Malaria Fever: मलेरिया बुखार कैसे होता है? जानें लक्षण, कारण और इलाज

“Malaria Fever: मलेरिया बुखार” एक गंभीर और कभी-कभी जानलेवा उष्णकटिबंधीय बीमारी है, जो एक प्लाज्मोडियम परजीवी (Plasmodium parasites) से संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलती है, इसका लक्षण बुखार, सिरदर्द और ठंड लगना है। दुनिया भर में मलेरिया परजीवी की 5 प्रजातियां मौजूद हैं, लेकिन इनमें से 2 प्रजातियां – पी. फाल्सीपेरम और पी. विवैक्स सबसे अधिक घातक हैं, जो मौत का कारण बनती हैं।

WHO के अनुसार, 2021 में, अफ्रीकी क्षेत्र मलेरिया बुखार के 95% मामलों और 96% मलेरिया से होने वाली मौतों का घर था। इस क्षेत्र में मलेरिया से होने वाली सभी मौतों में 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की हिस्सेदारी लगभग 80% है।

Anopheles mosquito

मलेरिया बुखार क्या है, यह लोगों को कैसे प्रभावित करता है, उपचार के विकल्प क्या हैं और इसे कैसे रोक सकते हैं, इसके बारे में अधिक जाननें के लिए इस लेख को पढ़ें।

मलेरिया क्या है? (what is Malaria Fever?)

मलेरिया बुखार एक गंभीर जानलेवा मच्छर संवाहित बीमारी है। यह आमतौर पर संक्रमित मादा एनोफिलीज (Anopheles) मच्छर के काटने से फैलती है। संक्रमित मच्छरों में प्लाज्मोडियम परजीवी (Plasmodium parasite) होता है। शुरुआती लक्षणों में कंपकंपी या ठंड लगकर बुखार आना शामिल है, और समय के साथ आंतरिक अंगों को क्षति पहुंचा सकता है, जिससे मृत्यु भी हो सकती है।

मलेरिया के परजीवी आमतौर पर उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जलवायु में पाये जाते हैं। यदि कोई संक्रमित मच्छर किसी इंसान को काट लेता है, तो परजीवी संक्रमण पैदा करने और लाल रक्त कोशिकाओं को नष्ट करने से पहले ये यकृत में अपनी संख्या को बढ़ाते हैं। फिर वहां से निकलकर परजीवी रक्तप्रवाह में मिल जाते हैं और लाल रक्त कोशिकाओं को संक्रमित करना शुरू कर देते हैं।

लाल रक्त कोशिकाओं के अंदर परजीवियों की संख्या 48 से 72 घंटों के भीतर दुगुनी हो जाती है, जिससे संक्रमित कोशिकाएं फट जाती हैं। परजीवियों का संक्रमण निरंतर जारी रहने से बुखार, ठंड लगना, कंपकंपी और सिरदर्द सहित मलेरिया के लक्षण पैदा होते हैं, जो दो से तीन दिनों तक चलने वाले चक्रों में होते हैं।

यदि इसका इलाज नहीं किया जाता है, तो मलेरिया दौरे, मस्तिष्क क्षति, सांस लेने में परेशानी, अंगों की विफलता और मृत्यु जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं भी पैदा कर सकता है।

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मलेरिया बुखार कितना आम है? (How Common is Malaria Fever?)

नवीनतम विश्व मलेरिया रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में 245 मिलियन मामलों की तुलना में 2021 में मलेरिया के 247 मिलियन मामले थे। मलेरिया बुखार से होने वाली मौतों की अनुमानित संख्या 2020 में 625 000 की तुलना में 2021 में 619 000 थी। इनमें से अधिकांश मामले अफ्रीका और दक्षिण एशिया में होते हैं।

महामारी (2020-2021) के 2 चरम वर्षों में, COVID-संबंधी व्यवधानों के कारण लगभग 13 मिलियन अधिक मलेरिया के मामले और 63 000 अधिक मलेरिया से मौतें हुईं। दुनिया भर में मलेरिया से होने वाली मौतों में से आधे से अधिक के लिए चार अफ्रीकी देशों का योगदान है: नाइजीरिया (31.3%), कांगो (12.6%), तंजानिया (4.1%) और नाइजर (3.9%)

विश्व स्तर पर, मलेरिया इतनी अधिक बीमारी और मृत्यु का कारण बनता है, कि यह बीमारी कई कई देशों की राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं पर भारी पड़ती है। चूंकि मलेरिया से त्रस्त देश पहले से ही गरीब हैं, ऊपर से यह बीमारी उन्हें गरीबी के दुष्चक्र से बाहर निकलने ही नहीं देती है।

मलेरिया निर्मूलन के लिए WHO का संकल्प (WHO Resolution to Eliminate Malaria)

मलेरिया 2016-2030 के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की वैश्विक तकनीकी रणनीति, को 2021 में सुधार करके, इस तकनीकी रूपरेखा को सभी मलेरिया प्रभावित देशों को प्रदान किया गया। इसका उद्देश्य क्षेत्रीय और देश के कार्यक्रमों का मार्गदर्शन और समर्थन करना है, ताकि वे मलेरिया बुखार के नियंत्रण और उन्मूलन की दिशा में प्रभावी ढंग से काम कर सके।

इस महत्वाकांक्षी रणनीति के योग्य परिणामों को प्राप्त करने लिए कुछ वैश्विक लक्ष्य निर्धारित किये गए हैं, जिसमें शामिल हैं:

  • 2030 तक मलेरिया के मामले कम से कम 90% तक कम करना
  • 2030 तक मलेरिया मृत्यु दर को कम से कम 90% तक कम करना
  • 2030 तक कम से कम 35 देशों में मलेरिया को खत्म करना
  • मलेरिया से मुक्त सभी देशों में मलेरिया को पुनः पनपने से रोकना

मलेरिया बुखार के लक्षण क्या हैं? (What is Symptoms of Malaria Fever?)

मलेरिया बुखार के लक्षण फ्लू (Flu) के लक्षणों के समान होते हैं, और इसमें निम्न लक्षण शामिल हो सकते हैं:

  • कंपकंपी और ठंड के साथ बुखार आना।
  • सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द।
  • जोड़ों में दर्द और थकान।
  • सीने में दर्द, सांस लेने में समस्या और खांसी।
  • दस्त, मतली और उल्टी।

जैसे-जैसे मलेरिया बिगड़ता है, यह एनीमिया और पीलिया (त्वचा पीली और आंखें सफेद) का कारण बन सकता है।

सेरेब्रल मलेरिया सबसे गंभीर प्रकार माना जाता है, जो कोमा में बदल सकता है। यह प्रकार बच्चों में लगभग 15% मृत्यु और लगभग 20% वयस्क मृत्यु का कारण बनता है।

Women suffering from malaria fever

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मलेरिया के लक्षण कब शुरू होते हैं?

मलेरिया के लक्षण आमतौर पर संक्रमित होने के 10 दिन से एक महीने के भीतर दिखाई देते हैं। कुछ मामलों में, लक्षण कई महीनों तक विकसित नहीं हो सकते हैं। परजीवी के प्रकार के आधार पर, लक्षण हल्के या मध्यम हो सकते हैं। मच्छर के काटने के बाद परजीवी कभी-कभी लक्षण पैदा किए बिना कई वर्षों तक शरीर में निष्क्रिय रह सकते हैं।

इन बातों का अवश्य ध्यान रखें:

  • मलेरिया के लक्षण सर्दी या फ्लू के लक्षणों के समान होते हैं, इसलिए शुरुआत में यह बता पाना मुश्किल हो सकता है, कि आपको हुआ क्या है।
  • मलेरिया बुखार के लक्षण हमेशा 2 सप्ताह के भीतर दिखाई दें यह जरूरी नहीं हैं, खासकर यदि यह पी. विवैक्स परजीवी से संक्रमण हो।
  • ऐसे क्षेत्र जहाँ मलेरिया बहुत ही आम है, वहां लोग इसके संपर्क में रहने से आंशिक रूप से प्रतिरक्षित (immune) हो सकते हैं। लेकिन यह प्रतिरक्षा ख़त्म हो सकती है, यदि वे किसी दूसरे स्थान पर जाते हैं, जहां मलेरिया के मामले बहुत कम हैं।

मलेरिया का जोखिम क्या हैं? (What are the Risks of Malaria Fever?)

मलेरिया होने का सबसे बड़ा जोखिम कारक उन क्षेत्रों में रहना या उन क्षेत्रों की यात्रा या दौरा करना है, जहाँ यह बीमारी बहुत आम है। इनमें उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्र शामिल हैं:

  • उप सहारा अफ्रीका
  • दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया
  • प्रशांत द्वीप
  • मध्य अमेरिका और उत्तरी दक्षिण अमेरिका

जोखिम की स्थिति स्थानीय स्तर पर मलेरिया नियंत्रण, मौसम के कारण मलेरिया की दरों में परिवर्तन और मच्छरों के काटने से बचाव के लिए आपके द्वारा बरती जाने वाली सावधानियों पर निर्भर करती है। मलेरिआ से गंभीर बीमारी के जोखिम तो सभी लोगों पर एक समान लागू होता है पर लोगों को अतिरिक्त सावधानी की आवश्यकता होती है, उनमें शामिल हैं:

  • छोटे बच्चे और शिशु
  • बूढ़े और उम्रदराज
  • बिना मलेरिया वाले क्षेत्रों से आने वाले यात्री
  • गर्भवती महिलाएं और उनके अजन्मे बच्चे

उच्च मलेरिया दरों वाले कई देशों में, निवारक उपायों, चिकित्सा देखभाल और जानकारी तक पहुंच की कमी के कारण समस्या और भी गंभीर हो गई है।

Anopheles Mosquito

मलेरिया बुखार का कारण (Causes Malaria Fever?)

जब मलेरिया से संक्रमित व्यक्ति को मच्छर काटता है, तो मच्छर संक्रमित हो जाता है। ऐसे में जब वह मच्छर किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काटता है, तो वह परजीवी को उस व्यक्ति के खून में प्रवाहित कर देता है। मलेरिया परजीवी के पांच प्रकार होते हैं, जो मनुष्यों को संक्रमित कर सकते हैं।

मलेरिया परजीवियों की यही प्रजातियां मनुष्यों में मलेरिया बुखार का कारण बनती हैं, लेकिन इनमें से 2 प्रजातियां – Plasmodium Falciparum (P. Falciparum) और Plasmodium Vivax (P. Vivax) सबसे खतरनाक माने जाते हैं। पी. फाल्सीपेरम सबसे घातक मलेरिया परजीवी है और अफ्रीकी महाद्वीप पर सबसे अधिक प्रचलित है। पी. विवैक्स उप-सहारा अफ्रीका के अलावा अधिकतर देशों में प्रमुख मलेरिया परजीवी है।

मलेरिया परजीवी के प्रकार (Types of Malaria Parasite)

एनोफ़ेलीज़ मच्छर आमतौर पर उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है। मलेरिया परजीवी प्लाज्मोडियम पैरासाइट्स के पाँच प्रकार मनुष्यों को संक्रमित कर सकती हैं, उनमें शामिल हैं:

1. Plasmodium Falciparum (PF)

इसे सबसे घातक परजीवी माना जाता है, विश्व में मलेरिया से होने वाली 90% से अधिक मौतों के लिए जिम्मेदार है। यह अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और दक्षिण पूर्व एशिया में पाया जाता है। इसके लक्षणों में चक्कर आना, मांसपेशियों में दर्द, थकान, पेट में दर्द, पीठ में दर्द, दौरे, मतली, उल्टी, बुखार, सिरदर्द आदि शामिल हैं। यह मलेरिया बुखार का सबसे गंभीर प्रकार है, इसकी जांच, निदान और समय पर इलाज करवाना महत्वपूर्ण है, क्योंकि संक्रमण पीड़ित व्यक्ति के मस्तिष्क और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।

2. Plasmodium Malaria (PM)

मलेरिया के अन्य प्रकारों की तुलना में इसे बहुत व्यापक नहीं माना जाता है। इस प्रकार का मलेरिया मध्य और दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका और दक्षिण पूर्व एशिया के उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है। इसे दूसरों की तरह घातक नहीं माना जाता है, लेकिन व्यापकता में यह तीसरे स्थान पर है। इस मलेरिया के लक्षणों में तेज बुखार और ठंड लगना शामिल है।

3. Plasmodium Vivax (PV)

मलेरिया का यह रूप दुनिया भर में व्यापक रूप से फैला हुआ है और भारत में भी 60% से अधिक मलेरिया के लिए जिम्मेदार है। संक्रमण के 48 घंटे के बाद तीसरे दिन बुखार की अचानक शुरुआत हो सकती है। जो कंपकंपी के साथ तेज बुखार और पसीना आता है, जो 2-6 घंटे तक रहता है। इसके सबसे आम लक्षणों में ठंड के साथ बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द (myalgia), मतली, उल्टी, भूख में कमी और जोड़ों का दर्द (Arthralgia) शामिल हैं। संक्रमित व्यक्ति में मलेरिया के ये लक्षण फ्लू जैसे ही होते हैं।

4. Plasmodium Ovale (PO)

इसे मलेरिया के सभी प्रकारों में सबसे दुर्लभ माना जाता है, और टर्टियन मलेरिया (tertian malaria) का कारण बनती है, जो एक पुनरावर्ती संक्रमण है। यह मुख्य रूप से लाइबेरिया, घाना और नाइजीरिया सहित उष्णकटिबंधीय पश्चिम अफ्रीकी क्षेत्र में पाया जाता है। यह दुर्लभ है, क्योंकि संक्रमित मच्छर के काटने के बाद परजीवी का 4 साल तक की अवधि के बाद पुनरावर्तन हो सकता है। ये परजीवी रोगी के आरबीसी को फिर से संक्रमित कर सकते हैं और बीमार कर सकते हैं।

5. Plasmodium Knowlesi (PK)

इसे मूल रूप से सिमियन मलेरिया का कारण माना जाता है, यह अब पांचवें मानव मलेरिया परजीवी के रूप में पहचाना जाता है। जो स्वाभाविक रूप से दक्षिण पूर्व एशिया में बंदरों (Macaques) के साथ साथ मनुष्यों को भी संक्रमित करता है, जिसे जूनोटिक मलेरिया (“Zoonotic” Malaria) कहते हैं, जो जानवर से मानव में फैलता है। यह पी. फाल्सीपेरम मलेरिया का एक प्रकार है, जिसके परिणामस्वरूप गंभीर संक्रमण होने की सबसे अधिक संभावना होती है और यदि तुरंत इलाज नहीं किया जाता है, तो मृत्यु हो सकती है।

क्या मलेरिया संक्रामक है? (Is Malaria Fever Contagious?)

मलेरिया संक्रामक नहीं है, अर्थात यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैल सकता है। मनुष्यों में मलेरिया बुखार दो तरीके से फैल सकता है:

Malaria transmission cycle

मच्छर के द्वारा प्रसारण मच्छर के द्वारा प्रसारण (Transmission by Mosquito)

मलेरिया तब फैलता है, जब एक मच्छर किसी संक्रमित व्यक्ति को काटने के बाद बीमारी से संक्रमित हो जाता है और संक्रमित मच्छर एक स्वस्थ्य व्यक्ति को काटता है। मलेरिया परजीवी शरीर में प्रवेश करने के बाद यकृत में चले जाते हैं, जहां वो वर्षों तक निष्क्रिय रह सकते हैं।

जब परजीवी पूर्ण विकसित हो जाते हैं, तो वे यकृत को छोड़ देते हैं और आपकी लाल रक्त कोशिकाओं को संक्रमित करना शुरू कर देते हैं। तब लोगों को आम तौर पर मलेरिया बुखार के लक्षण दिखाई देते हैं।

यदि इस समय एक असंक्रमित मच्छर आपको काटता है, तो यह आपके मलेरिया परजीवियों से संक्रमित हो जाएगा और जिस किसी को भी काटेगा वह संक्रमित हो जायेगा। इस तरह से मलेरिया के प्रसारण का चक्र चलता रहता है।

प्रसारण के अन्य तरीके (Other forms of Transmission)

  • गर्भवती माँ से उसके अजन्मे बच्चे को (जन्मजात मलेरिया)
  • सुइयों को साझा करना
  • ब्लड ट्रांसफ़्यूजन
  • अंग प्रत्यारोपण

मलेरिया का निदान (Diagnosis of Malaria)

मलेरिया का निदान करने के लिए, आपका डॉक्टर आपके मेडिकल इतिहास और हाल की यात्रा के बारे में पूछेगा, शारीरिक परीक्षण करेगा और रक्त परीक्षण का आदेश देगा। रक्त परीक्षण आपकी स्थिति साफ़ कर सकते हैं:

  • रक्त में परजीवी की उपस्थिति, मतलब आपको मलेरिया है।
  • किस प्रकार का मलेरिया परजीवी आपके लक्षणों का कारण बन रहा है।
  • क्या आपका संक्रमण कुछ दवाओं के प्रतिरोधी परजीवी के कारण हुआ है।
  • क्या रोग कोई गंभीर जटिलता पैदा कर रहा है।

कुछ रक्त परीक्षणों को पूरा होने में कई दिन लग सकते हैं, जबकि अन्य 15 से 20 मिनट के समय में परिणाम दे सकते हैं। आपके लक्षणों के आधार पर, आपका डॉक्टर संभावित जटिलताओं का आकलन करने के लिए अतिरिक्त नैदानिक परीक्षणों का आदेश दे सकता है।

 

मलेरिया के लिए रक्त परीक्षण

आपके रक्त में मलेरिया परजीवियों की संख्या हर दिन बदल सकती है। तो आपका परीक्षण यह बताएगा, कि आपको मलेरिया नहीं है। इस कारण से, सर्वोत्तम परिणामों के लिए आपको 2 या 3 दिनों में कई बार रक्त परीक्षण की आवश्यकता हो सकती है।

Taking a blood sample to detect the malaria parasite

मलेरिया के लिए रक्त परीक्षण के प्रकारों में शामिल हैं:

  • Rapid Diagnostic Test – RDT को एंटीजन (Antigen) परीक्षण भी कहा जाता है, यह एक त्वरित विकल्प है, जब स्मीयर उपलब्ध नहीं होते हैं। आपकी उंगली पर से लिए गए रक्त को एक परीक्षण पट्टी पर रखा जाता है, जो यह दिखाने के लिए रंग बदलता है, कि आपको मलेरिया है या नहीं। हालांकि, यह परीक्षण यह नहीं बता सकता है, कि किस मलेरिया परजीवी की वजह से आपको संक्रमण हुआ है।
  • Molecular Test – Polymerase Chain Reaction परीक्षण के रूप में भी जाना जाता है, यह परजीवी के प्रकार की पहचान कर सकता है, जो आपके डॉक्टर को यह तय करने में मदद करता है कि कौन सी दवाएं लिखनी हैं। यदि आपके रक्त में परजीवी की संख्या कम है या यदि आपके रक्त स्मीयर के परिणाम अस्पष्ट हैं, तो यह परीक्षण एक अच्छा विकल्प है।
  • Antibody Test – इस परिक्षण का उपयोग यह पता लगाने के लिए किया जाता है, कि क्या आपको पहले मलेरिया बुखार हुआ है। यह एंटीबॉडी की तलाश करता है, जो संक्रमण के बाद रक्त में दिखाई देता है।
  • Drug Resistance Test – कुछ मलेरिया परजीवी दवाओं के प्रतिरोधी होते हैं। लेकिन डॉक्टर यह देखने के लिए आपके रक्त का परीक्षण कर सकते हैं, कि कुछ दवाएं काम करेंगी या नहीं।
  • Other Blood Test – आपके रक्त का नमूना ब्लड काउंट और केमिस्ट्री पैनल के लिए ब्लड भी लिया जा सकता है। जो आपके डॉक्टर को बता सकता है, कि आपका संक्रमण कितना गंभीर है और क्या यह एनीमिया या गुर्दे की विफलता (kidney failure) जैसी अन्य समस्याएं पैदा कर रहा है।

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मलेरिया का इलाज (Treatment for Malaria)

जितनी जल्दी हो सके मलेरिया बुखार का इलाज शुरू करना महत्वपूर्ण है। मलेरिया परजीवी को मारने के लिए मलेरिया का इलाज दवाओं के साथ किया जाता है, कुछ मलेरिया परजीवी दवाओं के प्रतिरोधी हो सकते हैं।

निम्नलिखित के आधार पर दवाओं के प्रकार और उपचार की अवधि अलग-अलग होगी:

  • मलेरिया परजीवी कौन सा है
  • लक्षण कितने गंभीर हैं
  • उम्र
  • गर्भवती हैं या नहीं

मलेरिया बुखार की दवाएं (Malaria Fever Drugs)

मलेरिया रोधी कुछ दवाओं को दूसरी दवाओं के साथ मिलाकर दिया जाता है। परजीवी का प्रकार ही यह निर्धारित करेगा, कि आपका डॉक्टर किस प्रकार की दवा देता और इसे कब तक लेना है।

Medication for malaria fever

मलेरिया के इलाज के लिए डॉक्टरों द्वारा उपयोग की जाने वाली दवाओं में शामिल हैं:

  • Chloroquine or Hydroxychloroquine – यदि आपके लक्षण गंभीर नहीं हैं और आप ऐसे क्षेत्र में हैं जहां परजीवी क्लोरोक्वीन के लिए प्रतिरोधी नहीं बने हैं, तो आपका डॉक्टर इसे लेने की सलाह दे सकता है।
  • Artemisinin – based combination therapy (ACT) – इस तरह की चिकित्सा में दो दवाओं को मिलाकर देते हैं, जो अलग-अलग तरीकों से काम करती हैं। वे मलेरिया के हल्के मामलों या अधिक गंभीर मामलों के उपचार में उपयोग किए जाते हैं।
  • Atovaquone-Proguanil, Artemether-Lumefantrine – ये दवा संयोजन उन क्षेत्रों के लिए अन्य विकल्प हैं, जहां मलेरिया परजीवी क्लोरोक्वीन के प्रतिरोधी बन गए हैं। इन्हें बच्चों को भी दिया जा सकता है।
  • Mefloquine – यदि क्लोरोक्वीन प्रभावी नहीं है, तो यह दवा एक अन्य विकल्प है, लेकिन यह आपके मस्तिष्क से संबंधित दुर्लभ लेकिन गंभीर दुष्प्रभावों से जुड़ा हुआ है और इसे सिर्फ अंतिम उपाय के रूप में प्रयोग किया जाता है।
  • Artesunate – यदि आपके लक्षण गंभीर हैं, तो आपका डॉक्टर पहले 24 घंटों के लिए उपचार के रूप में इस दवा की सिफारिश कर सकता है, फिर 3 दिनों तक आर्टेमिसिनिन-आधारित संयोजन चिकित्सा के साथ इसको लें।

कुछ परजीवी जो मलेरिया बुखार का कारण बनते हैं, बीमारी का इलाज करने में उपयोग की जाने वाली लगभग सभी दवाओं के प्रतिरोधी बन गए हैं, इसलिए शोधकर्ता हमेशा नई दवाओं की तलाश में रहते हैं, जो काम करती हैं।

मलेरिया रोधी दवाओं के दुष्प्रभाव (Side Effects of Antimalarial Drugs)

मलेरिया-रोधी दवाएं दुष्प्रभाव पैदा कर सकती हैं। अपने डॉक्टर को उन अन्य दवाओं के बारे में बतायें, जो आप ले रहे हैं, क्योंकि मलेरिया-रोधी दवाएं उनके कार्य में बाधा बन सकती हैं। दवाओं के आधार पर, निम्न दुष्प्रभाव हो सकते हैं:

  • पेट और आंतों से संबंधित समस्याएं जैसे मतली और दस्त
  • सिरदर्द
  • सूर्य के प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता
  • अनिद्रा
  • मनोवैज्ञानिक विकार और दृष्टि समस्याएं
  • कान बजना
  • दौरे
  • रक्ताल्पता

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मलेरिया की जटिलतायें (Complications of Malaria)

मलेरिया घातक हो सकता है, जैसा अफ्रीका में आम प्लाज्मोडियम प्रजातियों के कारण होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, मलेरिया बुखार से होने वाली मौतों में से लगभग 94% अफ़्रीका में होती हैं, वो भी ज़्यादातर 5 साल से कम उम्र के बच्चों की।

मलेरिया से होने वाली मौतें आमतौर पर एक या एक से अधिक गंभीर जटिलताओं से संबंधित होती हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • सेरेब्रल मलेरिया – यदि परजीवी से भरी रक्त कोशिकाएं आपके मस्तिष्क की छोटी रक्त वाहिकाओं को अवरुद्ध कर देती हैं, तो आपके मस्तिष्क में सूजन या मस्तिष्क क्षति हो सकती है। सेरेब्रल मलेरिया दौरे और कोमा का कारण बन सकता है।
  • साँस लेने में तकलीफ – आपके फेफड़ों में संचित द्रव (pulmonary edema) सांस लेने में मुश्किल कर सकता है।
  • अंग की विफलता – मलेरिया किडनी या लीवर को नुकसान पहुंचा सकता है या प्लीहा के फटने का कारण बन सकता है। इनमें से कोई भी स्थिति जानलेवा हो सकती है।
  • रक्ताल्पता – मलेरिया के परिणामस्वरूप आपके शरीर के ऊतकों में ऑक्सीजन की पर्याप्त रूप से आपूर्ति के लिए लाल रक्त कोशिकाएं बहुत अधिक नहीं हो सकती हैं।
  • निम्न रक्त शर्करा – मलेरिया बुखार के गंभीर रूप निम्न रक्त शर्करा (हाइपोग्लाइसीमिया) का कारण बन सकते हैं, जैसे कुनैन – मलेरिया से निपटने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक सामान्य दवा। बहुत कम रक्त शर्करा के परिणामस्वरूप कोमा या मृत्यु हो सकती है।

मलेरिया का टीका (Malaria Vaccine)

अक्टूबर 2021 में, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनिया की पहली मलेरिया वैक्सीन RTS,S/AS01 (Mosquirix) की सिफारिश की है। यह टीका पी. फाल्सीपेरम मलेरिया परजीवी के खिलाफ काम करता है। यह रोग की मध्यम से उच्च दर वाले क्षेत्रों में बच्चों के लिए गंभीर और जानलेवा मलेरिया की दर को कम कर सकता है। यदि व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है, तो आरटीएस, एस में हर साल हजारों लोगों की जान बचाने की क्षमता है।

इस टीके की चार अलग-अलग खुराक देकर, 5 महीने से कम उम्र के बच्चों को बचा सकते हैं, जिन्हें मलेरिया का खतरा है।

शोधकर्ताओं ने पाया है, कि टीके के प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं। शोध के नतीजे दिखाते हैं, कि RTS,S के उपयोग से प्रत्येक 200 पूर्ण टीकाकरण वाले बच्चों में एक भी मौत को होने से रोका जा सकता है।

मलेरिया से बचाव (Preventing Malaria Fever)

यदि आप किसी ऐसे क्षेत्र में रहते हैं या वहां की यात्रा कर रहे हैं, जहाँ मलेरिया होना आम बात है, तो मच्छरों के काटने से बचने के उपाय करें। मच्छर शाम और भोर के बीच सबसे अधिक सक्रिय होते हैं। मच्छरों के काटने से खुद को बचाने के लिए आपको निम्न उपाय करने चाहिए:

  • अपने शरीर को ढक कर रखें फुल पैंट और पूरी आस्तीन की शर्ट पहनें।
  • रात में सोते समय मच्छर भगाने वाली क्रीम या नींबू नीलगिरी का तेल लगाकर सोएं। इनका उपयोग 3 साल से कम उम्र के बच्चों पर न करें।
  • अतिरिक्त सुरक्षा के लिए मच्छरदानी का विशेष रूप से प्रयोग करें।
  • अपने घर और आस-पास के परिसर की साफ-सफाई रखें।
  • रात में बिना जाली की खिड़कियों को खुला न रखें, क्योंकि रात के दौरान मच्छर सक्रिय हो जाते हैं।
  • खुली खिड़कियों पर जाली लगवाएं।

वर्तमान में, मलेरिया बुखार के लिए कोई ओवर-द-काउंटर दवा उपलब्ध नहीं है। इसलिए बचाव का तरीका ही इस बीमारी का एकमात्र इलाज है, जिसके लिए सभी सावधानी और सुरक्षा के उपाय करना आवश्यक है।

Women taking pill for malaria fever

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

मलेरिया से बीमार होने और मरने का सबसे ज्यादा खतरा किसे है?

प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम मलेरिया परजीवी का वह प्रकार है, जो अक्सर गंभीर और जानलेवा मलेरिया का कारण बनता है। जो लोग पी. फाल्सीपेरम से संक्रमित मच्छरों के काटने के संपर्क में आते हैं, उन्हें मलेरिया से बीमार होने और मरने का सबसे अधिक खतरा होता है। जिन लोगों में मलेरिया के लिए कोई प्रतिरक्षा नहीं है, जैसे कि छोटे बच्चे और गर्भवती महिलाएं या मलेरिया रहित क्षेत्रों से आने वाले यात्रियों के बीमार होने और मरने की संभावना अधिक होती है। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीब लोग जिनकी स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच नहीं है, उन्हें इस बीमारी का सबसे अधिक खतरा है।

क्या मलेरिया-रोधी दवा लेते समय स्तनपान कराना सुरक्षित है?

स्तनपान के दौरान मलेरिया-रोधी दवाओं की सुरक्षा के बारे में सीमित आंकड़े उपलब्ध हैं। हालांकि, नर्सिंग मां से उसके शिशु को दी जाने वाली मलेरिया-रोधी दवा की मात्रा को शिशु के लिए हानिकारक नहीं माना जाता है। स्तनपान कराने वाली महिलाओं के स्तन के दूध में मलेरिया-रोधी दवाओं क्लोरोक्वीन और मेफ्लोक्विन की बहुत कम मात्रा उत्सर्जित होती है। हालांकि स्तनपान कराने वाली महिलाओं में डॉक्सीसाइक्लिन के उपयोग के बारे में सीमित जानकारी है, लेकिन अधिकांश विशेषज्ञ मानते हैं कि इससे कोई नुकसान होने की संभावना नहीं है।

क्या मलेरिया हो जाने के बाद, यह जीवन भर साथ रहेगा?

नहीं, जरूरी नहीं। मलेरिया बुखार का इलाज संभव है। यदि सही दवाओं का उपयोग किया जाए, तो जिन लोगों को मलेरिया है, वे ठीक हो सकते हैं और उनके शरीर से सभी मलेरिया परजीवी समाप्त हो सकते हैं। हालांकि, अगर इसका इलाज नहीं किया जाता है या गलत दवा के साथ इलाज किया जाता है, तो बीमारी बनी रह सकती है। कुछ दवाएं प्रभावी नहीं होती हैं, क्योंकि परजीवी उनके प्रति प्रतिरोधी होते हैं। मलेरिया से पीड़ित कुछ लोगों का सही दवा से इलाज किया जा सकता है, लेकिन गलत खुराक से बहुत कम समय के लिए और आप दोबारा मलेरिआ की चपेट में आ सकते हैं।

हालाँकि, सामान्य तौर पर, यदि आपके मलेरिया का सही इलाज किया जाता है, तो परजीवी समाप्त हो जाते हैं और आप अब मलेरिया से संक्रमित नहीं होते हैं।

मलेरिया कहाँ होता है?

मलेरिया आमतौर पर दुनिया के गर्म क्षेत्रों – उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय देशों में पाया जाता है। उच्च तापमान एनोफिलीज मच्छर को पनपने की अनुमति देता है। मलेरिया परजीवी, जो मच्छर के अंदर बढ़ते और विकसित होते हैं, उन्हें मनुष्यों में संचरित होने के लिए पर्याप्त परिपक्व होने से पहले अपनी वृद्धि पूरी करने के लिए गर्मी की आवश्यकता होती है।

मलेरिया 100 से अधिक देशों और क्षेत्रों में होता है। दुनिया की लगभग आधी आबादी खतरे में है। अफ्रीका और दक्षिण एशिया के बड़े क्षेत्र और मध्य और दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्से, कैरेबियन, दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य पूर्व और ओशिनिया ऐसे क्षेत्र माने जाते हैं जहां मलेरिया संचरण होता है।

फिर भी मलेरिया सभी गर्म जलवायु में नहीं होता है। उदाहरण के लिए, गर्म जलवायु वाले कुछ देशों में मलेरिया का सफाया हो गया है, जबकि कुछ अन्य देशों में मलेरिया नहीं है, क्योंकि वहां एनोफिलीज मच्छर नहीं पाए जाते हैं।

क्या मलेरिया एक बड़ी समस्या है?

अधिकांश विकासशील देशों में मलेरिया को समाप्त कर दिया गया है, लेकिन अभी भी यह अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और दक्षिणी एशिया में बीमारी और मृत्यु का प्रमुख कारण है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का अनुमान है कि दुनिया भर में मलेरिया के मामलों की वार्षिक राशि 500 मिलियन तक है। यह बीमारी हर साल आधे मिलियन से अधिक संक्रमित लोगों को मारती है, इनमें से लगभग 90% मौतें उप-सहारा अफ्रीका में होती हैं, और पी. फाल्सीपेरम इन सभी मलेरिया संक्रमणों के 90% से अधिक का कारण बनता है। मलेरिया ज्यादातर छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करता है, जो कम प्रतिरक्षा के कारण अधिक कमजोर होते हैं।

मलेरिया के मामले क्यों बढ़ रहे हैं?

मलेरिया बुखार के मामलों में वृद्धि देने के लिए कई कारक हैं। मलेरिया परजीवियों ने कई मलेरिया-रोधी दवाओं के प्रति प्रतिरोध विकसित कर लिया है। अलग-अलग वजहों से लोगों का विस्थापित होना विभिन्न क्षेत्रों में नए परजीवी उपभेदों के पैदा होने का कारण बना। जलवायु भी मलेरिया संचरण को बढ़ाने में एक भूमिका निभा सकती है, लेकिन मलेरिया और जलवायु के बीच का संबंध अत्यधिक जटिल है, जो परजीवी के प्रकार और प्रभाव को निर्धारित कर सकता है। बढ़ी हुई वर्षा के परिणामस्वरूप अधिक प्रजनन पूल बन सकते हैं और रोग वाहकों की संख्या में वृद्धि हो सकती है।

सेरेब्रल मलेरिया क्या है?

सेरेब्रल मलेरिया तब होता है, जब परजीवी संक्रमित रक्त केशिकाओं या मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति करने वाली छोटी रक्त वाहिकाओं को अवरुद्ध कर देता है। इससे मस्तिष्क की क्षति और सूजन हो सकती है। यह जानलेवा हो सकता है और व्यक्ति कोमा में जा सकता है।

भारत में मलेरिआ का प्रकोप सबसे अधिक कहाँ है?

भारत के कुछ राज्यों में मलेरिया बुखार का प्रकोप सबसे अधिक है, जहाँ इसके मामले और मौतें अन्य राज्यों की अपेक्षा कहीं अधिक है। मलेरिया से त्रस्त राज्यों में शामिल हैं – बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रेदश, महाराष्ट्र, आन्ध्र प्रदेश, असम, गोवा, कर्नाटक, गुजरात, केरल, ओडीशा, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, पांडिचेरी, अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह, लक्ष्यद्वीप। हालांकि, भारत, ब्राजील, और वियतनाम जैसे कुछ देशों ने इस बीमारी को काफी हद तक काबू में कर लिया है।

Cute child girl suffering from malaria fever

Last but not Least…

मलेरिया बुखार एक गंभीर बीमारी है, जो तब हो सकती है जब किसी व्यक्ति को प्लास्मोडियम परजीवी से संक्रमित मच्छर काट लेता है, यह बिना इलाज के जानलेवा भी हो सकती है। हालांकि, सही उपचार लेने के साथ, ज्यादातर लोग पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं।

यदि, मलेरिया का उचित इलाज न किया गया, तो यह शरीर के कई महत्वपूर्ण अंगों को भी प्रभावित कर सकता है।

मलेरिया बुखार से बचने और रोकने के लिए आप कदम उठा सकते हैं। मच्छरों के काटने से खुद को बचाकर और मलेरिया-रोधी दवाएं लेकर आप संक्रमण के जोखिम को कम कर सकते हैं। यदि आप ऐसे किसी क्षेत्र की यात्रा कर रहे हैं, जहां मलेरिया आम है, तो जाने से एक सप्ताह पहले अपने डॉक्टर का परामर्श अवश्य लें। यदि आप गर्भवती हैं, तो यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।

 

 

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References –

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https://www.who.int/news-room/fact-sheets/detail/malaria

https://www.mayoclinic.org/diseases-conditions/malaria/symptoms-causes/syc-20351184

https://www.mayoclinic.org/diseases-conditions/malaria/diagnosis-treatment/drc-20351190

 

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Ashok Kumar
Ashok Kumar

नमस्कार दोस्तों,
मैं एक Health Blogger हूँ, और स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों के बारे में शोध-आधारित लेख लिखना पसंद करता हूँ, जो शिक्षाप्रद होने के साथ प्रासंगिक भी हों। मैं अक्सर Health, Wellness, Personal Care, Relationship, Sexual Health, और Women Health जैसे विषयों पर Article लिखता हूँ। लेकिन मेरे पसंदीदा विषय Health और Relationship से आते हैं।

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