के बाद आपका पेट अधिक समय तक भरा रहता है, जो आपको अधिक खाने से रोकता है।

कम कैलोरी लेने पर वजन घटाने में मदद मिलती है। तो आप बेफिक्र होकर दिन के किसी भी समय में कम कैलोरी वाले भोजन के साथ और उच्च फाइबर वाले फलों को खा सकते हैं।

जंक फ़ूड खाने से बचने और खाने की इच्छा पर नियंत्रण पाने के लिए आप फलों को नाश्ते के रूप में भी खा सकते हैं। एक शोध के अनुसार, विभिन्न प्रकार के फलों में मोटापा-रोधी प्रभाव निम्नलिखित कारणों से होता है:

  • फल कैलोरी में कम होते हैं।
  • फलों में विटामिन और फाइटोकेमिकल्स होते हैं, जो शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक होते हैं।
  • फल आंत के स्वस्थ माइक्रोबायोम को भी पोषित कर सकते हैं।
  • तरबूज और सेब जैसे फलों में पानी और फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो संतुष्टता की भावनाओं को बढ़ाते हैं।

Apple Cider Vinegar Gummy आपके पेट को लंबे समय तक भरा हुआ महसूस करा सकते हैं और मेटाबोलिज्म को बढ़ावा दे सकते हैं, जिससे आपको तेजी से वजन कम करने में मदद मिलती है।

मधुमेह वालों के लिए फल खाने का सबसे बढ़िया समय

यदि किसी को टाइप-2 मधुमेह है, तो उन्हें कार्बोहाइड्रेट और चीनी से भरपूर फलों से बचना चाहिए, जो रक्त शर्करा के स्तर को प्रभावित कर सकते हैं।

इसका मतलब यह नहीं है, कि वे फल बिल्कुल नहीं खा सकते। स्वस्थ खनिज, पोषक तत्व और फाइटोकेमिकल्स प्राप्त करने के लिए आपको अपने आहार में फलों को शामिल करना चाहिए।

डायबिटिक लोग कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Glycemic Index) और हाई फाइबर वाले फल जैसे चेरी, आलूबुखारा आदि दिन में कभी भी खा सकते हैं।

रक्त शर्करा के स्तर पर उनके प्रभाव को दूर करने के लिए उन्हें उच्च प्रोटीन या वसायुक्त भोजन के साथ सेवन करना चाहिए। भोजन के साथ फाइबर युक्त फल छोटी आंत में चीनी के प्रवेश को धीमा कर देते हैं।

डायबिटिक लोग एक पूरा फल खा सकते हैं, बशर्ते इसकी मात्रा कुल कैलोरी सेवन के 12% से कम होनी चाहिए।

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वसायुक्त भोजन के बाद खट्टे फलों को खाने का महत्व

भोजन के बाद भरपूर मात्रा में फल खाने के लाभों के बारे में कई सारे वैज्ञानिक शोध किये गये हैं। 2010 में University at Buffalo (United States) की एक अध्ययन रिपोर्ट The American Journal of Clinical Nutrition में प्रकाशित हुई थी।

जिसके अनुसार, संतरे के रस में मौजूद फ्लेवोनोइड्स (Flavonoids) की भूमिका उपापचय (Metabolites) (शरीर से कचरा साफ़ करने) की होती है।

खट्टे फलों में मौजूद दो एंटीऑक्सिडेंट, नारिंगिन और हेस्पेरिडिन अस्वास्थ्यकर भोजन से उत्पन्न ऑक्सीडेटिव तनाव (फ्री रेडिकल्स) और सूजन को बेअसर करते हैं और रक्त वाहिकाओं को नुकसान से बचाते हैं।

नारिंगिन एक फ्लेवोनोइड है, जो अंगूर, नींबू, संतरे, क्लेमेंटाइन और कीनू में पाया जाता है। यह फ्लेवोनॉयड कोशिकाओं की दीवारों को मजबूत करने, शरीर को शुद्ध करने और वजन घटाने में सहायक है। यह फ्लू पर भी प्रभाव डालता है, मांसपेशियों को आराम देने वाले के रूप में कार्य करता है।

यदि आपको गर्भावधि मधुमेह है (Gestational diabetes)

गर्भकालीन मधुमेह तब होता है, जब किसी स्त्री में गर्भावस्था के दौरान मधुमेह विकसित हो जाती है। इन लोगों के लिए, गर्भावस्था के दौरान हार्मोन में परिवर्तन कार्ब असहिष्णुता का कारण बनता है।

इसी तरह टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों के लिए, भोजन के साथ फल खाना शायद एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

हालांकि, यदि आपको अपने ब्लड शुगर को प्रबंधित करने में दिक्कत आ रही है, तो सुबह फल और अन्य कार्ब्स में कटौती करके मदद मिल सकती है।

यह तब होता है, जब गर्भावस्था के हार्मोन उच्चतम होते हैं। एक शोध रिपोर्ट से पता चला है, कि गर्भकालीन मधुमेह वाले लोग पूरे दिन की तुलना में नाश्ते के बाद रक्त शर्करा में अधिक वृद्धि का अनुभव कर सकते हैं। हालाँकि, इस विषय पर अधिक अध्ययन की आवश्यकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या फलों को खाली पेट खा सकते हैं?

जी हां, आप खाली पेट फल खा सकते हैं। खाली पेट फल खाने से कोई नुकसान नहीं होता है। हालाँकि, मधुमेह से ग्रस्त व्यक्ति को खाली पेट फल खाने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे रक्त शर्करा का स्तर तेजी से बढ़ सकता है।

क्या रात में फल खाना अच्छा है?

नहीं, रात में फल खाने की सलाह नहीं दी जाती है। रात में फलों के सेवन से शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ता है और नींद में खलल उत्पन्न होता है।

क्या मैं रात के खाने में केवल फल खा सकता हूँ?

नहीं, आपको रात के खाने में सिर्फ फल नहीं खाना चाहिए। आपका रात का खाना कार्ब्स, प्रोटीन और फाइबर का संयोजन होना चाहिए। यदि आप वजन घटाने की योजना बना रहे हैं तो आप रात में हल्का भोजन कर सकते हैं, लेकिन भोजन छोड़ना स्वस्थय के लिए ठीक नहीं है।

यदि हम रोज फल खायें तो क्या होगा?

फल संतुलित आहार का एक हिस्सा है। इन्हें रोजाना खाने से पाचन तंत्र मजबूत होता है, आप सक्रिय रहते हैं और आपके संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार होता है। हालांकि, फलों की मात्रा अधिक नहीं होनी चाहिए, अन्यथा डायरिया भी हो सकता है।

क्या मैं सोने से पहले संतरे खा सकता हूं?

नहीं, सोने से ठीक पहले संतरे जैसे खट्टे फल न खाएं। खट्टे फल हमारे पेट में अधिक मात्रा में एसिड पैदा करते हैं, जो आपको पूरी रात जगाए रख सकते हैं। इसलिए सोने से पहले खट्टे फल न खाने की सलाह दी जाती है।

Last but not Least…

अब तक तो आप यह जान गए होंगे, कि फल खाने का सबसे अच्छा समय क्या है। इसलिए, बिना किसी शंका या परेशानी के अपने शरीर को विटामिन, खनिज और अन्य पोषक तत्व प्रदान करते रहें। इसके लिए आपको अपनी पसंद और जीवनशैली के आधार पर फलों के सेवन का चुनाव करना चाहिए।

फल स्वस्थ और संतुलित आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। वे कैलोरी और वसा में कम होते हैं, लेकिन फाइबर से भरे होते हैं। उनमें मौजूद पौधों के यौगिक जैसे कि एंटीऑक्सिडेंट के साथ-साथ वे विटामिन और खनिजों से भरपूर होते हैं।

फल खाने के लिए उचित समय या सबसे खराब समय होने का दावा करने वाले मिथक निराधार और असत्य हैं। वास्तव में, ये बने-बनाए नियम केवल भ्रम और गलत सूचना फैलाते हैं।

दिन का कोई भी समय हो, स्वादिष्ट मीठे फलों को खाने का लुत्फ़ उठायें और यह वजन कम करने का सुखद तरीका है, जिससे आपके शरीर को ढेर सारे पोषक तत्व मिलते हैं।

 

 

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Disclaimer

इस लेख के माध्यम से दी गई जानकारी, बीमारियों और स्वास्थ्य के बारे में लोगों को सचेत करने हेतु हैं। किसी भी सलाह, सुझावों को निजी स्वास्थ्य के लिए उपयोग में लाने से पहले हमेशा अपने चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।

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Ashok Kumar
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नमस्कार दोस्तों,
मैं एक Health Blogger हूँ, और स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों के बारे में शोध-आधारित लेख लिखना पसंद करता हूँ, जो शिक्षाप्रद होने के साथ प्रासंगिक भी हों। मैं अक्सर Health, Wellness, Personal Care, Relationship, Sexual Health, और Women Health जैसे विषयों पर Article लिखता हूँ। लेकिन मेरे पसंदीदा विषय Health और Relationship से आते हैं।

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